नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के बाहर धरना दे किसानों को आधी रात गाजियाबाद ले गई पुलिस, फिर क्या हुआ ?
1 min readनोएडा/गाजियाबाद, 25 नवम्बर।
भारतीय किसान परिषद के तत्वाधान में प्राधिकरण पर चल रहा किसानों का आंदोलन आज 86 दिन भी जारी रहा .
कल भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय सुखबीर खलीफा ने आह्वान किया कि 25 तारीख में माननीय मोदी जी एयरपोर्ट का शिलान्यास करने जेवर पर आ रहे हैं,
तो नोएडा में जो किसान विगत 3 महीने से धरना दे रहे हैं यहां का शासन-प्रशासन तो सुन नहीं रहा है,
उसके मद्देनजर माननीय मोदी जी को अपना ज्ञापन सौंपेंगे.
इसके तत्पश्चात सेक्टर 6 प्राधिकरण पर सैकड़ों की संख्या में किसान दिन रात के धरने के मद्देनजर सो रहे थे .
तो मध्य रात्रि लगभग 2:00 बजे किसानों को सैकड़ों की संख्या में पुलिस वालों ने जबरदस्ती उठा लिया और रात के वक्त ही गाजियाबाद पुलिस लाइन में ले जाकर बंद कर दिया.
खलीफा जी ने इस तानाशाही का पुरजोर विरोध किया और सुबह होते होते उनकी अपील पर हजारों की संख्या में मातृशक्ति युवा और बुजुर्ग ने गाजियाबाद पुलिस लाइन को घेर लिया .
कुछ अधिकारियों ने खलीफा जी से कहा कि 4:00 बजे के आसपास आप सब को रिहा कर दिया जाएगा ,लेकिन 4:00 बजने के बाद भी जब खलीफा जी उनके साथियों को रिहा नहीं किया गया तो किसानों का सब्र टूट गया और उन्होंने पुलिस लाइन जहां पर किसान बंद थे पर धावा बोल दिया और एलान कर दिया या तो सभी को रिया कीजिए अन्यथा हम सब भी जेल जाएंगे .
इस पर गाजियाबाद पुलिस से किसानों की धक्का-मुक्की काफी देर रही .
अंत में महिलाओं ने गेट
को तोड़कर अंदर ही प्रवेश कर लिया और कहा कि या तो सभी जेल जाएंगे या सब को रिहा किया जाएगा .
स्थिति को बिगड़ते देख गाजियाबाद पुलिस का पूरा अमला और नोएडा पुलिस का पूरी कमिश्नरी गाजियाबाद पुलिस लाइन में पहुंच गई.
गाजियाबाद पुलिस ने महिलाओं के साथ अशिष्ट व्यवहार किया जिस पर खलीफा जी ने आक्रोश जताते हुए कहा कि मैं एक स्वाभिमानी व्यक्ति हूं और अपने स्वाभिमान मान सम्मान की लड़ाई लड़ता हूं.
हमारी लड़ाई नोएडा प्राधिकरण से है यह अच्छा होगा कि हमारी लड़ाई नोएडा प्राधिकरण पर रहे .
अन्यथा धरना तो हम गाजियाबाद पुलिस के खिलाफ भी धरना जानते हैं .
गाजियाबाद पुलिस को पीछे करते हुए नोएडा पुलिस ने कार्यभार संभाला और काफी खुशामद करने के बाद खलीफा जी को शांत किया उसके बाद सभी को सम्मान पूर्वक उनके घर के लिए बिना शर्त रिहा कर दिया गया.
सभी किसान घर ना जाकर सीधे धरना स्थल पर पहुंचे जहां पर पुलिस ने उनके टेंट तंबू को हटा दिया गया था. खबर लिखे जाने तक क्रांतिकारियों ने उन्हें प्राधिकरण पर अपना तंबू लगाकर धरना स्टार्ट कर दिया है।
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