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ब्रेकिंग न्यूज़ : दिन में सस्ती और पीक टाइम में महंगी होगी बिजली, केंद्र सरकार ने उपभोक्ता अधिकारों में किया संशोधन

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-दिन में सस्ती और पीक टाइम में महंगी होगी बिजली

-सौर घण्टों के दौरान बिजली शुल्क 20 प्रतिशत कम और पीक टाइम में 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा।

– 10 किलोवाट से अधिक लोड वाले औद्योगिक और वाणिज्यिक श्रेणी में 1 अप्रैल 2024 होगी लागू

-कृषि को छोड़कर बाकी उपभोक्ताओं के लिए यह एक अप्रैल, 2025 से लागू होगा

-स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद टी ओ डी टैरिफ लागू

नई दिल्ली, 23 जून।

केंद्र सरकार ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन के माध्यम से प्रचलित बिजली टैरिफ प्रणाली में दो बदलाव पेश किए हैं। ये बदलाव हैं: दिन के समय (टीओडी) टैरिफ की शुरूआत, और स्मार्ट मीटरिंग प्रावधानों का युक्तिकरण।

दिन के समय (टीओडीटैरिफ की शुरुआत

दिन के हर समय एक ही दर पर बिजली के लिए शुल्क लेने के बजाय, बिजली के लिए आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली कीमत दिन के समय के अनुसार अलग-अलग होगी। टीओडी टैरिफ प्रणाली के तहत, सौर घंटों (राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्दिष्ट एक दिन में आठ घंटे की अवधि) के दौरान टैरिफ सामान्य टैरिफ से 10 से 20 प्रतिशत कम होगा, जबकि पीक घंटों के दौरान टैरिफ 10 से 20 प्रतिशत अधिक होगा। टीओडी टैरिफ 10 किलोवाट और उससे अधिक की अधिकतम मांग वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2024 से और कृषि उपभोक्ताओं को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं के लिए 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए टाइम ऑफ डे टैरिफ स्मार्ट मीटर लगने के तुरंत बाद प्रभावी कर दिया जाएगा।

केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि टीओडी उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली प्रणाली के लिए भी फायदे का सौदा है। टीओडी टैरिफ में पीक आवर्स, सोलर आवर्स और सामान्य घंटों के लिए अलग-अलग टैरिफ शामिल हैं, उपभोक्ताओं को टैरिफ के अनुसार अपने लोड का प्रबंधन करने के लिए मूल्य संकेत भेजा जा सकता है। टीओडी टैरिफ तंत्र के बारे में जागरूकता और प्रभावी उपयोग से उपभोक्ता अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं। चूँकि सौर ऊर्जा सस्ती है, सौर ऊर्जा घंटों के दौरान टैरिफ कम होगा, इसलिए उपभोक्ता को लाभ होगा। गैर-सौर घंटों के दौरान थर्मल और जल विद्युत के साथ-साथ गैस आधारित क्षमता का उपयोग किया जाता है – उनकी लागत सौर ऊर्जा की तुलना में अधिक होती है – यह दिन के समय के टैरिफ में दिखाई देगी। अब उपभोक्ता अपनी बिजली लागत को कम करने के लिए अपने उपभोग की योजना बना सकते हैं – बिजली की लागत कम होने पर सौर घंटों के दौरान अधिक गतिविधियों की योजना बना सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टीओडी तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का बेहतर ग्रिड एकीकरण भी सुनिश्चित करेगा जिससे भारत के लिए तेजी से ऊर्जा परिवर्तन की सुविधा मिलेगी। श्री आर.के. सिंह ने कहा, “टीओडी टैरिफ नवीकरणीय उत्पादन के उतार-चढ़ाव के प्रबंधन में सुधार करेगा, उच्च आरई उत्पादन घंटों की अवधि के दौरान मांग में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा और इस तरह बड़ी मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड एकीकरण को बढ़ाएगा।”

अधिकांश राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) ने देश में बड़े वाणिज्यिक और औद्योगिक (सी एंड आई) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए पहले ही टीओडी टैरिफ लागू कर दिया है। स्मार्ट मीटर की स्थापना के साथ, टैरिफ नीति के अनुसार घरेलू उपभोक्ता स्तर पर टीओडी मीटरिंग शुरू की जाएगी।

टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ, बिजली उद्योगों में विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण डिमांड साइड मैनेजमेंट (डीएसएम) उपाय के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिसका उपयोग उपभोक्ताओं को अपने लोड के एक हिस्से को पीक समय से ऑफ-पीक समय में स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करने के साधन के रूप में किया जाता है। जिससे पीक अवधि के दौरान सिस्टम पर मांग को कम करके सिस्टम लोड फैक्टर में सुधार होता है। टीओडी टैरिफ (यानी टैरिफ नीति, 2016, विद्युत अधिनियम, 2003 और राष्ट्रीय विद्युत नीति, 2005) के कार्यान्वयन को सक्षम करने और बढ़ावा देने के लिए विभिन्न वैधानिक प्रावधान पहले से ही मौजूद हैं।

स्मार्ट मीटरिंग प्रावधान में किये गए संशोधन के संबंध में नियम

सरकार ने स्मार्ट मीटरिंग के नियमों को भी आसान कर दिया है। उपभोक्ताओं की असुविधा उत्पीड़न से बचने के लिए, उपभोक्ता की मांग में अधिकतम स्वीकृत भार/मांग से अधिक वृद्धि पर मौजूदा जुर्माने को कम कर दिया गया है। मीटरिंग प्रावधान में संशोधन के अनुसार, स्मार्ट मीटर की स्थापना के बाद, स्थापना तिथि से पहले की अवधि के लिए स्मार्ट मीटर द्वारा दर्ज की गई अधिकतम मांग के आधार पर उपभोक्ता पर कोई दंडात्मक शुल्क नहीं लगाया जाएगा। लोड संशोधन प्रक्रिया को भी इस तरह से तर्कसंगत बनाया गया है कि अधिकतम मांग को केवल तभी ऊपर की ओर संशोधित किया जाएगा जब स्वीकृत लोड एक वित्तीय वर्ष में कम से कम तीन बार से अधिक हो गया हो। इसके अलावा, स्मार्ट मीटर को दिन में कम से कम एक बार दूर से (रिमोटली) पढ़ा जाएगा और उपभोक्ताओं के साथ डेटा साझा किया जाएगा ताकि वे बिजली की खपत के बारे में सूचित निर्णय ले सकें।

विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 को सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2020 को अधिसूचित किया गया था, इस विश्वास के आधार पर कि बिजली प्रणालियाँ उपभोक्ताओं की सेवा के लिए मौजूद हैं और उपभोक्ताओं को विश्वसनीय सेवाएँ और गुणवत्तापूर्ण बिजली प्राप्त करने का अधिकार है। नियम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि नए बिजली कनेक्शन, रिफंड और अन्य सेवाएं समयबद्ध तरीके से दी जाएं और उपभोक्ता अधिकारों की जानबूझकर उपेक्षा के परिणामस्वरूप सेवा प्रदाताओं पर जुर्माना लगाया जाए और उपभोक्ताओं को मुआवजे का भुगतान किया जाए।

नियमों में मौजूदा संशोधन सरकार द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने, सस्ती कीमत पर 24X7 विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने और बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों की निरंतरता में है।

दिसंबर 2020 में नियमों की अधिसूचना और उसके बाद से हुए संशोधन निम्नलिखित हैं

विद्युत (उपभोक्ता  अधिकार) नियम, 2020

विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) संशोधन नियम, 2021

विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) संशोधन नियम, 2022

विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) संशोधन नियम, 2023

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