नई दिल्ली : जनसँख्या समाधान फाउंडेशन ने पीएमओ कार्यालय को कानून के लिए डोजियर सौंपा
1 min readगाजियाबाद/नई दिल्ली,10 नवम्बर।
जनसंख्या समाधान फाउंडेशन द्वारा चल रहे आमरण अनशन के 13 वें दिन अनिल चौधरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से वार्ता का बुलावा आया। राष्ट्रीय संयोजक ममता सहगल और नरेन्द्र त्यागी के प्रतिनिधिमंडल ने PMO के अंडर सेक्रेटरी मुकुल दीक्षित के साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून की प्रक्रिया पर बातचीत की और इस संबंध में उन्हें विस्तृत डोजियर सौंपा।
जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को लेकर 29 अक्टूबर से आमरण अनशन पर बैठे अनिल चौधरो को अनशन के 13 वें दिन प्रधानमंत्री कार्यालय से वार्ता के लिए बुलावा आया।
अनिल चौधरी द्वारा आमरण अनशन का हवाला देते हुए इंकार के बाद राष्ट्रीय संयोजक ममता सहगल जी और नरेन्द्र त्यागी जी के प्रतिनिधिमंडल ने PMO के अंडर सेक्रेटरी मुकुल दीक्षित के साथ जनसंख्या नियंत्रण कानून की प्रक्रिया पर बातचीत की और इस संबंध में उन्हें विस्तृत डोजियर सौंपा।
बातचीत में मुकुल जी का कहना था कि वह इन सभी बिन्दुओं को उच्च स्तर पर रखेंगे। PMO अधिकारियों द्वारा अनिल चौधरी का अनशन तुड़वाने के आग्रह को प्रतिनिधिमंडल ने जनसंख्या नियंत्रण कानून की प्रक्रिया प्रारम्भ होने तक के लिए ससम्मान अस्वीकार कर दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने PMO अघिकारियों को बताया कि अनशन समाप्त होना बड़ी बात नहीं है बल्कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून अविलंब बनाने की स्थिति में ना हो तो भी हम अड़ियल रूख अपनाकर नहीं बैठे हैं।
संगठन ने तय किया है कि अगर सरकार जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दे अथवा इस विषय पर संगठन और सरकार की संयुक्त समिति की आधिकारिक घोषणा कर दे तो भी अनिल चौधरी का अनशन समाप्त कराया जा सकता है।
प्रतिनिधिमंडल ने अघिकारियों को डोजियर में संगठन द्वारा विगत 10 वर्षों की गतिविधियों, राष्ट्रपति जी से भेंट, 125 सांसदों के समर्थन पत्र, विभिन्न रैलियों, यात्राओं तथा जनसांख्यिकीय असंतुलन संबंधित ऑकडों की सूची, एक पुस्तिका सौंपी।
अघिकारियों को 29-30 अक्टूबर की राष्ट्र रक्षा रैली के संबंध में तथ्यों के आधार पर भ्रम दूर किए। गाजियाबाद जिलाधिकारी, कमिश्नर, नगर आयुक्त और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिए गए पत्रों को भी सौंपा गया।
राष्ट्र रक्षा रैली के माध्यम से 1 करोड 20 लाख हस्ताक्षर लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय जाने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र की काॅपी दी और साथ ही वहां किसी प्रकार की समस्या ना उत्पन्न ना हो इसलिए अंत में विकल्प के लिए जंतर-मंतर स्थान भी मानने के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट उपायुक्त को दिए पत्र की काॅपी भी सौंपी। कहा गया कि संगठन का उद्देश्य विवाद पैदा करना नही अपितु जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना था।
दिल्ली रास्ता बंद होने के कारण शांतिपूर्ण ढंग से फ्लाई ओवर के नीचे बैठे लोगों को बलपूर्वक उठाने के बाद संगठन द्वारा लगभग 400 लोगों ने आमरण अनशन पर जाने की घोषणा हुई। परन्तु अनिल चौधरी जी ने सबको मनाया कि पहले केवल वही अनशन पर रहेंगे और बाकी लोग धरने पर रहेंगे।
प्रतिनिधिमंडल ने PMO अघिकारियों को बताया कि अनिल चौधरी जी के अनशन के 13 दिन होने पर दो दिन पूर्व ही संगठन के 4 अन्य लोगों ने आमरण अनशन की घोषणा कर दी है और उनके घर के लोगों ने अनापत्ति का शपथ-पत्र भी दे दिया है।
शुक्रवार को अनशन स्थल पर लोगों के आने का दिनभर तांता लगा रहा। दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के हापुड, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, मथुरा और आगरा के लोग बड़ी संख्या में धरने में उपस्थित रहे। उधर गाजियाबाद से राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने भी अनिल चौधरी से अनशन तोडने की अपील की तथा धरनास्थल आकर सहमति की बात की।
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