श्रीमद्भागवत कथा में आचार्य मनीष कौशिक बोले, समर्पण भाव से ही मिलते हैं प्रभु
1 min readनोएडा, 4 अक्टूबर।
सेक्टर 27 आर डब्ल्यू ए द्वारा क्लब 27 में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्री वृंदावन धाम से पधारे भागवत भ्रमण आचार्य श्री मनीष कौशिक जी महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि राधारानी की कृपा से ही मैंने गोवर्धन पर्वत धारण किया।
महारास की कथा में बताया कि गोविंद को अहम की भावना से नहीं पाया जा सकता इसलिए भगवान को पाना है तो गोपियों के जैसे विशुद्ध प्रेम करके ही पाया जा सकता है ।
अंत में भगवान ने मथुरा जाकर कंस का वध किया और प्रभु का विवाह रुक्मणी महारानी के साथ बड़े धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर सर्वश्री राजीव गर्ग, मदन लाल शर्मा,एस के वर्मा, राजीव जैन,एस पी एस यादव,के के सारस्वत, एस के कुलश्रेष्ठ, सुशील शर्मा, एस सी गुप्ता, आलोक कुमार, जुगल किशोर गुप्ता, सरोज चौरसिया, सीमा सिंघल,सविता शर्मा, सविता गर्ग,लता गोयल, मंजू गुप्ता,कुमकुम सिंघल,रूपंजली शुक्ला, मीनाक्षी काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।
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