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सेहत की बात : जानिए, डॉक्टरों के लिए देश भर में कौन से नए नियम हुए लागू

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नई दिल्ली, 11 अगस्त।

अगर किसी अस्पताल में उपचार करने वाले मरीज को अपने दस्तावेज की जानकारी चाहिए तो उक्त अस्पताल में संबंधित डॉक्टर को यह कार्य अधिकतम 5 दिन में करना होगा। अभी 72 दिन का समय दिया जाता है। चिकित्सा आपात स्थिति के मामले में मेडिकल रिकॉर्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके अलावा शराब या नशीले पदार्थ का सेवन करके मरीजों को देखभाल करना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

यह नए नियम राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने जारी किए हैं इन नियमों के लागू होने के बाद कई प्रतिबंध लगाए गए हैं जैसे डॉक्टर अब हिंसक रोगी के उपचार से इंकार कर सकेंगे साथ ही किसी दवा कंपनी का विज्ञापन नहीं कर सकेंगे अगर कोई ऐसा मामला सामने आता है तो उनका लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। आयोग के दिशा निर्देश के मुताबिक हिंसक रोगी के इलाज से डॉक्टर मना तो कर सकता है लेकिन डॉक्टर को यह जरूर देखना होगा कि ऐसा करने से कहीं उस मरीज की जान का जोखिम तो नहीं बढ़ जाएगा।

नए नियम के अनुसार अगर किसी डॉक्टर या उनके परिवार को कोई उपहार, यात्रा सुविधा, नकद या कोई अनुदान देता है तो उक्त डाक्टर का लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। इसके अलावा पंजीकृत डॉक्टर सेमिनार कार्यशाला संगोष्ठी या फिर सम्मेलन जैसी किसी भी तीसरे पक्ष की शैक्षिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकेंगे जिनका किसी फार्मा कंपनी से संबंध हो। अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी स्थिति में डॉक्टर उपहार नहीं ले सकते।

नए नियमों के मुताबिक सर्जरी का उपचार की लागत के बारे में पूरी जानकारी मरीज को देनी जरूरी है यहां तक की मरीज की जांच करने का इलाज या इलाज शुरू करने से पहले उसे परामर्श शुल्क के बारे में बताना होगा। इसके बाद भी अगर कोई मरीज शुल्क नहीं देता है तो डॉक्टर के पास ही अधिकार है कि वह उपचार के लिए इंकार कर सकता है लेकिन यह आपात स्थिति वाले रोगियों के साथ लागू नहीं होगा।

आयोग की अधिसूचना के मुताबिक पंजीकृत डॉक्टर अपने नाम के आगे मनचाही डिग्री या कोर्स का नाम नहीं लिख सकते उन्हें अपने नाम के आगे केवल एनएमसी की ओर से मान्यता प्राप्त या फिर मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री डिप्लोमा का नाम लिखना होगा डिग्री डिप्लोमा भी वही होगा इसके बारे में एनएमसी की वेबसाइट पर जानकारी मौजूद होती है अगर कोई और डिग्री लिखते हैं तो उसे अमान्य करार कर जुर्माना लगाया जा सकता है।

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