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नई दिल्ली, 10 जुलाई।

राजधानी के मशहूर सोशल वर्कर फादर जॉर्ज सोलोमन को दिल्ली डाइआसिसन बोर्ड ( Delhi Diocesan Board) ने अपना संयोजक नियुक्त किया है। दिल्ली डाइआसिसन बोर्ड राजधानी के गिरिजाघरों, ईसाई समाज की तरफ से संचालित स्कूलों, ओल्ड एज होम वगैरह का प्रबंधन करता है। फादर जॉर्ज सोलोमन राजधानी में 1989 से विभिन्न स्कूलों, वोकेशनल संस्थानों और एज ओल्ड होम का कामकाज देख रहे हैं।

मूल रूप से तमिलनाडू से संबंध रखने वाले फादर सोलोमन अब धाराप्रवाह हिंदी बोलते हैं। उनके प्रयासों से राजधानी की ट्रींटी चर्च, तुर्कमान गेट, और सेंट थॉमस चर्च, मंदिर मार्ग में हिंदी में प्रार्थना की व्यवस्था हुई। वे दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी से  जुड़े हुए हैं जिसने राजधानी में सेंट स्टीफंस कॉलेज और सेंट स्टीफंस अस्पताल की स्थापना की थी। इन दोनों ने श्रेष्ठ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

फादर ज़ॉर्ज सोलोमन ने बताया कि वे अपनी नई भूमिका में राजधानी और एनसीआर में बेहतर शिक्षण संस्थान खोलने की हरचंद कोशिश करेंगे। वे राजघाट और शांति वन में होने वाली सर्वधर्म प्रार्थना सभा में भी भाग लेते हैं। वे बाइबिल के अंश पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी की स्थापना सन 1877 में हुई थी। यह राजधानी में वोकेशलन ट्रेनिंग इस्टीच्यूट, सेक्स वर्कर्स के बच्चों को पौष्टिक आहार तथा पुस्तकें देने के काम के अलावा नरेला में कुष्ठ रोगियों का एक केन्द्र भी चलाती है।

ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय और मां राजकुमारी एलिजाबेथ अपनी राजधानी की यात्राओं के समय ब्रदरहुड सोसायटी के केन्द्रों को देखने भी आ चुके हैं। किंग चार्ल्स 1997 में दिल्ली गए थे। वे तब दिलशाद गार्डन के करीब ताहिरपुर में दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी के सेंट जॉन वोकेशनल सेंटर पहुंचे थे। यहां पर समाज के कमजोर तबकों से जुड़े सैकड़ों नौजवानों के लिए एयरकंडीशनिंग, मोटर मैक्निक, ब्यूटिशियन, कारपेंटर, टेलरिंग वगैरह के कोर्स चलाए जाते हैं।

दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी के अहम हस्ताक्षरों में गांधी जी के परम सहयोगी दीनबंधु सी.एफ. एंड्रयूज रहे हैं। उन्होंने सेंट कॉलेज में पढ़ाया भी था। उन्होंने 1904 से 1914 तक सेंट स्टीफंस कॉलेज में पढ़ाया। वे दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी से 1916 में मिले थे। उसके बाद दोनों घनिष्ठ मित्र बने। उन्हीं के प्रयासों से ही गांधी जी पहली बार 12 अप्रैल-15 अप्रैल, 1915 को दिल्ली आए और सेंट स्टीफंस कॉलेज में रूके थे। गांधीजी को अपना आदर्श मानने वाली दिल्ली ब्रदरहुड सोसायटी की चाहत है कि वे अगले साल गांधी जयंती का कार्यक्रम अपने सेंट स्टीफंस स्कूल में मनाएं।

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