नोएडा खबर

खबर सच के साथ

एमिटी यूनिवर्सिटी ने शुरू किया एमटेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी

1 min read

नोएडा, 3 सितम्बर।
एमिटी विश्वविद्यालय ने रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओ को पूर्ण करने के लिए प्रारंभ किया एमटेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी
डीआरडीओ के उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ प्रारंभ किया संयुक्त कार्यक्रम
पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से एमिटी विश्वविद्यालय सदैव छात्रों को नवाचार पाठयक्रम की पेशकश में अग्रणी रहा है। इसी क्रम में एमिटी विश्वविद्यालय ने नये आयाम स्थापित करते हुए अपने अद्वितीय पाठयक्रम एमटेक प्रोग्राम इन डिफेंस टेक्नोलॉजी ( देश में पहली बार) का शुभारंभ किया है। यह कार्यक्रम रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) के उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ संयुक्त रूप से रक्षा क्षेत्र में आवश्यक मानव संसाधन के प्रतिभा समूह को तैयार करने के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय ध्येय से प्रारंभ किया गया है। यह पाठयक्रम अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस शुभारंभ कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) के महानिदेशक ( टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट ) डा एच बी श्रीवास्तव, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश के चांसलर डा अतुल चौहान, एमिटी विश्वविद्यालय हरियाणा के चांसलर डा असीम चौहान ने छात्रों को प्रोत्साहित किया।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआडीओ) के महानिदेशक ( टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट ) डा एच बी श्रीवास्तव ने वेबिनार में संबोधित करते हुए कहा कि इस एम टेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी कार्यक्रम का उददेश्य देश के लिए संपदा का निर्माण करना है। सभी धनी देशों में समृद्ध रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र है और भारत सरकार ने स्न 2025 तक 5 बिलियन डॉलर के रक्षा उपकरण बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे प्राप्त करने के लिए हमें पहले दिन से दक्ष और उत्पादक लोगों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है इससे इंक्युबेशन अवधि कम हो जायेगी। भारत को रक्षा अनुसंधान के लिए अपने पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने की आवश्यकता है और इस प्रकार स्टार्टअप को निधि देने के लिए कई योजनाएं प्रारंभ की गई है। इस पाठयक्रम को सफलता पूर्वक संपन्न करने के उपरांत छात्र अपना स्वंय का अनुसंधान और विकास स्टार्टअप बना सकते है ताकि हमारा लक्ष्य, अगला युद्ध अपने ही बनाये हुए भारतीय तकनीकी के हथियारों से लडने़ का पूर्ण हो सके।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने इस कार्यक्रम में भागीदारी के लिए सरकारी एजेंसियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक अद्वितीय कार्यक्रम है जिससे छात्रों में आर्थिक क्षमता और नवाचार की क्षमता विकसित होगी। डा चौहान ने घोषणा की एमिटी विश्वविद्यालय के सभी कैपस के छात्र जो एम टेक डिफेंस टेक्नोलॉजी में प्रवेश लेगे उन्हे 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी जिससे छात्रों को उद्यमी बनने और राष्ट्र के विकास के लिए कार्य करने का प्रोत्साहन प्राप्त हो।
भारत मिसाइल, लड़ाकू विमान, ड्रोन, नौसेना प्रणाली, लड़ाकू वाहन, रडार, सोनार, उच्च उर्जा सामग्री और निर्देशित उर्जा प्रणाली आदि सहित रक्षा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। शोध और विकास के अलावा उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में दो अलग अलग कॉरिडोर की घोषणा के साथ रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण को नया प्रोत्साहन मिल रहा है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां रक्षा क्षेत्र में अपने अनुसंधान एवं विकास और निर्माण उद्योग स्थापित कर रही है। माननीय प्रधानमंत्री के मिशन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़ी संख्या में इंजीनियरों और प्रौद्योगिकीविदों के अत्यधिक कुशल और प्रतिभाशाली समूह की आवश्यकता होगी।
विकसित होते रक्षा क्षेत्र कीें बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए एमिटी विश्वविद्यालय ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021 से एम टेक (डिफेंस टेक्नोलॉजी) कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इस पाठयक्रम को स्नातकोत्तर करने के लिए डिजाइन किया गया है जिससे छात्रों में आवश्यक सैद्धांतिक ज्ञान, रक्षा तकनीकी में अभ्यास कौशल एवं योग्यता विकास होगा जिससे वे अनुसंधान, डिजाइन, और विकास, उत्पादन, जीवन च्रक उपकरण जीविका का कार्य सहित उद्यमिता (स्टार्ट अप डिफेंस), रक्षा क्षेत्र में सलाहकार और परामर्शदाता की भूमिका का निर्वहन कर सकते है। इसके अतिरिक्त विस्तारित पेशकश को विशेष तकनीकी और इंजिनियरिंग नेतृत्व कौशल के साथ प्रतिभा की बाजार मांग को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह पाठयक्रम विशेषज्ञता के छह विषयों जैसे लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी, संचार प्रणाली और सेंसर, उच्च उर्जा प्रौद्योगिकी सामग्री, नौसेना प्रौद्योगिकी एवं निर्देशित उर्जा प्रौद्योगिकी के एकल विशेषज्ञता के विकल्प के साथ केन्द्रीत होगा। यह पाठयक्रम डीआरडीओं प्रयोगशालाओं, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योगों में लघु और बृहद परियोजनाओं हेतु अवसर प्रदान करेगा जो रक्षा तकनीकी व्यवसायिकों को रोजगार के लिए तैयार करेगा।
एमटेक प्रोग्राम इन डिफेंस टेक्नोलॉजी के चेयरमैन डा डब्लू सेल्वामूर्ती के अनुसार ‘‘ यह पाठयक्रम उन छात्रों के लिए है जिन्होनें इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी डोमेन में बी टेक सफलता पूर्वक पूर्ण कर लिया है और भविष्य के लिए अगले पाठयक्रम की तलाश कर रहे है, वे छात्र ये स्नातकोत्तर पाठयक्रम चुनें जो उनके कैरियर पथ को आकार देगा। उन्होनें प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पाठयक्रम की पेशकश में रक्षा उद्योग की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप अंतःविषय शिक्षा और अनुसंधान पाठयक्रम को बढ़ावा देने के लिए नया विशिष्ठ कार्यक्रम शामिल है। एमिटी का डीआरडीओं, रक्षा उद्योग सहित पीएसयू और निजी क्षेत्रों के उद्योगों के साथ जुड़ाव सहित विश्व के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय सहयोग व्याप्त है, रक्षा क्षेत्र मे मानव संसाधन की प्रतिभा की आवश्यकता को पूर्ण करने के लिए एमिटी अग्रणी स्थान पर है।
इस पाठयक्रम के शुभारंभ कार्यक्रम में एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा (श्रीमती) बलविंदर शुक्ला सहित एमिटी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक, डीन और निदेशक उपस्थित थे।

 3,421 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.