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नोएडा स्टेडियम में व्हीलचेयर स्पोर्ट्स और कल्चरल प्रोग्राम में 100 व्हीलचेयर यूजर्स हुए शामिल

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नोएडा, 3 सितंबर।

नोएडा इंडोर स्टेडियम में चल रहे राष्ट्रीय चोट रोकथाम सप्ताह (1 से 7 सितंबर) के तहत ‘स्पाइनल कॉर्ड इंजरी डे’ मनाने के लिए आयोजित हुए व्हीलचेयर स्पोर्ट & कल्चरल प्रोग्राम में 100 से ज्यादा व्हीलचेयर यूजर और लगभग 500 अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय चोट रोकथाम सप्ताह का तीसरा संस्करण भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के तत्वावधान में मनाया जा रहा है।
स्पाइन केयर एक्सपर्ट्स और देश भर से 14 राष्ट्रीय स्पाइन केयर सोसायटियां आउटडोर एक्टिविटी, कल्चरल प्रोग्राम और पैनल डिस्कसन सहित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करके इस सप्ताह को मनाने के लिए एक साथ आई हैं। इस इवेंट में बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष श्री राज कुमार गुप्ता सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा 100 से ज्यादा व्हीलचेयर यूजर्स ने व्हीलचेयर बास्केटबॉल, व्हीलचेयर फुटबॉल, रग्बी, व्हीलचेयर रेस और व्हीलचेयर बाधा दौड़ जैसे खेलों में हिस्सा लिया। नोएडा के सेक्टर 21 में इनडोर स्टेडियम में 500 अन्य प्रतिभागियों ने भी भाग लिया।
व्हीलचेयर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज दोपहर 2 से 4 बजे तक आयोजित की गईं, वहीं कल्चरल प्रोग्राम शाम 4.30 से 6.00 बजे तक आयोजित हुए। रंगारंग कार्यक्रम में प्रोफेसनल द्वारा हाई-एनर्जी कल्चरल डांस परफार्मेंस और व्हीलचेयर स्टंट हुए। इन परफार्मेंस ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा इवेंट फिजकल मोड में हुआ। हालांकि इसे चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, कटक, लखनऊ, हैदराबाद, पटना और भोपाल सहित अन्य शहरों में लाइव या वर्चुयल दिखाया गया।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा, “भारत में ‘चोट रोकथाम सप्ताह’ मनाने का उद्देश्य ‘भारत को चोट से मुक्त’ रखना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के तत्वावधान में मनाया जाने वाला ‘चोट रोकथाम सप्ताह’ का यह तीसरा साल है। मुझे खुशी है कि 14 प्रोफेसनल, नॉन-मेडिकल और उपभोक्ता संगठनों ने इस ‘चोट रोकथाम सप्ताह’ को मनाने के लिए निदेशालय के साथ हाथ मिलाया है। हमारे नागरिकों के बीच चोटों को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के एकमात्र उद्देश्य से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। निदेशालय ईमानदारी से इस नेक काम के लिए किए गए इन प्रयासों की सफलता की कामना करता है और इस मामले में हमारे पूर्ण सहयोग का आश्वासन देता है।”

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटयूट के स्पाइन और रिहैबिलिटेशन सेंटर के प्रमुख, स्पाइनल कार्ड सोसाइटी के अध्यक्ष, स्पाइन वेलनेस & केयर फाउंडेशन के चेयरमैन, और SCI दिवस के साथ-साथ इंजरी प्रीवेंशन वीक के आधिकारिक कोआर्डिनेटर डॉ हरविंदर सिंह छाबड़ा ने कहा, “अस्पतालों में लगने वाला खर्च दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है इसलिए यह जरूरी हो गया है कि किसी भी तरह की चोट से बचा जाए या चोट की चपेट में आने से खुद को सुरक्षित रखा जाए। 2018 में स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) 8 राष्ट्रीय और 7 अंतर्राष्ट्रीय सोसाइटी के तत्वावधान में चोट की रोकथाम वर्कशॉप में विभिन्न रोकथाम उपायों पर विचार -मंथन किया गया और DGHS द्वारा प्रस्तुत की गयी सिफारिशों पर एक आम सहमति बनी थी। इस साल की चोट के रोकथाम सप्ताह में हम एक संदेश देना चाहेंगे कि चोटों को रोकने से अर्थव्यवस्था को कैसे लाभ हो सकता है और साथ ही स्वास्थ्य सेवा पर किस तरह से कम बोझ डाला जा सकता है। इसके अलावा इस बारे में भी जागरूकता फैलाई जायेगी कि कैसे चोट से बचने से व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। व्हीलचेयर स्पोर्ट और डांस एक्टिविटी के माध्यम से आज हम यह भी संदेश फैलाना चाहते थे कि व्हीलचेयर पर बैठे व्यक्तियों को देखकर स्वस्थ शरीर वाले लोगों को सकारात्मक रहना चाहिए क्योंकि व्हीलचेयर यूजर अपनी विकलांगता के बावजूद न केवल मन की शक्ति, बल्कि अपनी विशेष क्षमता से अपनी विकलांगता द्वारा उत्पन्न समस्याओं को दूर करते हैं और एक मजबूत व्यक्ति के रूप में उभरते हैं और अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त भी करते हैं। सक्षम शरीर वाले लोगों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।”
सड़क परिवहन और राजमार्ग (MoRTH) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में कुल 16,397 व्यक्ति मारे गए थे, जिनमें से 8,438 ड्राइवर थे और शेष 7,959 यात्री थे।
सात-दिवसीय राष्ट्रीय चोट रोकथाम कार्यक्रम 1 सितंबर को 7-8 बजे से ऑनलाइन मोड में “पावर ऑफ माइंड” विषय पर आईआईटी मद्रास और और टेट्राप्लिक की पूर्व छात्रा सुश्री प्रीति श्रीनिवासन की उपस्थिति में एक वेबिनार के साथ शुरू हुआ। गौरतलब है कि सुश्री प्रीति श्रीनिवासन का संघर्ष और उपलब्धियां प्रेरणादायक हैं। दूसरे दिन एक ऑनलाइन पोस्टर प्रतियोगिता “रीढ़ की हड्डी की चोटों की रोकथाम” और एक स्लोगन प्रतियोगिता “एस, वी कैन” आयोजित की गई।

4 सितंबर को ऑनलाइन मोड में “रीढ़ की हड्डी की चोट के प्रबंधन में चुनौतियों को दूर करने के लिए रणनीतियों पर एक पैनल चर्चा होगी। 5 सितंबर को SCI दिवस को श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में हाइब्रिड मोड में आयोजित होगा, जिसमें SCI, इन्क्लूसिव डांस, नुक्कड़ नाटक (स्ट्रीट प्ले) और व्हीलचेयर एक्टिविटी के बारे में जागरूकता पर चर्चा होगी। रीढ़ की हड्डी की चोटों वाले व्यक्तियों के लिए एक स्वास्थ्य जांच और वोकेशनल रिहैबिलिटेशन कैम्प भी आयोजित किया जायेगा।

अंतिम दो दिनों की गतिविधियों में 6 सितंबर को “चोट की रोकथाम” पर एक ऑनलाइन पैनल चर्चा और 7 सितंबर को रीढ़ की हड्डी की चोटों की रोकथाम पर एक ऑनलाइन ऑडियो-विजुअल सेशन आयोजित किया जायेगा।

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