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नोएडा पुलिस ने पकड़ा डेटा का फर्जी इस्तेमाल कर 2660 फर्जी फर्म बनाने वाला गैंग, 8 शातिर गिरफ्तार

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नोएडा, 1 जून।

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट की साईबर/आईटी सेल व थाना सेक्टर 20 पुलिस की संयुक्त कार्यवाही के दौरान 2660 फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार कर सरकार को हजारों करोड के राजस्व का नुकसान करने वाले व राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले अन्तर्रजीय गैंग का पर्दाफाश किया गया है। इस सिलसिले में मास्टर माइंड सहित 08 शातिर अपराधी गिरफ्तार किये गए हैं।  उनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रूपये नगद, फर्जी तैयार की गयी 2660 जीएसटी फर्म की सूची , 32 मोबाइल फोन, 24 कम्प्यूटर, 4 लैप टॉप, 3 हार्ड डिस्क, 118 फर्जी आधार कार्ड, 140 पैन कार्ड, बिलिंग कॉपी, 03 लग्जरी कार बरामद की गई हैं।

गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 1 जून 2023 को साईबर/आईटी सेल एवं थाना सेक्टर 20 पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा तकनीकी सहायता एवं लोकल इंटेलिजेन्स/बीट पुलिसिंग के माध्यम से मिली गोपनीय सूचना के आधार पर फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर बिना माल की डिलिवरी किए बिल तैयार कर जीएसटी रिफन्ड लेकर सरकार को हजारों करोड का नुकसान पहुचाने वाले 08 शातिर अपराधी (1) मौ0 यासीन शेख पुत्र मौ0 हाफिज शेख (2) अश्वनि पाण्डे पुत्र अनिल कुमार को फिल्म सिटी मेन रोड से गिरफ्तार किया गया है तथा अभियुक्त (3) आकाश सैनी पुत्र ओंकार सैनी (4) विशाल पुत्र रविन्द्र सिंह (5) राजीव पुत्र सुभाष चन्द (6) अतुल सेंगर पुत्र नरसिंह पाल (7) दीपक मुरजानी पुत्र स्व0 नारायण दास एवं एक महिला अभियुक्ता (8) विनीता पत्नि दीपक को जीबोलो कम्पनी कार्यालय मधु विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रूपये नगदी, 2660 फर्जी तैयार की गयी जीएसटी फर्म की सूची, 32 मोबाइल फोन, 24 कम्प्यूटर सिस्टम, 4 लैप टॉप, 3 हार्ड डिस्क, 118 फर्जी आधार कार्ड, 140 पैन कार्ड, फर्जी बिल, 03 लग्जरी कारें बरामद हुई हैं। थाना सेक्टर 20 पर उक्त अपराध से सम्बन्धित पंजीकृत मु0अ0सं0 0203/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि व मु0अ0सं0 0248/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि का सफल अनावरण करते हुए उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः
(1) मौ0 यासीन शेख पुत्र मौ0 हाफिज शेख निवासी ए-304 बिल्डिंग 90 ए पीएमजीपी कॉलोनी मानखुड मुम्बई उम्र 38 वर्ष
(2) आकाश सैनी पुत्र ओंकार सैनी निवासी शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2 साहिबाबाद गाजियाबाद उम्र 21 वर्ष
(3) विशाल पुत्र रविन्द्र सिंह निवासी बी-4/370 नन्द नगरी दिल्ली 93 मूल पता जयौहरा जिला संतकबीरनगर उम्र 20 वर्ष
(4) राजीव पुत्र सुभाष चन्द निवासी आर-113 बुद्ध बिहार फेस-1 दिल्ली उम्र 38 वर्ष
(5) अतुल सेंगर पुत्र नरसिंह पाल निवासी पी-188 कृष्णविहार दिल्ली मूल पता ग्राम अडूक नगला जिला हाथरस उम्र 23 वर्ष
(6) दीपक मुरजानी पुत्र स्व0 नारायण दास निवासी बी-003 एचआईजी झूलेलाल अपार्टमेन्ट पीतमपुरा दिल्ली उम्र 48
(7) अश्वनि पुत्र अनिल निवासी सेक्टर 71 नोएडा मूल पता सरकारी स्कूल के पास बेलथरा रोड बलिया उम्र 25
(8) विनीता पत्नि दीपक निवासी बी-003 एचआईजी झूलेलाल अपार्टमेन्ट पीतमपुरा दिल्ली उम्र 45 वर्ष

अपराध करने का तरीका व प्रमुख तथ्य-
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अभियुक्तों का यह एक संगठित गिरोह है इनके द्वारा पिछले पांच वर्षों से फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार कराकर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफन्ड कर (ITC इंपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का अपराध कारित किया जा रहा है ।
यह गिरोह फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित बनाकर अनुचित लाभ प्राप्त करने का अपराध दो टीम बनाकर किया जाता है। प्रथम टीम फर्जी दस्तावेज फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेन्ट एग्रीमेन्ट, इलेक्ट्रीसिटी बिल आदि का उपयोग कर फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार करते हैं तथा दूसरी टीम फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित को प्रथम टीम से खरीद कर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफन्ड (ITC इंपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड का चूना लगाते हैं।

अपराधियों के प्रथम टीम के सदस्यों का कार्य
1- दीपक मुरजानी– यह प्रथम टीम का मास्टर माइंड है। यह गैंग को संचालित करता है । यह फर्जी दस्तावेज, आधार कार्ड, पैन कार्ड, रेन्ट एग्रीमेन्ट, इलेक्ट्रीसिटी बिल आदि का उपयोग कर फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित तैयार कराता है तथा तैयार की गई फर्जी फर्म को विक्रय करने के लिए क्लाइंट(द्वितीय टीम) तलाश करने का कार्य करता है। इसके द्वारा फर्म बेचने के मोटे रूपये लिए जाते हैं। इन फर्म में फर्जी पैन कार्ड लिंक होता है और उस पैन कार्ड से जीएसटी नम्बर बनाए जाते हैं।
2- मो0 यासीन शेख– यह प्रथम टीम का प्रमुख सदस्य है जो फर्म रजिस्टर्ड कराने की टेक्नोलॉजी और उस फर्म का जीएसटी बनाने की प्रक्रिया से पूर्व से भलिभाँति परिचित है। यह पूर्व में मुम्बई मे वेब साइट तैयार करने का कार्य करता था। यह अपने साथ कुछ यूवा लडकों को रखता है, जिन्हें समय-समय पर प्रशिक्षित करता है। इसके द्वारा जस्ट डायल के माध्यम से डेटा लेकर फर्जी तरीके से फर्म बनाई जाती है।
3- विशाल– यह प्रथम टीम का प्रमुख सदस्य है यह अशिक्षित एवं नशा करने वाले लोगों को रूपयों का लालच देकर एवं भ्रमित कर अपने फर्जी नम्बरों को आधार कार्ड में अपडेट कराने का कार्य करता है ।
4- आकाश– यह प्रथम टीम का प्रमुख सदस्य है यह अशिक्षित एवं नशा करने वाले लोगों को रूपयों का लालच देकर एवं भ्रमित कर अपने फर्जी नम्बरों को आधार कार्ड में अपडेट कराने का कार्य करता है।
5- राजीव– यह सदस्य बिना माल का आदान प्रदान किए ही अपने सहयोगी अतुल के साथ ऑन डिमान्ड फर्जी बिल तैयार करता है तथा विक्रय करता है।
6- अतुल यह राजीव के कहने पर ही फर्जी बिल तैयार करने का कार्य करता है।
7- अश्ववनी- यह टीम के प्रमुख सदस्य मो0 यासीन शेख के संपर्क में रहकर फर्जी फर्म के लिए फर्जी बैंक अकाउन्ट खुलवाता है। यह एक खाता खुलवाने का दस हजार रूपया लेता है। अब तक की पूछताछ में इसके द्वारा विभिन्न बैंकों में 4 फर्जी बैंक अकाउन्ट (1) झमेली चौपाल, (2) जिबोलो, (3) रजनीश झा, (4) विवेक झा को खुलवाना पाया गया है।
8- विनिता -यह प्रथम टीम के मास्टर माइन्ड दीपक मुजमानी की पत्नी है। यह प्रथम टीम द्वारा तैयार की गई फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित को विक्रय करने एवं टीम के द्वारा संचालित फर्जी फर्म में, फर्जी बिलों को लगाकर जीएसटी रिफन्ड (आईटीसी इंपुट टैक्स क्रेडिट) से होने वाली इन्कम का लेखा जोखा रखना एवं टीम के सदस्यों का उनका कमीशन व खर्चे आदि के प्रबन्धन का कार्य करती है।

उन्होंने बताया कि अपराधियों की प्रथम टीम द्वारा सर्वप्रथम फर्जी फर्म तैयार करने के लिए सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी जस्ट डायल के माध्य से अवैध रूप से डैटा(पैन नम्बर) क्रय किए जाते हैं। जिसके पश्चात कालोनियों एवं मोहल्लों को अशिक्षित एवं नशा करने वाले व्यक्तियों को 1000-1500 रूपयों का लालच देकर एवं भ्रमित कर उनके आधार कार्ड में पूर्व से एकत्रित किए गए फर्जी मोबाइल सिम नम्बर को रजिस्टर्ड करा लेते हैं। इसके पश्चात इस टीम द्वारा ऑन लाइन रेन्ट एग्रीमेन्ट एवं इलेक्ट्रीसिटी बिल को फर्जी तरीके से डाउनलोड कर लेते हैं।

अपराधियों की प्रथम टीम द्वारा डाउनलोड की गई रेन्ड एग्रीमेन्ट व इलेक्ट्रीसिटी बिल को एडिट कर फर्म का एड्रेस तैयार किया जाता है।

अपराधियों की प्रथम टीम द्वारा अशिक्षित एवं नशा करने वालों से प्राप्त आधार कार्ड पर अंकित नाम के व्यक्तियों को क्रय किए गए पैन कार्ड डैटा में सर्च किया जाता है, जैसे आधार कार्ड में रोहित नाम के डेटा में 80 नाम कॉमन पाए जाते हैं तो ऐसे सभी 80 नामों के पैन कार्ड पर रोहित नाम के आधार कार्ड व अन्य तैयार फर्जी दस्तावेजों को सम्मलित करते हुए फर्जी फर्म को रजिस्टर करने के लिए और उसका जीएसटी नम्बर रजिस्टर कराने के लिए reg.gst.gov.in में लॉगिन करते है।

अपराधियों द्वारा जीएसटी पोर्टल में फर्म रजिस्टर करने के लिए लॉगिन करने के दौरान जीएसटी विभाग द्वारा एक वैरिफिकेशन कोर्ड भेजा जाता है, जो कोर्ड आधार कार्ड में स्वंय अपराधियों द्वारा पुनः कराये गए रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर पर पहुंचता है जिसको अपराधियों द्वारा पोर्टल पर डालकर वैरिफाइ कर, 01 फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित रजिस्टर करा ली जाती है।

अपराधियों की प्रथम टीम द्वारा ऐसी रजिस्टर्ड करायी गई फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित को ऑन डिमान्ड 80 से 90 हजार रूपये प्रति फर्म के हिसाब से दूसरी टीम को विक्रय कर दी जाती है। उपलब्ध डाटा के अनुसार प्रथम टीम द्वारा अब तक करीब 2660 फर्जी जीएसटी फर्म तैयार की जा चुकी है।

अपराधियों की द्वितीय टीम द्वारा क्रय की गई फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित का उपयोग बिना माल का आदान प्रदान किए, तैयार किए गए फर्जी बिलों का फर्म में उपयोग कर भारत सरकार से जीएसटी रिफन्ड करा लेते हैं। एक फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित में एक माह में करीब दो से तीन करोड के फर्जी बिलों का उपयोग किया जाता है। जिनमें कुल धन राशि का निर्धारित जीएसटी प्रतिशत का रिफन्ड अवैधानिक रूप से प्राप्त किया जाता है।

अपराधियों की प्रथम टीम को फर्जी सिम टीम द्वितीय द्वारा ही उपलब्ध करायी जाती है, जिसका प्रयोग प्रथम टीम द्वारा आधार कार्ड में मोबाइल नम्बर अपडेट करने, फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित रजिस्टर करने एवं उनमें लिंक होने वाले खातों में किया जाता है।

अपराधियों की प्रथम टीम द्वारा भी आठ फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित को उपयोग में लाया जा रहा है, जिनके लिए विभिन्न बैंको के चार फर्जी खातों (1) झमेली चौपाल, (2) जिबोलो, (3) रजनीश झा, (4) विवेक झा का प्रयोग किया गया है। यह टीम स्वंय भी फर्जी बिल तैयार करके फर्म में उपयोग करने तथा जीएसटी रिफन्ड (ITC इंपुट टैक्स क्रेडिट) की धनराशि उक्त चारों फर्जी खातों के माध्यम से प्राप्त करने का अपराध किया जा रहा है।

अपराधियों द्वारा फर्जी रजिस्टर की गई एक फर्म के माध्यम से एक माह में करीब दो-तीन करोड की अनुमानित धन राशी के फर्जी बिलों का उपयोग कर आर्थिक लाभ लिया जाता है।

अपराधियों की द्वितीय टीम में फरार अपराधी (1) आंछित गोयल पुत्र प्रदीप गोयल पता अज्ञात (2) प्रदीप गोयल पता अज्ञात (3) अर्चित पता अज्ञात (4) मयूर उर्फ मणि नागपाल पता अज्ञात (5) चारू नागपाल पता अज्ञात (6) रोहित नागपाल पता अज्ञात (7) दीपक सिंघल पता अज्ञात व इनके अलावा अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं।

दोनों टीम आपस में फेस-2-फेस मुलाकात नहीं करते हैं अधिकांश यह वॉटस एप कॉलिंग एवं मेल का प्रयोग करते हैं।इस गैंग के दिल्ली में मधु विहार, शहादरा और पीतमपुरा ऑफिस संचालित किए जा रहे है।

वांछित अभियुक्तों का विवरणः
(1)आंछित गोयल पुत्र प्रदीप गोयल पता अज्ञात
(2)प्रदीप गोयल पता अज्ञात
(3)अर्चित पता अज्ञात
(4)मयूर उर्फ मणि नागपाल पता अज्ञात
(5)चारू नागपाल पता अज्ञात
(6)रोहित नागपाल पता अज्ञात
(7)दीपक सिंघल पता अज्ञात

पंजीकृत अभियोग-
(1)मु0अ0सं0 0203/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि थाना सेक्टर 20 नोएडा गौतमबुद्धनगर
(2)मु0असं0 0248/2023 धारा 420/467/468/471/120बी भादवि थाना सेक्टर 20 नोएडा गौतमबुद्धनगर

बरामदगी का विवरण-
12 लाख 66 हजार रूपये नगद
सूची 2660 फर्जी तैयार की गयी जीएसटी फर्म
32 मोबाइल फोन
24 क्म्प्यूटर सिस्टम
04 लैप टॉप
03 हार्ड डिस्क
118 फर्जी आधार कार्ड
140 पैन कार्ड
सूची गिरफ्तार अपराधियों द्वारा स्वयं संचालित 08 फर्जी फर्म जीएसटी नम्बर सहित
03 कार (धारा 207 एमवी एक्ट में सीज)

 

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