नोएडा खबर

खबर सच के साथ

योगी सरकार के नाराज मंत्री : क्या यूपी में नेताओं पर अफसरशाही हावी है ?

1 min read

लखनऊ, 20 जुलाई।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री दिनेश खटीक ने मंत्री पद से त्यागपत्र देकर राजनीतिक गलियारों में सनसनी फैला दी है यही नहीं पिछले दिनों प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने अपने ही विभाग के तबादलों को लेकर ना केवल नाराजगी व्यक्त की बल्कि पत्र भी सार्वजनिक किया यही नहीं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी को हटाने और अन्य चार अधिकारियों के निलंबित करने के तौर-तरीकों पर राजनीतिक गलियारों में विवाद पैदा हो गया है योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के साथ ही यह विवाद 2024 के चुनाव के लिए एक नई आफत लेकर आया है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या मंत्रियों के कामकाज पर अफसरशाही हावी है। दिनेश खटीक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक के पत्रों से ऐसा आभास हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री पद के बंटवारे को लेकर शुरुआती दौर से ही चर्चाओं का बाजार गर्म रहा था भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को पहले उप मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा थी लेकिन बाद में बृजेश पाठक को उप मुख्यमंत्री बनाया गया इसके बावजूद बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों में मंत्री की अनदेखी का आरोप प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पर लगा दिया और अब प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित प्रसाद ने यह कहकर मामले से पल्ला झाड़ लिया कि जितने भी तबादले हुए मंत्री जी की जानकारी में हुए हैं बात आई गई हो गई लेकिन तबादलों में जो बात निकल कर आई वह वास्तव में गंभीर थी। अब उनकी जांच बैठा दी गई है प्रदेश के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ कई अधिकारियों को डॉक्टरों के तबादलों के मामले में जांच करने को कहा गया है इनमें कई ऐसे डॉक्टर जिनके दो जगह तबादले हुए कोई डॉक्टरों की मृत्यु के बाद तबादला आदेश पहुंचा नया विवाद प्रदेश की लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद के कार्यालय से शुरू हुआ और उनके ओएसडी को हटाकर वापस दिल्ली भेज दिया गया इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग के कई अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है तीसरा प्रकरण अब जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक का है उन्होंने प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उन्हें दलित मानकर कार जरूर दे दी गई लेकिन उन्हें अधिकार नहीं दिए गए उन्होंने सारे आम यह भी कहा कि उनके कहने पर अधिकारियों ने कोई तबादले भी नहीं किए हार कर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और सार्वजनिक भी कर दिया इससे योगी सरकार में अफसरशाही के हावी होने के साफ साफ संकेत मिल रहे हैं।

यह विवाद उभर कर सामने आ रहा है अभी कई और जगह पर आंतरिक रूप से बीजेपी में संगठन की दृष्टि से भी खींचतान चल रही है बेताब है जब यूपी में बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया जाना है पार्टी में नए सिरे से संगठन तैयार किया जाना है जिला स्तर पर नए अध्यक्ष बनाए जाएंगे और 2024 के चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा पूरी तरह कमर कस रही है ऐसे समय में भाजपा में यह बगावत विपक्ष को एक मौका दे सकती है दिनेश खटीक की बगावत पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी को काफी मुश्किलें पैदा कर सकती है खास बात यह है कि 2019 के चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी लोकसभा की कई सीटें हारी थी और उन पर सपा और बसपा का कब्जा है ऐसे समय में दिनेश खटीक का इस्तीफा देना बृजेश पाठक का सरेआम सार्वजनिक रूप से डॉक्टर के तबादले को लेकर पत्र जारी करना और कांग्रेसी बीजेपी में आए जितिन प्रसाद के विभाग में भ्रष्टाचार की गूंज योगी सरकार के लिए मुश्किल पैदा करेंगे यह आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है।

(नोएडाखबरडॉटकॉम के लिए वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा की रिपोर्ट )

 60,899 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.