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एमिटी विश्वविद्यालय एमटेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम में लद्दाख के तीन होनहार छात्रों को 100 प्रतिशत छात्रवृति देगी, पहले वर्ष के लिए 50 प्रतिशत छात्रवृति की घोषणा

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(नोएडा खबर डॉट कॉम न्यूज़ ब्यूरो)

नोएडा, 13 सितम्बर।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा डिफेंस तकनीकी में कैरियर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
स्नातक के छात्रों को डिफेंस तकनीकी में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (एमटेक इन डिफेंस तकनीकी) के लिए जागरूक करने हेतु एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा लद्दाख सांइस फाउंडेशन के सहयोग से ऑनलाइन कैरियर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर लद्दाख सांइस फांउडेशन के संस्थापक निदेशक और इसरो के नैविगेशन एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सेरिंग ताशी, देहरादून के डीआरडीओं के उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक श्री शबीर अहमद, एमिटी विश्वविद्यालय में एमटेक इन डिफेंस तकनीकी कार्यक्रम के चेयरमैन डा डब्लू सेल्वामूर्ती परिचर्चा सत्र में उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का संचालन एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एडं टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजिनियरिंग के प्रमुख डा बसंत सिह सिकरवार द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के प्रारंभ में एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया और कार्यक्रम की सफलता की शुभेच्छा प्रदान की। इस अवसर पर लद्दाख के तीन प्रतिभावान छात्रों को जो एम टेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी पाठयक्रम करना चाहते है उन्हे 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति प्रदान करने की घोषण की गई और उन्हे इसके लिए दो वर्ष के पाठयक्रम की कोई फीस नही देनी होगी। कार्यक्रम के दौरान इसरो के नैविगेशन एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सेरिंग ताशी, देहरादून के डीआरडीओं के उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक श्री शबीर अहमद को एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसरशिप मानद उपाधि प्रदान करने की घोषणा भी की गई जिसके लिए अतिथियों द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

लद्दाख सांइस फांउडेशन के संस्थापक निदेशक और इसरों के नैविगेशन एयरक्राफ्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री सेरिंग ताशी ने ‘‘राष्ट्रीय निर्माण में इसरो’ पर संबोधित करते हुए कहा कि इस एमटेक इन डिफेंस तकनीकी कार्यक्रम से रोजगार, डिफेंस तकनीकी में शोध के अवसर प्राप्त होगे। उन्होनें कहा कि वर्तमान समय में अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ रही है, प्रारंभ में इसरो अंतरिक्ष के क्षेत्र में अग्रणी था किंतु अब नई अंतरिक्ष निती से दरवाजे निजी क्षेत्रों के लिए खुल गये है। अब निजी क्षेत्र में सहयोग करते हुए नये सैटेलाइट को लांच कर सकती है, एमटेक इन डिफेंस तकनीकी के पाठयक्रम अंतरिक्ष उद्योगों में सरकारी और निजी क्षेत्रों के लिए सहायक होगें। डीआरडीओ और इसरो एक ही सिक्के के दो पहलु है। मै सभी छात्रों को इन कोर्स को करने की सिफारिश करता हूं और यह पाठयक्रम समय की मांग है।

देहरादून के डीआरडीओं के उपकरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के संयुक्त निदेशक श्री शबीर अहमद ने ‘‘रक्षा शोध और विकास में युवाओं की भूमिका’’ पर संबोधित करते हुए कहा कि आज मै यहां पर लद्दाख के वैज्ञानिक समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, लद्दाख के लोग रक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है। लद्दाख स्काउट रेजीमेंट, गौरवांवित भारतीय सेना का हिस्सा है जिन्होनें कई युदधों में अपने पराक्रम को दिखाया है। डीआरडीओ या अन्य रक्षा ये जुड़े पीएसयू में कार्य करके आप भारतीय सेना को सहयोग कर सकते है। इस कार्यक्रम के जरिए एमिटी विश्वविद्यालय और डीआरडीओ द्वारा प्रारंभ किये गये एमटेक डिफेंस टेक्नोलॉजी की जानकारी हमारे लद्दाख के छात्रों को अवसर प्रदान करेगी जिससे वे अपने शिक्षा की योग्यता में वृद्धि कर सकेगें और रक्षा के क्षेत्र में शोध एवं विकास के क्षेत्र में अवसरों की उच्च संभावनाओं को प्राप्त कर सकेगें। मै पूर्ण तरह से आश्वस्त हूं कि एमिटी के पास इस उच्च स्तरीय शिक्षा पाठयक्रम के हेतु उच्च स्तर की तकनीकी और सुविधायें उपलब्ध है। यह उन छात्रों के लिए बेहतरीन अवसर है जो रक्षा तकनीकी के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते है। इन छात्रों को शिक्षण के दौरान डीआरडीओ एव अन्य रक्षा प्रयोगशालाओं में कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा जिससे इन्हे प्रयोगिक जानकारी प्राप्त होगी। उन्होने लद्दाख के छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आपको एमिटी द्वारा प्रदान किये गये अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय में एमटेक इन डिफेंस तकनीकी कार्यक्रम के चेयरमैन डा डब्लू सेल्वामूती ने अतिथियों को स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में हम सब ज्ञान के युग में है, समस्या के निवारण हेतु ज्ञान की उत्पति, ज्ञान का उपयोग आदि आवश्यक है। विज्ञान, शोध और नवोन्मेष एक मजबूत देश की आधारशिला है। यह पाठयक्रम आपको मिसाइल, रक्षा उपकरण, एयरोनॉटिक्स, काम्बेक्ट व्हीकल, सोनार, टेलीमेडिसिन सिस्टम, नैनोएप्लीकेशन, जैव खतरे के शमन सहित इसरों के क्षेत्र में शोध विकास आदि के अवसर प्रदान करेगा। डा सेल्वामूर्ती ने एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा डीआरडीओ के सहयोग से प्रारंभ किये गये पाठयकम एमटेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी के संर्दभ में बताया कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए, इंजिनियरों और टेक्नोलॉजिस्ट का कौशल युक्त और प्रतिभावान समूह तैयार करने और रक्षा क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए इस पाठयक्रम को प्रारंभ किया गया है। यह पाठयक्रम विशेषज्ञता के छह विषयों जैसे लड़ाकू वाहन, इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी, संचार प्रणाली और सेंसर, उच्च उर्जा प्रौद्योगिकी सामग्री, नौसेना प्रौद्योगिकी एवं निर्देशित उर्जा प्रौद्योगिकी पर केन्द्रीत होगा। इस पाठयक्रम को पूर्ण करने के बाद आपको सरकारी एवं निजी रक्षा अनुसंधान केन्द्रों मे रोजगार सहित स्वंय का डिफेंस स्टार्टअप प्रारंभ करने के अवसर भी प्राप्त होगें। डा सेल्वामूर्ती ने कहा कि एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान द्वारा प्रथम बैच के छात्रो हेतु 50 प्रतिशत छात्रवृत्ति की घोषणा भी की गई है।

एमिटी स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एडं टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजिनियरिंग के प्रमुख डा बसंत सिह सिकरवार ने एमिटी में प्रारंभ किये गये एम टेक इन डिफेंस टेक्नोलॉजी कार्यक्रम के पाठयक्रम सहित एमिटी में उपलब्ध प्रयोगशाला की सुविधाओं आदि की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर छात्रों के प्रश्नो का जवाब भी दिया गया।

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