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नोएडा, 13 अप्रैल।

पंजाबी विकास मंच में 12 अप्रैल 2024 की शाम से गुरुद्वारा साहिब सेक्टर-12 नोएडा में बैसाखी महोत्सव के पर्व को पंजाबी संस्कृति के अनुसार बहुत धूम धाम से मनाया।

बैशाखी की परम्परानुसार श्रद्धा पूर्वक शबद कीर्तन व लंगर किया गया । इस अवसर पर पंजाबी विकास मंच के चेयरमैन पंजाबी रतन दीपक विग ने उपस्थित पंजाबी परिवारों को वैशाखी पर्व की महता बताते हुए कहा कि हमारा देश विभिन्न त्यौहारों का एक खूबसूरत गुलदस्ता है। इस गुलदस्ते का एक सुंदर फूल बैसाखी है।

बैसाखी पंजाब के कैलेंडर में सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में से एक है। बैसाखी एक वसंत उत्सव है जो हर साल 13 या 14 अप्रैल को होता है। इस दिन को सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इसी दिन सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 ईस्वी को आनंदपुर साहिब में ‘पांच प्यारों’ को अमृत छकाकर ‘खालसा पंथ’ की सृजना की थी। पांच प्यारों को अमृत छकाने का मूल उद्देश्य गुलाम मानसिकता की जिंदगी व्यतीत कर रही जनता में ‘चढ़दी कला’ अर्थात जोश और शक्ति की भावना भर कर आत्मबल और शक्ति पैदा करना था ताकि हर प्रकार के जुल्म का डट कर सामना कर सके।

इस पंथ के द्वारा गुरु श्री गोबिन्द सिंह जी ने लोगों को धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव छोड़कर इसके स्थान पर मानवीय भावनाओं को आपसी संबंधों में महत्व देने की भी दृष्टि दी।इस दिन सिख गुरुद्वारों में विशेष उत्सव मनाए जाते हैं। बैसाखी के दिन हिंदु समाज की मान्यता है कि देवी गंगा नदी स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थीं। इस लिए देश में सबसे बड़े बैशाखी मेलों में से एक हरिद्वार में आयोजित किया जाता है, जो एक महत्वपूर्ण तीर्थ है। बैशाखी पर गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए लगभग 50 लाख तीर्थयात्री हरिद्वार में ब्रह्म कुंड में आते हैं।

पंजाबी विकास मंच के अध्यक्ष जी० के० बंसल ने बताया कि भारत भर में बैसाखी का पर्व सभी जगह मनाया जाता है और इसे दूसरे नाम से खेती का पर्व भी कहा जाता है। किसान इसे बड़े आनंद और उत्साह के साथ मनाते हुए खुशियों का इजहार करते हैं। बैसाखी मुख्यतः कृषि पर्व है। पंजाब की भूमि से जब रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है तब यह पर्व मनाया जाता है।
इस कृषि पर्व की आध्यात्मिक पर्व के रूप में भी काफी मान्यता है। किसान इस दिन अपनी अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते है। इस दिन पवित्र नदियो मे स्नान का अपना अलग महत्व है सुबह के समय से ही स्नान आदि के बाद सिक्ख लोग श्री गुरुद्वारा साहेब जाते है। इस दिन श्री गुरुद्वारा साहेब मे श्री गुरु ग्रंथ साहेब का पाठ किया जाता है, कीर्तन आदि करवाए जाते है. नदियो किनारे मेलो का आयोजन किया जाता है और इन मेलो मे काफी भीड़ भी उमड़ती है।

पंजाबी लोग इस दिन अपनी खुशी को अपने विशेष नृत्य भांगड़ा के द्वारा भी व्यक्त करते है. बच्चे बुड़े महिलाए सभी ढोल की आवाज मे मदमस्त हो जाते है और हर्षो उल्लास से नाचते गाते है। उन्होंने कहा कि पंजाबी विकास मंच का प्रयास सदैव अपने पर्वों व गुरुओं की शिक्षा को आज की जेनरेशन तक पहुँचाना व उन्हें अपनी संस्कृति से अवगत कराना है।

कीर्तन के उपरांत गुरु घर की लंगर की सेवा , नवरात्रि
को ध्यान में रख कर, बिना प्याज व लहसुन के प्रयोग किए की गई। सभी पंजाबी परिवार व अन्य उपस्थित गुरु संगत जिनकी संख्या तक़रीबन 600 से अधिक थी लंगर प्रसाद लेकर अति आनंदित हुए और उसकी सराहना की।

पंजाबी विकास मंच के डिप्टी चेयरमैन संजीव पुरी ने संबोधित करते हुए कहा कि हर वर्ष बैसाखी 13 या 14 अप्रैल को मनाई जाती है इस दिन से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है । क्योंकि सूर्य स्वयं की राशि मेष में आता है सूर्य 12 राशियों का भ्रमण करने के बाद स्वयं की राशि मेष में उच्च का होता है सूर्य सभी ग्रहों का राजा है सूर्य के उच्च में आने के कारण इस दिन किसी भी नए कार्य की शुरुआत शुभ मानी जाती है सूर्य के उच्च में आने से जो अलौकिक किरणें सूर्य के द्वारा जो पृथ्वी में आती है वह नदियों में समा जाती है वह वैज्ञानिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होती है बैसाखी के दिन नदियों में स्नान करने से आभामंडल में तीव्रता आती है और कई रोगो का नाश भी होता है ।

इस वर्ष वैशाखी पर्व को मनाने में विशेष रूप से
पीवीएम के सरांक्षक विनोद ग्रोवर,जे एम सेठ, चेयरमैन पंजाबी रत्न दीपक बिग , अध्यक्ष जी०के॰बंसल, डिप्टी चेयरमैन संजीव पुरी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील वाधवा,व
एस पी कालरा, उपाध्यक्ष हरीश सभरवाल व प्रदीप वोहरा, कोषाध्यक्ष संजीव बांधा , सचिव सरोज भाटिया ,अलका सुद व एस एस सचदेवा,सह सचिव अमरदीप शाह,रितु दुग्गल व प्रभा जयरथ, ऑडिटर प्रेम अरोड़ा और अन्य पदाधिकारी, राजकुमार भट,संजय खत्री,अलका सूद, राज कुमार नारंग,सुनील वर्मा,सुषमा नेब,विद्यासागर विरमानी,सरोज
भटिया,पिंकी गुप्ता,पी एस गुलाटी,जितेन सभरवाल,
नरेंद्र दुग्गल,रमन वासन जी,गौरव जग्गी, विजया शर्मा,नरेंद्र थरेजा, अमरजीत कौर, दिव्या महाजन आदि पंजाबी समाज के लोगों का स्वागत करने के लिए वहाँ उपस्थित थे।

इस कार्यक्रम का पूरा प्रबंध करने के लिए नोएडा के समस्त पंजाबी परिवारों ने तन मन घन से पूरा सहयोग किया।

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