नोएडा खबर

खबर सच के साथ

नोएडा के सेक्टर 134 में भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा राजेंद्रानन्द सरस्वती के श्रीमुख से हुई शुरू

1 min read

नोएडा, 14 अप्रैल।

रविवार को भव्य कलश यात्रा के साथ संत श्री राजेंद्रा नन्द सरस्वती के श्रीमुख श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ नोएडा सेक्टर 134 जेपी विशटाउन बी 45 में किया गया।

श्रीमद्भागवत कथा जेपी विशटाउन B-45 के पार्क में अगले सात दिन के लिए कलश यात्रा के साथ ही आज शाम 3 बजे से सांय 7 बजे तक प्रारंभ हो गई जिसकी जानकारी श्री गौरी शंकर वैदिक धर्मार्थ ट्रस्ट के राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी भानू प्रताप लवानिया ने दी!

आज की भव्य कलश यात्रा में सैकड़ों महिलाओं ने कलश लेकर, धर्म ध्वज, बच्चो ने भगवान की झांकी के साथ ढोल नगाड़े बजाते हुए लगभग 2 किलोमीटर की नगर परिक्रमा की ओर शिव मंदिर से कथा स्थल तक पहुंचे।

इसी के साथ आज से सात दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ हो गया जो 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक चलेगी और 21 अप्रैल को प्रातः हवन और उसके उपरांत दोपहर में भंडारे के साथ पूर्ण हो जाएगी।

यह आयोजन श्री गौरी शंकर वैदिक धर्मार्थ ट्रस्ट के तत्वाधान मैं आयोजित किया जा रहा है जिसके संयोजक और यजमान मौर्य/कुशवाह परिवार के साथ साथ संपूर्ण नोएडा है।कथा का शुभारंभ करते हुए कथावाचक महंत श्री राजेंद्रानंद सरस्वती  महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है।

इसलिए जहां भी भागवत कथा होती है, इसे सुनने मात्र से वहां के संपूर्ण क्षेत्र के और निवासियों के आस पास की दुष्ट प्रवृत्तियों का खात्मा हो जाता है और सकारात्मक उर्जा से वो सभी लोग सशक्त हो जाते है।

महाराज जी ने कहा कि कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है, जब इसे हम अपने जीवन और व्यवहार में धारण करें।

श्रीमद्भागवत कथा के श्रावण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। आज के युग मैं अधिक से अधिक युवाओं को जीवन मैं कथा के मूल चरित्र का उतरना अनिवार्य है और उनको इसका निर्वाहन करना चाहिए ताकि उनका जीवन विकार मुक्त और ऊर्जावान बन सके।

 19,351 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.