एनजीटी कोर्ट ने डीएम गौतमबुद्ध नगर के साथ सीईओ नोएडा और ग्रेटर नोएडा को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया, ग्रीन एरिया में टाइल्स लगाने का मामला
1 min readगौतमबुद्ध नगर, 7 नवम्बर।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी और नोएडा प्राधिकरण और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। यह कार्रवाई सड़कों के किनारे फुटपाथों को ग्रीन में कवर करने की बजाय उन्हें पक्का करने और एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन करने पर की गई है।
इस मामले में याचिकाकर्ता पर्यावरण विद् विक्रांत तोंगड ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा शहर में सड़कों के किनारे लगे ज्यादातर पेड़ों को कंक्रीट से कवर कर दिया गया और जगह-जगह घास लगाने की बजाय फुटपाथों को टाइल लगाकर कंक्रीट को बढ़ावा दिया गया। इससे नोएडा व ग्रेटर नोएडा में पानी का लेवल घटा है यानी जल संरक्षण में यह लापरवाही है ग्राउंड वाटर जमीन के अंदर नही जाता। वर्ष 2018 में एनजीटी ने निर्देश दिया था कि जल संरक्षण के लिए अधिकतर एरिया में सड़क के किनारे पेड़ लगाते समय वहां ग्रीनरी की जाए जो टाइल लगी है उन्हें हटाया जाए मगर ऐसा नहीं हो रहा है। प्रशासनिक रूप से डीएम की भी इस मामले में जवाबदेही बनती है। इसलिये तीनो को एनजीटी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होना पड़ेगा। अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अगली तारीख 22 फरवरी 2024 होगी।
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