भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर नोएडा में किया आयोजन
1 min read-पत्रकारिता के लिए सुरक्षा अधिनियम लाए केंद्र- नंद गोपाल वर्मा
-पत्रकार की सुरक्षा व एकता जरूरी – मोहम्मद आजाद
-पत्रकारों को सामाजिक सुरक्षा व जीवन पर्यंत मुफ्त इलाज व पेंशन की सुविधा दे सरकार- विनोद शर्मा
नोएडा, 4 मई।
गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पत्रकार व सामाजिक चिंतक नंद गोपाल वर्मा ने कहा है कि आजादी के आंदोलन से लेकर अभी तक पत्रकारिता की भूमिका नव निर्माण की रही है। पत्रकार के प्रति जनमानस का अटूट विश्वास आज भी कायम है क्योंकि पत्रकार अपनी कलम से गांव देहात और समाज में होने वाली हर छोटी बड़ी खबर के साथ असली भारत के दर्शन कराने का काम करते हैं। इसलिए पत्रकारिता सामाजिक दर्पण का प्रतिबिंब है।
नंद गोपाल वर्मा नोएडा सेक्टर 15 स्थित कम्युनिटी सेंटर में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत– सालों में पत्रकारों पर निरंतर जानलेवा हमले चिंतनीय है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार संसद में पत्रकार सुरक्षा कानून बना लागू करके पत्रकारों को उनकी सुरक्षा की गारंटी दे। अन्यथा प्रेस की आजादी के बिना लोकतंत्र जीवित रहना भी असंभव हो जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ बुध नगर द्वारा प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा ने कहा कि बदलते दौर में पत्रकारिता के गिरते स्तर के कारणों पर चिंतन जरूरी है। हमारे संविधान में न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायिका के साथ साथ पत्रकारिता के लिए भी सामाजिक सुरक्षा अधिनियम बनाने की जरूरत है।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मोहम्मद आजाद ने कहा कि पत्रकारों के हितों के प्रति भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ सजग है। पीत पत्रकारिता से बचाव रखते हुए पत्रकार सुरक्षा एवं पत्रकारों का संगठित रहना भी जरूरी है ताकि पत्रकार अपने हितों व अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष कर सकें।
गोष्ठी में महासंघ की जिला गौतमबुद्धनगर इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र मलिक ने लोकतंत्र के चारों स्तंभों में से पत्रकारिता के स्तंभ की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए पत्रकारों की सुरक्षा के साथ सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा भी सुनिश्चित होनी चाहिए क्योंकि पत्रकार सब कुछ छोड़ कर बिना संसाधनों के अभाव व जोखिम भरे माहौल में देश व समाज की सेवा में लगा रहता है इसलिए पत्रकारों को कम से कम 10 लाख रुपए धनराशि आर्थिक मदद के रूप में दी जानी चाहिए तथा पत्रकारों को उनके जीवन पर्यंत निशुल्क चिकित्सा सुविधा भी सरकार को देनी चाहिए l
विचार गोष्ठी में भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के प्रदेश सचिव राजेश राजेश शर्मा,अकरम चौधरी, संदीप भाटी, सोनू शर्मा एडवोकेट, दिनेश भाटी, विक्रम भाटी, अरविंद गुप्ता अनिल कौशिक समेत काफी संख्या में पत्रकार, साहित्यकार, कवि इत्यादि मौजूद रहे।
11,761 total views, 2 views today