अयोध्या में राष्ट्रपति ने 29 अगस्त को किया था रामायण कॉन्क्लेव का शुभारंभ, मुख्यमंत्री योगी कर रहे है समापन
1 min readनोएडा, 31 अक्टूबर।
रामायण एवं रामकथा की व्याप्ति सम्पूर्ण विश्व में है जिसके असंख्य अनुयायी मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के द्वारा स्थापित आध्यात्मिक, नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों का अनुकरण कर अपना पथ प्रशस्त करते हैं और अपने भविष्य की आधारशिला भी रखते है। राम कथा की इसी वैश्विक व्याप्ति के दृष्टिगत उ०प्र० पर्यटन विभाग द्वारा गत वर्ष से रामायण कान्क्लेव के आयोजन का क्रम प्रारम्भ किया था जिसे इस वर्ष संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में अयोध्या शोध संस्थान द्वारा उ०प्र० के 16 प्रमुख शहरों में श्रृंखलाबद्ध आयोजनों के माध्यम से मूर्त रूप प्रदान करने का प्रयास किया गया है।
इस रामायण कान्क्लेव का भव्य शुभारम्भ पावन नगरी अयोध्या से माननीय राष्ट्रपति महोदय के कर कमलों से दिनांक 29 अगस्त,2021 को रामकथा पार्क के मुख्य मंच से किया गया जिसमें प्रदेश की मा० राज्यपाल, मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा० संस्कृति मंत्री जी की गरिमामयी उपस्थिति में भव्य रूप प्रदान किया गया था। अयोध्या से प्रारम्भ हुयी यह सांस्कृतिक एवं बौद्धिक यात्रा गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट, ललितपुर, श्रृंगवेरपुर, बिठूर, बिजनौर, बरेली, गाजियाबाद, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, सहारनपुर तथा लखनऊ से होते हुये पुनः अयोध्या की पावन धरती पर इस कान्क्लेव का समापन आज दिनांक 31 अक्टूबर, 2021 को सम्पन्न हुआ।
रामायण कान्क्लेव के इस आयोजन में लगभग 2000 कलाकारों, सैकड़ों साहित्यकारों / मानस मर्मज्ञों एवं कवियों ने रामकथा के विभिन्न पहलुओं पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों संगोष्ठी / परिचर्चा एवं कवि सम्मेलन आदि में प्रतिभाग किया। रामयण कान्क्लेव में प्रातःकालीन सत्र में विशिष्ट कथा वाचकों एवं रामायण पर अधिकृत विद्वानों के साथ रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर सारगर्भित व्याख्यान एवं विचार विमर्श हुए तथा सायंकालीन सत्र में रामायण एवं रामकथा से संबंधित उत्तर प्रदेश के 05 सांस्कृतिक अंचलों-अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, ब्रज एवं पश्चिमांचल की लोक एवं शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुतियां सम्पन्न हुयी। साथ ही रामलीला एवं लोक बोलियों के कवि सम्मेलनों के माध्यम से रामकथा के विभिन्न संदर्भों को भी प्रस्तुत किया गया।
इस कान्क्लेव में विभिन्न देशों में प्रचलित श्रीरामकथा के अधिकृत विद्वानों को भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आमंत्रित किया गया जिससे सांस्कृतिक आदन-प्रदान की कड़ी मजबूत हुयी। रामायण कान्क्लेव से युवा पीढ़ी को जोड़ने के उद्देश्य से प्रदेश के 16 स्थलों पर रामायण गान प्रतियोगिता (501 बच्चे) एवं क्विज प्रतियोगिताओं (509 बच्चे) का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 1010/ प्रतिभागियों ने रामकथा के विभिन्न प्रसंगों पर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। कान्क्लेव का एक अन्य आकर्षण संबंधित जनपदों के स्थानीय चित्रकारों द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंगों पर बनायी गयी कलाकृतियाँ भी रहीं जिनमें लगभग 80 कलाकृतियाँ इस परिसर में लगी प्रदर्शनी का अंग भी हैं।
निश्चित रूप से ऐसे आयोजन युवाओं में रामायण एवं रामकथा के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने और उनमें नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना करने में सहायक हुये। संगीत नाटक अकादमी तथा ललित कला अकादमी के साथ-साथ सभी सम्बन्धित जनपदों के अधिकारियों ने इस आयोजन में सक्रिय भूमिका निभायी है। इस आयोजन से कलाकारों को प्रस्तुति के अवसर के साथ-साथ रोजी-रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुये हैं जो पिछले लगभग 02 वर्षों से ऐसे आयोजनो की राह जोह रहे थें।
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