डीएनडी के निकट उत्तर प्रदेश का पहला वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर शुरू, एक वर्ग किलोमीटर तक शुद्ध होगी वायु
1 min readवायु प्रदूषण नियंत्रण टावर की स्थापना
नोएडा, 17 नवम्बर।
श्रीमती रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नौएडा के मार्गदर्शन में नौएडा प्राधिकरण द्वारा BHEL के सहयोग से CSR Fund से सैक्टर-16ए फिल्म सिटी के समीप स्थापित उत्तर प्रदेश के पहले वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर का लोकार्पण डॉ० महेन्द्र नाथ पाण्डेय, भारी उद्योग मंत्री भारत सरकार के कर कमलों द्वारा एवं डॉ० महेश शर्मा, सांसद गौतमबुद्धनगर तथा श्री पंकज सिंह विधायक, नौएडा एवं अन्य जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया गया।
विदित हो कि श्रीमती रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नौएडा के निर्देशानुपालन में “मेक इन इंडिया” पहल के अन्तर्गत नौएडा क्षेत्र में वायु प्रदूषण से निपटने हेतु नौएडा प्राधिकरण द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर डी०एन०डी० के पास सैक्टर-16ए में ग्रीन बेल्ट पर लगभग 400 वर्गमी0 की जमीन पर स्थापित किया गया है। नौएडा-ग्रेटर नौएडा एक्सप्रेस वे एवं डी. एन. डी. फ्लाईवे नौएडा शहर का मुख्य मार्ग है, जिस पर यातायात का घनत्व अधिक रहता है जिसके कारण वाहनों से प्रदूषण का उत्सर्जन अत्यधिक होता है। नौएडा प्राधिकरण द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर स्थापित किये जाने से उक्त स्थल के आस-पास के क्षेत्र में उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा तथा साथ ही आस-पास के सैक्टरों में बड़े पैमाने पर हवा साफ होगी तथा नौएडा वासियों को शुद्ध वायु मिलेगी। उक्त वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर 1 वर्ग किलोमीटर के परिधि
मे प्रदूषित वायु को शुद्ध करेगा।
उल्लेखनीय है कि नौएडा समेत सम्पूर्ण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष शीतऋतु वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक गिर जाती है, जिसके कारण जनमानस को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ता है। सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम). सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) नाइट्रोजन के ऑक्साइड्स (NOx) एवं कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) इत्यादि मिलकर वायु को प्रदूषित करते हैं। इस समस्या के निराकरण हेतु वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर की स्थापना आवश्यक है।
वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर बड़े पैमाने पर हवा को साफ करने के लिए डिजाइन की गई संरचना है। प्रदूषित हवा के वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर में प्रवेश करने के बाद इसे वातावरण में पुनः छोड़ने से पहले कई परतों द्वारा साफ किया जाता है। वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर को बड़े पैमाने पर वायु शोधक के रूप में उपयोग किया जा सकेगा।
वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर की मुख्य विशेषतायेंः
• क्षमता (Filteration Rate) : 80,000 घन मीटर प्रति घंटा
• ऊँचाई : 20 मीटर
• आवरण का व्यास : 4.5 मी० है
• आधार का व्यास : 7 मी०
• भार : 37 मीट्रिक टन
• ध्वनि स्तर : <65 डीबी
• भूकंपीय डिजाइन अनुपालन : जोन IV
• फिल्टरेशन हेतु कण का आकार : PM (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 तक
• PM (पार्टिकुलेट मैटर) को छानकर आस-पास की वायु की गुणवत्ता में सुधार करता है।
• इस टावर में 3 प्रकार के माध्यमों से वायु छनती है:
● डिमिस्टर
● प्लीटेड फिल्टर: PM 2.5 तक के आकार के पार्टिकुलेट मैटर हेतु।
● एक्टिवेटेड कार्बन फिल्टर वातावरण की हानिकारिक गैसों को साफ करने हेतु ।
नौएडा को प्रदूषण मुक्त किये जाने के उद्देश्य से श्रीमती रितु माहेश्वरी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नौएडा द्वारा प्रदत्त निर्देशों के अनुपालन में प्रदूषण की रोकथाम हेतु में कड़े कदम उठाये जाने के दृष्टिगत इस वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर को स्थापित किया गया है।
उक्त वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर के संचालन में प्रतिवर्ष रु0 37.00 लाख का व्यय होना आंकलित है, जिसमें उपकरणों के अनुरक्षण में रु0 15 लाख तथा प्रतिवर्ष विद्युत आपूर्ति पर रु0 22 लाख का व्यय आयेगा।
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