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क्या कहती है नोएडा प्राधिकरण की आर डब्ल्यू ए के लिए गेट नीति, आरटीआई में खुलासा

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-नोएडा प्राधिकरण ही ‘माईबाप’ , आरडब्लूए को नाम के हैं अधिकार
-गेट नीति पर आरडब्लूए को माननी होंगी प्राधिकरण की शर्तें , आरटीआई में दिया जवाब
नोएडा, 2 जून।

शहर में दिन प्रतिदिन सेक्टरों में गेट लगाने और बंद करने पर घमासान होती रहती है , ऐसे में समाजसेवी एवं नोवरा अध्यक्ष श्री रंजन तोमर ने एक आरटीआई के माध्यम से प्राधिकरण की गेट नीति की कॉपी मांगी , जिसके जवाब में प्राधिकरण ने जो नीति भेजी है उसके अनुसार बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आरडब्लूए और निवासियों तो कभी सेक्टर के नज़दीक ग्रामीणों और आरडब्लूए में गेट को लेकर खींचतान चलती रहती है , किन्तु प्राधिकरण की नीति साफ़ है , जिससे हर आरडब्लूए को मानना पड़ेगा, ऐसा प्राधिकरण कहता है। इस नीति के अनुपालन को कराना सम्बंधित वर्क सर्किल का दायित्व है।

कम से कम 2 गेट दिनभर खुले रहेंगे , सेक्टर के अंदर नहीं लगा सकते गेट
गेट की शर्तों में (क ) नियम कहता है की सेक्टर को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाले मार्ग पर चुनी हुई आरडब्लूए गेट लगा सकती है , किन्तु सेक्टर के अंदर अथवा ब्लॉक के अंदर गेट लगाना अनुमन्य नहीं होगा , एक ही सेक्टर में 2 ब्लॉक होने या दो से अधिक ब्लॉक होने पर भी बीच में गेट लगाना अनुमन्य नहीं है ,किन्तु जहाँ 30 मीटर या अधिक चौड़ी रोड दो ब्लॉक के बीच है वहां बाहरी परिधि पर गेट लगाया जा सकता है।

गेट पर नहीं लगा सकते होर्डिंग या पोस्टर
इस नीति का एक प्रमुख खंड जिसे आरडब्लूए द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है वह है मुख्य खंड 2 का उपखण्ड 6 जिसमें साफ़ लिखा हुआ है की किसी भी गेट पर विज्ञापन हेतु पोस्टर अथवा होर्डिंग अनुमन्य नहीं होगी। इसी खंड में रात को कम से कम एक गेट को रात भर खुले रहने , और दिन में कम से कम 2 गेट दिन भर अवश्य खुले रहने आवश्यक हैं। रात के समय खुले हुए गेट सम्बंधित इंडिकेशन प्रत्येक गेट पर लगा रहना आवश्यक है।

आरडब्लूए सदस्यों एवं आपातकालीन नंबर इंगित होने आवश्यक
उपखण्ड 6 में साफ़ लिखा है की रात के समय आपातकालीन प्रकरणों में अथवा अन्य महत्वपुर्ण परिस्थितियों में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आरडब्लूए के अध्यक्ष और महासचिव के दूरभाष के अतिरिक्त अस्पताल , पुलिस स्टेशन और फायर स्टेशन के दूरभाष इंगित करना आवश्यक होगा।

इन शर्तों के बिना लगाए गए गेट अनधिकृत हैं ,जिन्हे प्राधिकरण द्वारा गिरा दिया जायेगा , ग्रामीणों के लिए गेट बंद कर देने की नीति को भी झटका
इस नीति में साफ़ लिखा है की जो गेट इन शर्तों के अनुसार नहीं लगाया जाएगा उसे शिकायत मिलने पर प्राधिकरण द्वारा गिरा दिया जाएगा , इससे ग्रामीणों की उस मांग को भी बल मिलता है जिसमें वह कहते हैं की कई आरडब्लूए उनके गाँव से बाहर निकलने में या सेक्टर में से होते हुए जाने पर रोक लगा देते हैं ,ऐसा कोई अधिकार इस नीति में आरडब्लूए के पास नहीं दिखाई देता

आधारभूत लोकतंत्र की लड़ाई मे पीछे रहती हैं आरडब्लूए
अमूमन देखा गया है कि अपने अधिकारों की लड़ाई में आरडब्लूए एवं उनके सम्मिलित संगठन आगे रहते हैं लेकिन आधारभूत लोकतंत्र की लड़ाई में यह फिसड्डी हैं , अपनी आँखों पर पट्टी बाँध कर अपने आप को शक्तिशाली मान लेने से हम शक्तिशाली नहीं हो जाते , अपने लोकतान्त्रिक अधिकारों के लिए आरडब्लूए को भी ग्रामीण संगठनों की तरह लड़ना होगा अन्यथा उन्हें हर अधिकार के लिए प्राधिकरण के आगे गिड़गिड़ाना होगा।

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