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यूपी में लोक अदालतों ने दो साल के 6 चरणों मे 3 करोड़ 30 लाख केस निपटाए, 5600 पारिवारिक विवाद सुलझाए

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-उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022-23 व 2023-24 के बीच अब तक कुल मिलाकर 6 चरणों में लोक अदालतों का हुआ आयोजन, इसमें दाम्पत्य व पारिवारिक विवाद से जुड़े 5632 मामलों का हुआ निस्तारण

-बैंक रिकवरी से संबंधित विवादों में त्वरित समाधान उपलब्ध कराने में भी मिली सफलता, 27782 मामलों का वर्ष 2022-23 व 2023-24 के बीच हुआ निस्तारण

-उत्तर प्रदेश की लोक अदालतें त्वरित निस्तारण के जरिए आम जनता के लिए न्यायिक प्रक्रिया को बना रही हैं सरल व सुगम

लखनऊ, 8 सितंबर।

उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को सुधारने के साथ-साथ योगी सरकार ने न्यायिक प्रक्रिया तक आम लोगों की पहुंच को आसान बनाने के जो प्रयास किए हैं, वह अब धरातल पर अपना असर दिखाने लगे हैं।

इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में लोक अदालतें भी जनता को जटिल कानूनी प्रक्रियाओं के पेंच से निकालकर लंबित मामलों के त्वरित निस्तारण का मार्ग प्रशस्त कर रही है। जटिल न्यायिक प्रक्रिया में सरलीकरण की यह मुहिम रंग ला रही है और यूपी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी की रिपोर्ट ने इस बात पर मुहर भी लगा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में वर्ष 2022-23 व 2023-24 के मध्य अब तक कुल 6 चरणों में लोक अदालतें लगाई गईं जिसमें कुल मिलाकर रिकॉर्ड 3.30 करोड़ मामलों का निस्तारण हुआ। वहीं, दांपत्य व पारिवारिक विवाद के मामलों को सुलझाने में भी उत्तर प्रदेश में लगाई गई लोक अदालतों को व्यापक सफलता मिली है। यही कारण है कि बात चाहें अपराधिक मामलों में न्याय की हो, पारिवारिक व दांपत्व विवाद सुलझाने की हो या फिर बैंक रिकवरी के केसेस में त्वरित समाधान उपलब्ध कराने की हो, उत्तर प्रदेश एक मिसाल बनकर उभरा है। उत्तर प्रदेश देश में उन राज्यों में शुमार है जो लगातार मिसाल कायम कर रहे हैं। लोक अदालतों के जरिए जटिल न्यायिक प्रक्रिया के सरलीकरण व त्वरित समाधान उप्लब्ध कराने की दिशा में योगी सरकार के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए रोल मॉडल सरीखा साबित हो रहा है।

दांपत्य व पारिवारिक विवादों के निस्तारण में आई तेजी

यूपी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022-23 व वर्ष 2023-24 के मध्य अब तक 6 चरणों में प्रदेश भर में लोक अदालतें लगाई गईं। इनमें पारिवारिक विवादों के निस्तारण के साथ ही दांपत्व विवादों के मामलों में त्वरित समाधान व निस्तारण उपलब्ध कराने की प्रक्रिया पर जोर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में इन विवादों को सुलझाने के लिए प्री लिटिगेशन स्टेज में ही सुलह कराए जाने और दोनों पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए प्रयास किए जाते हैं। वहीं, दांपत्य व पारिवारिक विवादों से जुड़े मामलों के अलग से निस्तारण के लिए स्पेशल लोक अदालतें भी लगाई जाती हैं। इस क्रम में, प्रदेश भर की सिविल कोर्ट्स में लोक अदालत संबंधी हेल्प डेस्क्स की स्थापना की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, 12 मार्च 2022 को हुई लोक अदालत में पारिवारिक व दांपत्य विवाद से जुडे कुल 635 मामलों का निस्तारण किया गया। जबकि, 14 मई 2022 को लगाई गई लोक अदालत में 849, 13 अगस्त 2022 को लगाई गई लोक अदालत में 936, 12 नवंबर 2022 को लगाई गई लोक अदालत में 1244, 11 फरवरी 2023 को लगाई गई लोक अदालत में 1154 व 21 मई 2023 को आयोजित लोक अदालत में 814 मामलों का निस्तारण हुआ है। इस प्रकार वर्ष 2022 से मई 2023 तक कुल मिलाकर 5632 मामलों के निस्तारण में सफलता मिली है।

बैंक रिकवरी केसेस के निस्तारण में भी सकारात्मक भूमिका

रिपोर्ट के अनुसार, यूपी स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (यूपीएसएलएसए) के पेट्रन इन चीफ व एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन की सलाह पर प्रदेश में बैंक रिकवरी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक विशेष लोक अदालती सत्र का आयोजन इस वर्ष 17 व 18 मार्च को किया गया था। इसमें भी व्यापक सफलता प्राप्त करते हुए कुल 27782 मामलों के निस्तारण व त्वरित समाधान उपलब्ध कराए जाने की प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया गया। रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि प्रदेश में आयोजित होने वाली सभी लोक अदालतों के बारे में लोगों को जागरुक करने, उनके आयोजन तिथि की जानकारी उपलब्ध कराने और प्रासंगिकता के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए भी राज्य सरकार व न्यायिक विभाग द्वारा व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।

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