एमिटी विश्वविद्यालय परिसर के लॉ स्कूल में ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों पर चर्चा
1 min readनोएडा, 1 सितम्बर।
एमिटी विश्वविद्यालय में बुधवार को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारो का संरक्षण) अधिनियम 2019 और नियम 2020 पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
एमिटी लॉ स्कूल नोएडा द्वारा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान के सहयोग से ‘‘ ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारो का संरक्षण) अधिनियम 2019 और नियम 2020 के प्रावधानों ’’ विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री राजेश टंडन, गौतबुद्धनगर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री जय हिंद कुमार सिंह, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय और एमिटी लॉ स्कूल के एडिशनल डायरेक्टर डा आदित्य तोमर और डा शेफाली रायजादा द्वारा किया गया। इस अवसर पर समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान की सुश्री श्वेता सहगल और श्री सात्विक शर्मा भी उपस्थित थे।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री राजेश टंडन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा संविधान हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार प्रदान करता है। छात्रों को मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत सभी को जीवन जीेने, स्वंतत्रता, समानता और गरिमा का अधिकार प्राप्त है फिर चाहे वो महिला हो, पुरूष हो या ट्रांसजेंडर व्यक्ति हो। जस्टीस टंडन ने कहा कि मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के धारा 2 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय प्रसंविदाओ जो कि 16 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अंगीकृत सिविल और राजन्ैतिक अधिकार और आर्थिक समाजिक एंव सांस्कृतिक अधिकार संबंधी भी शामिल है। इसके अतिरिक्त माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकार, विधिक अधिकार व सहायता, इलाज का अधिकार आदि के दिशानिर्देश प्रदान किये गये है। उन्होनंे कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के ज्ञान को विकसित करके किताबो की बाहर भी सीखने का अवसर प्रदान करते है।
गौतबुद्धनगर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री जय हिंद कुमार सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के सोच के प्रति परिवर्तन आया है और उसी का परिणाम यह है कि अब हर एप्लीकेशन फार्म में पुरूष, महिला और ट्रांसजेंडर तीनों कैटगरी होती है। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका के सराहनीय कार्यो की बदौलत ट्रांसजेंडर व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने, मत देने आदि अधिकार प्राप्त हुए और जानकारी भी हुई है। एमिटी लॉ स्कूल द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों के ज्ञान कौशल को विकसित करने के साथ समाज की मानसिकता मे परिवर्तन लाने में सहायक होगे।
एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एक कानून के छात्र के लिए आवश्यक है उसे कक्षा और उसक बाहर कानून के सभी परिपेक्ष्यों की जानकारी हो विशेषकर जो कानून हमारे समाज से जुड़े हो। एमिटी लॉ स्कूल द्वारा सदैव छात्रों के संपूर्ण विकास और उन्हे नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होनें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारो का संरक्षण) अधिनियम 2019 के संर्दभ में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर एमिटी कॉलेज ऑफ कार्मस एंड फाइनेंस की एसोसिएट प्रोफेसर डा गीता मिश्रा, एमिटी लॉ स्कूल नोएडा के संयुक्त प्रमुख डा अरविंद पी भानु ने अपने विचार रखे। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम 2019 की पृष्ठभूमि का इतिहास और कानूनी पहलू, ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम 2019 के कार्यान्वयन में शैक्षणिक संस्थानो की भूमिका अािद पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन एमिटी लॉ स्कूल की डा सुमित्रा सिंह द्वारा किया गया।
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