एमिटी विश्वविद्यालय में उद्यमिता एवं सतत व्यापार विकास पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ
1 min readनोएडा, 2 नवम्बर।
एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा छात्रो में उद्यमिता के गुणों के विकास के लिए और उद्यमिता से जुड़े विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करने के लिए ‘‘उद्यमिता और सतत व्यापार विकास’’ विषय पर प्रथम अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन एफ ब्लाक सभागार एमिटी विश्वविद्यालय में किया गया। इस सम्मेलन का शुभारंभ हीरो इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल बिजनेस हेड श्री पियूष प्रसाद, फ्रंास के कॉलेज डे पैरिस के उपाध्यक्ष डा गिलौम फिंक, यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के अंर्तराष्ट्रीस सहयोग के प्रमुख डा इवान ज्युपिक, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह और एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस की निदेशक डा सुजाता खंडाई द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में देश विदेश से अकादमिकों, उद्यमियों, छात्रों ने हिस्सा लिया है।
सम्मेलन का शुभारंभ हीरो इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड के नेशनल बिजनेस हेड श्री पियूष प्रसाद ने संबोधित करते हुए कहा कि उद्यमी बनने के लिए उद्यमिता का नज़रिया होना आवश्यक है जिससे सतत व्यापार विकास को बढ़ावा मिलेगा। आपको सतत व्यापार विकास को लक्ष्य में रखकर चुनौतियों का निवारण करना चाहिए। कोइ अतिरिक्त विकल्प नही है आपका हर कार्य सतत विकास में सहायक बने और इसके लिए आपको अभी से कार्य करना होगा। हीरो इलेक्ट्रिक प्राइवेट लिमिटेड ने दोपहिया वाहनो में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रारंभ करके पांरपरिक ईंधनों से स्वच्छ उर्जा पर परिवर्तन का कार्य किया है, एक इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लगभग 30 पेड़ों के रोपण के बराबर होता है। श्री प्रसाद ने कहा कि पांरपरिक ईंधनों से स्वच्छ उर्जा पर स्थानंतरित होने का यही सटिक समय है, आज हमें विचार करने वाले और उस पर कार्य करने वाले नेतृत्वकर्ता की आवश्यकता है और आप ही वह लीडर है। उन्होनें छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि आप सभी उद्यम प्रारंभ करे या कोई भी कार्य करें यह विचार अवश्यक करे कि क्या यह सतत पर्यावरण विकास में सहायक होगा।
फ्रंास के कॉलेज डे पैरिस के उपाध्यक्ष डा गिलौम फिंक ने संबोधित करते हुए कहा कि हम एमिटी के साथ आपसी सहयोग पर विचार कर रहे है जिससे छात्रों को डबल डिग्री प्रोग्राम, संयुक्त शोध व नवाचार, छात्रों एवं शिक्षकों का आवागमन आदि वैश्विक अनावरण प्राप्त हो सके। डा फिनक ने कहा कि सतत उद्यमिता वर्तमान समय की मांग है और बिजनेस स्कूल के छात्र जो कल भविष्य में देश का नेतृत्व करेगें उनका सहयोग अपेक्षित है। एक वैश्विक शोध के अनुसार छात्रों से उनके प्रथम नौकरी करने का मुख्य कारण पूछने पर पिछले 15 सालों से छात्रों ने उसका जवाब धन कमाना बताया लेकिन पिछले दो सालों से इसका जवाब समाजिक प्रभाव स्थापन करना रहा है। उन्होनें कहा कि इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों को भविष्य के जिम्मेदार उद्यमी बनने में सहायता प्रदान करेगें।
यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के अंर्तराष्ट्रीय सहयोग के प्रमुख डा इवान ज्युपिक ने संबोधित करते हुए कहा कि सतत व्यापार विकास और पर्यावरणीय उद्यमिता के लिए सभी खाताधारको जैसे उद्यमी, अकादमिक, छा़त्रों, सरकारों, नीति निर्धारकों का सहयोग अपेक्षित है। व्यापार लाभ के लिए होता है किंतु यह लाभ, पर्यावरण का बलिदान देकर नही कमाया जा सकता। वर्तमान में हमारे युवा पर्यावरण और सतत विकास उद्यम के प्रति सजग है।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में उद्यमिता और सतत व्यापार विकास के क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियां आ रही है और जिसे निवारण हेतु छात्र नये निराकरणों की खोज कर रहे है। आज उद्यम प्रारंभ करना छात्रों का कैरियर निर्माण रूचि में प्रथम पायदान पर है। एमिटी छात्रों को सदैव सतत व्यापार विकास और पर्यावरणीय उद्यमिता के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करता है और एमिटी विश्वविद्यालय के हर संस्थान में उद्यमिता सेल की स्थापना की गई है। मजबूत उद्योग अकादमिक सहयोग के जरीए हम छात्रों को उद्योगों की अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करते है और इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों के विकास में सहायक होते है।
एमिटी ग्रूप् वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने कहा कि हम एमिट के हर एक छात्रों को वैश्विक अनावरण प्रदान करते है जिससे छात्र अपने विषय में वैश्विक स्तर पर हो रही गतिविधियों और नवीनताओं को जान सके। यह अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन छात्रों को उद्यमिता क्षेत्र के विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करने में सहायक होगा।
एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस की निदेशक डा सुजाता खंडाई ने कहा कि इस प्रथम अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन के अंर्तगत देश विदेश से अकादमिक, विशेषज्ञ, उद्यमी हिस्सा ले रहे है। दो दिवसीय सम्मेलन में उद्यमिता और सतत व्यावसायिक अभ्यास और एमएसएमई उद्यमिता प्रतिभा और नवाचार लिए सीडबेड है विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया जायेगा।
सम्मेलन के प्रथम दिन उद्यमिता और सतत व्यावसायिक अभ्यास विषय पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के अंर्तराष्ट्रीस सहयोग के प्रमुख डा इवान ज्युपिक, माल्टा के असेंसिया बिजनेस स्कूल की अकादमिक निदेशक सुश्री क्लेयर बार्ग, स्ट्रांगबाक्स वेंचर के सीईओ एंड फाउंडर श्री रामित राठी, गारबेज क्लिनिक एंड इन्फ्राटेक के संस्थापक निदेशक श्री प्रवीन नायक और यूक्लिन इंडिया के संस्थापक श्री अरूनभ सिन्हा ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन गुडगांव के ग्रेट लेक इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट के प्रोफेसर डा जोन्स मैथ्यु द्वारा किया गया।
इस अवसर पर एमिटी स्कूल ऑफ बिजनेस की डिप्टी डायरेक्टर डा रूचि खंडेलवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डा दीपा कपूर आदि उपस्थित थी।
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