महामण्डलेश्वर अवधेशानन्द के जीवन पर आधारित पुस्तक का हरिद्वार में विमोचन, सांसद डॉ महेश शर्मा हुए शामिल
1 min readहरिद्वार, 26 जून।
हरिद्वार में स्थित हरिहर आश्रम में रविवार को आचार्य सभा के अध्यक्ष जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी के जीवन पर आधारित पुस्तक तप और तपस्या के विमोचन कार्यक्रम में गौतमबुद्धनगर के सांसद एवं पूर्व मंत्री डा0 महेश शर्मा, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला जी, उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक जी, उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक जी, वित्त मंत्री श्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, लेखिका श्रीमती शोभा त्रिपाठी जी, प्रभात प्रकाशन के प्रभात जी समेत अन्य गणमान्य सज्जन भी उपस्थित रहें। पूज्य स्वामी अवधेशानन्द गिरिजी महाराज के त्यागपूर्ण आध्यात्मिक जीवन पर केन्द्रित पुस्तक तप और तपस्या का विमोचन लोकसभा के स्पीकर के कर कमलों द्वारा किया गया ।
पुस्तक के बिमोचन के उपरांत अपने सम्बोधन में सांसद महेश शर्मा ने कहा कि मेरी लोकसभा क्षेत्र में स्वामी अवधेशानंद गिरि का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था । उन्होंने १७ वर्ष की आयु में संन्यास के लिए घर छोड़ दिया। घर छोड़ने के बाद उनकी भेंट स्वामी अवधूत प्रकाश महाराज से हुई। स्वामी अवधूत प्रकाश महाराज योग के विशेषज्ञ और वेद शास्त्रों के बड़े जानकार थे। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने उनसे वेदांत दर्शन और योग की शिक्षा ली। गहन ध्यान और तप के बाद वर्ष 1985 में स्वामी अवधेशानंद जब हिमालय की कंदराओं से बाहर आए तो उनकी भेंट अपने गुरु, पूर्व शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि से हुई। स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि से उन्होंने संन्यास की दीक्षा ली और अवधेशानंद गिरि के नाम से जूना अखाड़ा में प्रवेश किया। वर्ष 1998 के हरिद्वार कुंभ में, जूना अखाड़े के सभी संतों ने मिलकर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी को आचार्य महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त किया ।
35,721 total views, 2 views today