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ग्रेटर नोएडा वेस्ट वासियों के लिए सेक्टर 1 में जल्द बनेगा एसटीपी

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-तीन साल में बनेगा, 60 करोड़ रुपये होंगे खर्च

-अभी 20, बाद में 80 एमएलडी होगी क्षमता

ग्रेटर नोएडा,15 मार्च।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों की जरूरत को देखते हुए प्राधिकरण सेक्टर एक में बहुत जल्द 20 एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाने जा रहा है। इसके लिए प्राधिकरण ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं। कंपनी का चयन शीघ्र कर निर्माण शुरू कराने की तैयारी है।

वर्तमान समय में ग्रेटर नोएडा में एसटीपी की क्षमता 172 एमएलडी है। हालांकि 109 एमएलडी सीवर ही उत्सर्जित हो रहा है, फिर भी भविष्य की जरूरतों को देखते हुए पूर्व में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर एक में एसटीपी बनाने का निर्णय लिया है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर सीवर विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं। एसटीपी बनाने में करीब 60.13 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। इसके लिए 16 मार्च से 28 मार्च तक आवेदन ऑनलाइन अपलोड किया जा सकता है। 30 मार्च को प्री क्वालीफिकेशन बिड खुलेगी। उसके बाद फाइनेंशियल बिड के जरिए कंपनी का चयन कर निर्माण कराया जाएगा। इससे बनने में करीब तीन साल लगेंगे। शुरुआत में इसकी क्षमता 20 एमएलडी होगी, लेकिन जरूरत के हिसाब से बाद में इसे बढ़ाकर 80 एमएलडी तक किया जा सकता है। इस एसटीपी के बन जाने से ग्रेटर नोएडा वेस्ट की जरूरत पूरी हो सकेगी। सीवर को शोधित करने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट की कमी नहीं होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने एसटीपी की टेंडर प्रक्रिया को फाइनल कर शीघ्र निर्माण शुरू करने व तय समय पर काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

वर्तमान में चार एसटीपी से 174 एमएलडी शोधन की क्षमता

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से चार एसटीपी बनाए गए हैं। सबसे बड़ा एसटीपी कासना में है। इसकी क्षमता 137 एमएलडी है। मौजूदा समय में इस एसटीपी से रोजाना करीब 90 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है। इकोटेक दो स्थित एसटीपी से करीब 5 एमएलडी सीवर रोजाना शोधित हो रहा है। इसकी क्षमता 15 एमएलडी रोजाना शोधित करने की है। ईकोटेक तीन स्थित एसटीपी की क्षमता 20 एमएलडी की है। इस एसटीपी से मौजूदा समय में रोजाना करीब 12 एमएलडी शोधित हो रहा है। बादलपुर स्थित एसटीपी से 2 एमएलडी सीवर शोधित हो रहा है। इसकी क्षमता भी दो एमएलडी ही है। इन एसटीपी से शोधित पानी का इस्तेमाल सिंचाई व निर्माण आदि कार्यों के लिए किया जा रहा है।

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