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संस्कृति पर हो रहे हमलों पर लोगों को जागरूक करें “सांस्कृतिक योद्धा,” लेकिन कानून हाथ मे ना लें-योगी आदित्यनाथ

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-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन” द्वारा आयोजित ‘सेव कल्चर सेव इंडिया मिशन’ में किया प्रतिभाग

-कोलकाता में रिक्शा चला रहे हैं औरंगजेब के वंशज: मुख्यमंत्री योगी

बोले सीएम- ऑनलाइन गेमिंग माध्यम से भी कराया जा रहा है धर्मांतरण

अपनी संस्कृति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकता है भारत: सीएम योगी

गौतमबुद्धनगर,25 जून

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल युग में हमारी संस्कृति पर हो रहे हमलों को लेकर सांस्कृतिक योद्धा लोगों को जागरूक करें, लेकिन कानून को अपने हाथों में न लें। अगर कानून को अपने हाथ में लेंगे तो आप उनकी मदद करेंगे, उनके लिए बचाव का रास्ता खोल देंगे। ऐसी किसी तरह की सूचना मिलने पर सांस्कृतिक योद्धा पुलिस को जानकारी दें। उन्होंने कहा कि यह डिजिटल युग जितना लाभकारी है उतना ही खतरनाक भी है। हाल ही में एक घटना सामने आई थी, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग माध्यम से स्कूली बच्चों का धर्मांतरण कराया जा रहा था। बहुत बड़ा गिरोह है, जिसे हमारी पुलिस ने पकड़ा था।

सीएम योगी ने रविवार को गौतमबुद्धनगर विश्वविद्यालय में “सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन” द्वारा आयोजित ‘सेव कल्चर सेव इंडिया मिशन’ में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्मांतरण को लेकर कुछ दिनों पहले एक और गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जो मूक बधिर बच्चों का धर्मांतरण करा रहा था। धर्मांतरण की घटनाएं सिर्फ उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही हैं। ऐसे लोग षडयंत्र के तहत सभ्य परिवारों के बीच अपनी जगह बनाते हैं। आगे क्या होता है वह आप सबके सामने हुआ। हाल ही में दिल्ली और मुंबई हुई घटनाएं इसका बड़ा उदाहरण है। हमारी सरकार इसको रोकने के लिए अध्यादेश लेकर आई है और कानून उसके हिसाब से कार्य कर रहा है।

दुनिया के सभी देशों की अपनी विशिष्ट पहचान है। उदाहरण स्वरूप हम फ्रांस को देखें तो कला उसकी पहचान है। ब्रिटेन अपने व्यवसायिक हितों के लिए जाना जाता है। उसी तरह भारत की पहचान उसकी संस्कृति है। इसलिए कहा गया है- ‘भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा’ यानी संस्कृत और संस्कृति भारत की पहचान है। इसका मतलब है कि भारत अपनी संस्कृति के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज में कुछ भी नहीं परोसा जा सकता है। उसके भी कुछ नियम और कायदे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि संस्कृति यानी बीज का पनप जाना और फल फूलकर लोक कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है, लेकिन बीज का सड़ जाना गल जाना यह उसकी विकृति है। संस्कृति पर हमला बीज को गलाने और सड़ाने के लिए किया जाता है, जो सबसे खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मुगल इस देश में तब तक आराम से शासन करते रहे जब तक उन्होंने मंदिरों पर हमला नहीं किया, जब उन्होंने मंदिरों पर हमला करना शुरू किया तो उनका पतन होना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि सुनने में आता है कि औरंगजेब के वंशज कोलकाता में रिक्शा चला रहे हैं।

देवासुर संग्राम धर्म-अधर्म, सत्य-असत्य और न्याय-अन्न्याय के बीच ही हुआ था। हर कालखंड में अच्छे और बुरे लोग रहे हैं। आज संस्कृति पर अलग-अलग माध्यमों से हमले हो रहे हैं। महत्वपूर्ण यह है कि अच्छे लोग संस्कृति बचाओ अभियान का हिस्सा बनें और लोगों को जागरूक करें। सामान्य व्यक्ति अपने बहुमूल्य समय में से औसतन 6-8 घंटा अपने मोबाइल पर खर्च करता है। अगर वह अपना समय सही दिशा में कर रहा है तब तो ठीक है, नहीं तो वह पतन की ओर जा रहा है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा और उन्हें इस लायक बनाना होगा कि वह समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें।

सांस्कृतिक योद्धा हुए सम्मानित
कार्यक्रम में सीएम योगी ने ‘सेव कल्चर सेव इंडिया मिशन’ की वेबसाइट लॉन्च की। इसके अलावा भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले सांस्कृतिक योद्धाओं को फाउंडेशन की ओर से एक लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक योद्धाओं को यह सम्मान सीएम योगी ने दिया। इनमें स्वच्छ साइबर भारत आंदोलन चलाने वाले अभय शाह, रचनात्मक ब्रांडिंग और ‘एक लड़की’ जैसी बहु चर्चित फिल्म बनाने वाले मनीष प्राणिया, वरिष्ठ लेखिका और पिक्सल की सीईओ वैशाली शाह, फिल्म निर्माता प्रवीण चतुर्वेदी, हिंदू जनजागरण समिति के प्रवक्ता रमेश शिंदे, पत्रकार स्वाति गोयल शर्मा, टीवी एंकर प्रदीप भंडारी, जेम्स ऑफ बॉलीवुड आंदोलन चलाने वाले संजीव नेवर, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन शामिल रहे। इसके फाउंडेशन से जुड़े व्यापार और राजस्व सलाहकार उत्तम दवे, उद्योगपति उमेश छज्जे और वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिंह को सीएम योगी ने शाल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर, औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, संसदीय कार्य तथा औद्योगिक विकास के राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी, लोकनिर्माण विभाग के राज्य मंत्री बृजेश सिंह समेत विश्विद्यालय के शिक्षक और छात्र मौजूद थे।

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