नोएडा प्राधिकरण ने बकाया वसूली के लिए तीन बिल्डर प्रोजेक्ट्स पर की सर्जिकल स्ट्राइक, फिर क्या हुआ ?
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नोएडा, 4 मई।
नोएडा प्राधिकरण ने तीन बिल्डरों के बकाया भुगतान ना करने पर सील करने की कार्रवाई की गई। इनमे सेक्टर 46, सेक्टर 75 और सेक्टर 137 के प्रोजेक्ट्स में अनसोल्ड फ्लैट्स और उनके कार्यालयों को सील किया गया।
नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी प्रसून द्विवेदी ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई ग्रुप हाउसिंग, नियोजन तथा वर्क सर्किल विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्राधिकरण की देयताओं का भुगतान न किए जाने के कारण की गई। इसमें बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के शीघ्र निष्पादन की समस्या भी दूर हो यह उद्देश्य है। उन्होंने बताया कि मैo गार्डेनिया ऐम्स डेवलपर्स प्रा०लि० (जी0एच0 -01, सैक्टर-46 ) परिसर में एक टॉवर (डी- 2) सील किया गया, जिसमें लगभग 110 अन्सोल्ड (Unsold) फ्लैट हैं तथा प्रोजेक्ट ऑफिस सील किया गया है। यह प्रोजेक्ट 03.09.2009 को को आवंटित किया गया था। इसमें 20 टॉवर स्वीकृत है, जिनमें से 7 टॉवरों का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किये जाने के उपरान्त अन्तिम अधिभोग निरस्त किया गया। दिनांक 31.03.2023 तक बिल्डर की प्राधिकरण के ऊपर देयता रूपये 603.15 करोड़ है।
प्राधिकरण की दूसरी कार्रवाई मै० लाजिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रा०लि० (जी०एच० – 02, सैक्टर-137) पर की गई। यहां दो अन्सोल्ड (Unsold) फ्लैट, दो स्टोर स्थल व मार्केटिंग ऑफिस सील किए गए है। यह प्रोजेक्ट 14.01.2010 को आवंटित किया गया था। इसमें 17 टॉवर स्वीकृत है, जिनमें से 10 टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया गया। दिनांक 31.03.2023 तक बिल्डर की प्राधिकरण के ऊपर देयता रूपये 379.65 करोड़ है।
ओएसडी ने बताया कि तीसरी कार्रवाई मै० गार्डेनिया गेटवे इण्डिया लि० (जी0एच0-09, सैक्टर-75 ) में कई गई। यहां एक अन्सोल्ड (Unsold) फ्लैट सील किया गया है। यह प्रोजेक्ट दिनांक 12.01.2012 को को आवंटित किया गया था। इसमें 9 टॉवर स्वीकृत है, जिनमें से किसी भी टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया। दिनांक 31.03.2023 तक बिल्डर की प्राधिकरण के ऊपर देयता रूपये 103.38 करोड़ है।
यह भी उल्लेखनीय है कि उपरोक्त बिल्डर्स द्वारा प्राधिकरण द्वारा बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के त्वरित निष्पादन कराने हेतु लाई गई प्रति फ्लैट Reschedulement की योजनाओं में भी आवेदन नहीं किया गया है। इनके साथ ही इनके द्वारा देयताओं की वसूली हेतु जारी नोटिस के उपरान्त भी कोई धनराशि प्राधिकरण में जमा नहीं करायी गयी है। बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के त्वरित निष्पादन एवं प्राधिकरण की देयताओं की वसूली हेतु भविष्य में भी इसी तरह की कार्यवाही संबंधित बिल्डर परियोजनाओं के विरूद्ध की जायेगी।
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