यूपी में निजी स्कूलों को लौटानी होगी 15 फीसदी फीस, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश से रोक हटाई
1 min readनई दिल्ली/लखनऊ, 13 अक्टूबर।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के निजी स्कूलों की ओर से कोविद-19 महामारी में शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान विद्यार्थियों से ली गई फीस में से 15 प्रतिशत लौटाने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर लगी रोक हटा दी है।इस मामले में राज्य के तीन स्कूलों को शीर्ष अदालत के फैसले का लाभ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के रोक पूर्व छात्रों को फीस वापसी तक सीमित थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली दो सदस्य पीठ में अपने आदेश में कहा है की याचिका कर्ता इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि सिर्फ तीन स्कूल अदालत का आदेश मानने को तैयार हुए हैं हालांकि उनकी बैलेंस शीट और लाभ हानि का लेखा-जोखा अधूरा है पीठ ने उसके अंतरिम आदेश का लाभ इन तीन स्कूलों को देने की बात कही है इन तीन स्कूलों को शपथ पत्र के जरिए 1 अप्रैल 2018 से 30 मार्च 2022 तक का लाभ हानि का विवरण 6 हफ्ते में जमा करना होगा। पीठ से तीनों स्कूलों से यह भी बताने के लिए कहा है कि क्या 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच शिक्षकों में स्टाफ के वेतन में कोई कटौती की थी।
यह भी दिन प्रतिदिन या प्रचलन। व्यय में कोई कमी की थी। मई में सुप्रीम कोर्ट ने 6 सप्ताह के लिए हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार राज्य प्रशासन के किसी भी कठोर आदेश से स्कूलों की रक्षा की थी लेकिन कहा था कि यदि उनकी बैलेंस शीट इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को न्यायोचित ठहराती हो तो स्कूलों को 2020 और 21 की महामारी के दौरान ली गई फीस वापस करनी होगी।
पीठ ने सभी स्कूलों को बैलेंस शीट पेश करने का निर्देश दिया था अदालत में हाई कोर्ट के आदेश पर फीस वापसी पर रोक लगा दी थी अब सभी निजी स्कूलों को 15 फीसदी फीस वापस लौट होगी।
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