फोनरवा चुनाव से पहले चुनाव अधिकारी के सामने अहम सवाल, क्या फाउंडर मेम्बर्स की सदस्यता बहाल होगी ?
1 min readविनोद शर्मा
नोएडा, 10 दिसम्बर।
फोनरवा चुनाव की रणभेरी फिर बज चुकी है। गौतम बुद्ध नगर के जिला समाज कल्याण अधिकारी शैलेंद्र बहादुर जी को नया चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है वह अगले एक-दो दिन में चुनाव कार्यक्रम घोषित कर सकते हैं उन्हें डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी की तरफ से अधिकृत पत्र जारी किया जा चुका है नोएडा शहर की विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को जोड़कर बनाए गए सबसे बड़े संगठन फोन राव चुनाव पर पूरे नोएडा की नजर है पहले चुनाव की घोषणा हुई फिर विवादों के कारण स्थगित हुई। अब अंततः चुनाव अधिकारी ने सभी सद्स्यो से चुनाव में सहयोग का आह्वान किया है। इन सबके बीच कई ऐसे मुद्दे हैं जिनका जवाब चुनाव अधिकारी ही दे सकते हैं।
1-क्या 22 अक्टूबर को हुई फोनरवा की एजीएम वैध है और उसके प्रस्ताव क्या मान्य होंगे ?
जिस तरह से फोनरवा के एक पक्ष में एजीएम को लेकर विवाद पैदा हुआ था और यह जानकारी दी गई थी कि चुनाव घोषणा के बाद बुलाई गई एजीएम मान्य नहीं है और इसी मीटिंग में जो प्रस्ताव पारित हुए वह भी मान्य नही है, अगर ऐसा है तो क्या फाउंडर्स मेम्बर्स को लेकर पारित प्रस्ताव अब बेअसर हो गया। या इस मुद्दे को डिप्टी रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी ने चुनाव अधिकारी के विवेक पर छोड़ दिया है।
2.कौन लड़ सकते हैं चुनाव ?
चुनाव में मौजूद पदाधिकारी ही किसी भी पद पर नामांकन भर सकते हैं अब सवाल यह उठा की नवंबर में होने वाले चुनाव में जिन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था अब अगर उनके सेक्टर में नई कार्यकारी का गठन हो गया है तो नए पदाधिकारी ही चुनाव लड़ पाएंगे पुराने पदाधिकारी चुनावी दौड़ से बाहर हो जाएंगे उल्लेखनीय की नवंबर में होने वाले चुनाव में 226 सदस्य वोटर लिस्ट में थे तो वोटर लिस्ट में कौन सी नई कार्यकारिणी या नए सेक्टर जुड़ेंगे वह वोट देने के अधिकारी होंगे या नहीं यह भी अहम मुद्दा रहेगा
3. फाउंडर मेम्बर्स का क्या होगा ?
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अब जो चुनाव घोषित होंगे क्या उनमें फाउंडर मेंबर वोट देने के अधिकारी होंगे वह तभी संभव है जब फाउंडर मेंबर्स से जुड़े हुए प्रस्ताव को चुनाव अधिकारी मान्य करार देंगे और फिर वही फाउंडर मेंबर वोट देने के अधिकारी होंगे।
4. क्या नई आरडब्ल्यूए को जोड़ने की सुविधा मिलेगी ?
नवंबर में होने वाले चुनाव के दौरान यह चर्चा भी तेजी से हुई थी कि जिन सेक्टरों में आरडब्ल्यूए हैं मगर उन्हें वोट देने का अधिकार नही हैं उन्हें भी वोटर बनाया जाए। वैसे यह तो तय है कि चुनावों की घोषणा तक जो भी नए पदाधिकारी हैं वे वोट देने व चुनाव लड़ने के पात्र होंगे।
इन सभी सवालों के जवाब चुनाव अधिकारी को तलाशने होंगे। इन्ही मुद्दों पर विवाद था। फाउंडर मेम्बर की सदस्यता बहाल करने का फैसला पूर्व एजीएम की बैठक के जरिये माना जायेगा या नई कार्यकारिणी उसे बहाल करेगी। इस सम्बंध में चुनाव अधिकारी शैलेन्द्र बहादुर सिंह ने noidakhabar.com को बताया कि इस सम्बंध में मुझे अभी अध्ययन करना है। उससे पहले मैं कोई टिप्पणी नही करूंगा। यह जरूर है कि सभी प्रक्रिया नियमानुसार होगी।
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