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एमिटी विश्वविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी पर अंतराष्ट्रीय सम्मेलन (इनसाइट 2024) का आयोजन

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नोएडा, 8 मार्च।

एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विज्ञान और इंजिनियरिंग अनुसंधान बोर्ड के सहयोग से ‘‘एडेपटिव इंटेलिजेंस – इवाल्व यूअर वर्ल्ड’’ विषय पर चतुर्थ अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन (इनसाइट 2024) का आयोजन किया गया जिसमें विश्वभर के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, शिक्षाविद् और उद्योग विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।

इस सम्मेलन का शुभारंभ स्पेन के स्पैनिश नेशनल रिसर्च कांउसिल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीटयूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा क्रिस्टीयन ब्लम, डीआरडीओ के भविष्यवादी प्रौद्योगिकी प्रबंधन निदेशालय की निदेशक व वैज्ञानिक डा एन रंजना, यूके के क्वीनस यूनविर्सिटी बेलफास्ट के प्रो सीन मैकलून, एनटीटी डाटा सर्विस के ऑटोमेशन इंजिनियरिंग एंड सर्विसेस के उपाध्यक्ष श्री धुराई गणेशन, साउथ अफ्रिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैप टाउन के जीन पॉल वैन बेले, नैसकॉम एआई के प्रमुख श्री अंकित बोस, एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डा निताशा हस्तीर द्वारा किया गया।

इस अवसर पर स्पेन के स्पैनिश नेशनल रिसर्च कांउसिल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीटयूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा क्रिस्टीयन ब्लम को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त एमिटी विश्वविद्यालय और साउथ अफ्रिका के यूनिवर्सिटी ऑफ प्रिटोरिया के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया। यह समझौता पत्र दोनो संस्थानों के मध्य सहयोगात्मक अनुसंधान, संकाय एंव छात्र विनिमय कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह रणनीतिक साझेदारी विचारो के आपसी विचारो को बढ़ावा देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार के लिए नए रास्ते खोलेगा।

स्पेन के स्पैनिश नेशनल रिसर्च कांउसिल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च इंस्टीटयूट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा क्रिस्टीयन ब्लम ने प्रोफेसरशिप मानक उपाधि के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वर्तमान समय एआई का है और इस प्रौद्योगिकी से लगभग हर क्षेत्र प्रभावित हो रहा है जिससे पूरे विश्व में नई क्राति आ रही है। एमिटी द्वारा प्रदान की गई मानद उपाधि से मै भी एमिटी परिवार का हिस्सा बन गया हूं और स्वंय को गौरवांवित महसूस कर रहा हंू।

डीआरडीओ के भविष्यवादी प्रौद्योगिकी प्रबंधन निदेशालय की निदेशक व वैज्ञानिक डा एन रंजना ने संबोधित करते हुए कहा कि एमिटी द्वारा प्रदान किया गया यह मंच भविष्य को आकार प्रदान कर रहा है और आप सभी देश की जीडीपी में योगदान के संचालक बन रहे है। स्न 2022 में नेशनल एआई मिशन को लांच किया गया जिससे ना केवल अनुंसंधान को गति मिली है बल्कि हर क्षेत्र को एआई से जोड़कर उसके विकास पर ध्यान केद्रीत किया जा रहा है। हमें जिम्मेदार एआई और सटिक एआई जैसे मुख्य बिंदुआंे पर ध्यान देना चाहिए।

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और इसकी गतिशीतला में तेजी बनाये रखने के लिए हम सभी को लगातार प्रयास करना चाहिए। उन्होनें कहा कि एमिटी छात्रों को आधुनिक सूचनाओं के साथ विशेषज्ञों से मिलने का मौका भी देती है।

एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि हांलिया अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को सीखने व समझने में यह सम्मेलन सहायक होगा। एमिटी में हम सदैव छात्रों को सामाजिक समस्याओं के निराकरण हेतु अनुसंधान करने के लिए प्रेरित करते है।

एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डा निताशा हस्तीर ने कहा कि एडाप्टिव एआई एक रणनीतिक प्रौद्योगिकी है जिसे संगठनो को विकास एंव क्षेत्र में अग्रणी रहने के लिए अपनाना चाहिए। एडाप्टिव एआई प्रौद्योगिकी में एक अत्याधुनिक प्रतिमान का प्रतिनिधित्व करता है जो कृत्रिम बु़िद्धमता को गतिशील प्रक्रिया के साथ मिश्रित करता है।

इस सम्मेलन के दौरान ‘‘शी स्पीक्स पावर – इनोवेटिव जर्नी ऑफ वुमेन लीडर्स’’ विषय महिला नेतृत्व फोरम का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं नें प्रौ़़द्योगिकी उद्योग के गतिशील परिदृश्य में महिलाओ की परिवर्तनकारी भूमिका को साझा किया। इस फोरम की अध्यक्षता एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने की। इस फोरम में डीआरडीओ के भविष्यवादी प्रौद्योगिकी प्रबंधन निदेशालय की निदेशक व वैज्ञानिक डा एन रंजना, आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक कार्यालय की चीफ ऑफ स्टाफ सुश्री रचना भनोट, आईपी विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ ऑटोमेशन एंड रोबोटिक्स की डीन डा अरविंद कौर, स्पिंगर नेचर की संपादकीय निदेशक सुश्री स्वाती महर्षि, नैसकॉम से प्रियंका बिष्ट और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रमुख डा निताशा हस्तीर ने अपने विचार रखे।

इस दो दिवसीय सम्मेलन में नागरो के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी श्री गणेश सहाय, टीएसवाईएस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्री मोहम्मद आसिफ, यूके के इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर डॉ ब्योर्न डब्लू शूलर, यूएसए के कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय कंप्यूटर विज्ञान के एमेरिटस प्रोफेसर डॉ रोजर डैननबर्ग, क्वीन्स यूनिवर्सिटी बेलफास्ट यूके के सेंटर फॉर इंटेलिजेंट एंड ऑटोनामस मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम्स के निदेशक डा सीन मैकलून, एम्स्टर्डम के व्रीजे विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ जॉन ट्रेउर, दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा जीन पॉल बेले, दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय की डॉ मैरिटा टर्पिन, यूके के मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ कीली ए क्राकेट, यूएसए के बिंघमटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा झोंगफेई झांग सहित एमिटी विश्वविद्यालय के इंजीनियिरिंग एवं प्रौद्योगिकी के डिप्टी डीन डा के एम सोनी और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय ने अपने विचार रखे।

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