ग्रेटर नोएडा : जलापूर्ति के रखरखाव में लापरवाही, दो फर्मों पर 4.80 लाख का जुर्माना
1 min read-जल विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक ने किया औचक निरीक्षण, खामी मिलने पर की कार्रवाई
–ऐसी गलती दोबारा होने पर और कड़ी कार्रवाई की दी चेतावनी
ग्रेटर नोएडा, 27 अक्टूबर।
त्योहारी सीजन में भी जलापूर्ति नेटवर्क से जुड़े रखरखाव कार्यों में लापरवाही करने पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दो फर्मों पर 4.80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम की वसूली दोनों फर्मों को होने वाले भुगतान में से की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने जल विभाग को निर्देश दिया था, कि त्योहारों में पानी की सप्लाई में किसी तरह की दिक्कत न होने पाए, इसके लिए सीईओ ने जल विभाग को जलापूर्ति नेटवर्कों का नियमित जायजा लेने के निर्देश दिए थे।
इसके मद्देनजर जल विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह व उनकी टीम जलापूर्ति से जुड़े नेटवर्कों का लगातार जायजा लेती रही। कपिल सिंह ने बताया कि सेक्टर फाई फोर में मीडिया विलेज के पास ग्रीन बेल्ट में लगे पंप की मोटर कई दिनों से खराब थी। चाई -4 गोलचक्कर स्थित नलकूप के पास मेन लाइन में लीकेज था। आईटी सिटी स्थित ओवरहेड टैंक कैंपस के पंप की मोटर और ग्रीन बेल्ट स्थित नलकूप की मोटर कई दिनों से खराब मिली। एडब्ल्यूएचओ पुलिस चौकी स्थित नलकूप के पंप का मोटर पानी नहीं उठा रहा था। ऐसी कई खामियां मिलने पर सर्वेश बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सेक्टर ओमीक्रोन -3 के ग्रीन बेल्ट में लगे नलकूप का मोटर जल गया था, जिसे कई दिनों तक ठीक नहीं कराया गया। इससे निवासियों को जलापूर्ति की दिक्कत हुई।
जल विभाग ने मैसर्स सर्वेश बिल्डर्स एंड इंजीनियर पर 1.80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। सेक्टर पी थ्री व पी फोर के नलकूपों के औचक निरीक्षण के दौरान एक पंप ऑपरेटर को छोड़कर कोई अन्य उपस्थित नहीं मिला, जिसके चलते सप्लाई समय से नहीं चालू हो सकी। इस वजह से मैसर्स सर्वेश बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स पर ही 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा सेक्टर-3 स्थित ओवरहेड टैंक के पास डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में मेजर लीकेज होने के बावजूद समय से ठीक नहीं किया गया, जिसके चलते सेक्टरवासियों को जलापूर्ति की दिक्कत हुई। इस वजह से मैसर्स विराट कंस्ट्रक्शन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह ने बताया कि दोनों फर्मों पर लगाए गए जुर्माने की रकम इन फर्मों को होने वाले भुगतान में से कटौती कर की जाएगी। वहीं इस तरह की गलती दोहराने पर फर्मों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
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