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नोएडा, 20 जनवरी।

कोनरवा (कनफेडरेशन का एनसीआर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) ने नोएडा शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ लोकेश एम को पत्र लिखकर जनहित में इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करने का आग्रह किया है।

संस्था के अध्यक्ष पी एस जैन ने पत्र के जरिये लिखा है कि नौएड़ा शहर में लगभग 150 से अधिक सैक्टर है जिसमें लगभग 100 सैक्टर आवासीय है जिनकी आपस में दुरी लगभग 30 कि0मी0 तक की है परन्तु नौएड़ा शहर का अपना कोई भीऐसा पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सिस्टम नही है जिसमें एक सैक्टर से दुसरे सैक्टर में निवासी सुविधापूर्वक आ जा सके। नौएड़ा में मेट्रो के अन्दर का सफर इतना असान होता है कि लगता है कि हमें अपने गनत्वय तक शीघ्र पहुच जाऐगे परन्तु असली संघर्ष तो करना होता तब उस मेट्रो स्टेशन तक जाना होता है।

उन्होंने कहा कि नागरिको को अपने गंतव्य तक किसी भी सैक्टर की और जाना पड़े तो वह ऑटो या ई-रिक्शा का प्रयोग करने के लिए बाध्य है और कभी कभी केवल 5, 10 कि0मी0 की दुरी में दो बार ऑटो रिक्सा बदलना पड़ता है। या यात्रीयो को औला और उबर जैसे ऐप के जरिए अपनी यात्रा करने को मजबूर होते है और जितना किराया मेट्रो में नही लगता उससे ज्यादा किराया ऑटो/ई-रिक्सा/टैक्सी में देना पड़ जाता है। जो लोग इस को वहन कर सकते है वह इसका उपयोग करते है, परन्तु सभी वर्ग के लोग इसका उपयोग नही कर सकते क्योकि यह खर्च बहुत अधिक होता है तथा सुविधाजनक नही होता है।
कोनरवा अध्यक्ष ने कहा है कि शहर में देखने को डी0टी0सी0 की बसे व गाजियाबाद व हापुड़ को जाने वाली प्राईवेट व सरकारी बसे भी दिखती है परन्तु उनका अपना एक अलग रूट होता है जिससे उस रूट पर पड़ने वाले दो चार सैक्टर के निवासीयो को कभी कभी सहुलियत हो जाती है परन्तु बाकी के सैक्टर के निवासीयो को सहुलियत नही मिल पाती है। जैसे नागरिको को सैक्टर 18 से सैक्टर 62 जाना है तो वह बस से आसानी से जा सकता है परन्तु यदि किसी को सैक्टर 18 से सैक्टर 130,135,142,148 आदि जाना हो तो उसे या तो अपने वाहन से जाना होगा या ऑटो आदि से जाना होगा कयोकि उस रूट पर कोई बस सेवा नही है। यदि है भी तो उनके बीच का समय बहुत अधिक है जिसके कारण यात्रीयो को काफी देर तक बसो का इन्तजार करना पड़ता है जिसके कारण वह अपने गंतव्य तक समय से नही पहुच पाते है। इस लिए ही उन्हे दुसरे साधनो के द्वारा अपना सफर करने को मजबूर होना पड़ता है।
एक आम नागरिक पब्लिक ट्रान्सपोर्ट पर निर्भर होते है। इस लिए नौएड़ा जैसे विकसित शहर का अपना एक पब्लिक ट्रान्सपोर्ट सेवा होनी अत्यन्त आवश्यक है। जो प्रत्येक सैक्टर के अन्तिम व्यक्ति तक अपनी पहुच रखे व किसी भी अन्य सैक्टर में जाने की सुविधा हो। जिस से शहर के सभी नागरिक उसका लाभ उठा सके।
प्राधिकरण द्वारा 48 वर्षो के बाद भी अपना कोई पब्लिक ट्रान्पोर्ट सिस्टम नही है जो नौएड़ा को एक विकसित शहर कहा जाने के लिए बहुत बड़ी बाधा है जबकि यह बहुत बड़ा औद्योगिक हब है जहॉ पर विदेशी कम्पनीयॉ भी बहुत अधिक है इस कारण नौएड़ा को विकसित शहर नही कहॉ जा सकता है।
संस्था का सुझाव है कि पब्लिक ट्रान्पोर्ट में ई बसो का संचालन अनिवार्य रूप से शीघ्र किया जाना चाहिए बसे चाहे छोटी हो या बडी उनके रूट इस प्रकार निधारित किये जाऐ कि सभी सैक्टर तक पहुच हो सके तथा अधिक से अधिक नागरिक इस सुविधा का लाभ ले सके।

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