ब्रेकिंग न्यूज़ : यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 6 जिलों के 1188 गांवों में कॉलोनाइजर्स के खिलाफ शुरू किया अभियान, जारी की सार्वजनिक चेतावनी
1 min readगौतमबुद्ध नगर, 16 मार्च।
यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह के निर्देश पर प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आने वाले 6 जिलों के 1188 गांव में प्लाटिंग कर रहे लोगों को चेतावनी दी है और स्पष्ट कहा है कि अवैध रूप से विकसित कॉलोनी में भूखंड इत्यादि की बिक्री और खरीदारी ना करें। इस तरह के कार्य से किसी भी हानि या धोखाधड़ी के लिए खरीदार और बेचने वाले दोनों जिम्मेदार होंगे। ऐसे कॉलोनाइजर और विक्रेताओं के विरुद्ध प्राधिकरण द्वारा धारा 10 के नोटिस जारी किए जा चुके हैं या किया जा रहे हैं और उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई भी विचार अधीन है और ऐसे लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी द्वारा इस संबंध में शनिवार को सार्वजनिक सूचना जारी की गई है इस सूचना के मुताबिक अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत प्राधिकरण को ऐसी सूचना मिली है जिसमें बिना यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की इजाजत के कुछ बिल्डर, डेवलपर, कॉलोनाइजर , समिति आदि द्वारा अवैध निर्माण व अतिक्रमण किया जा रहा है तथा अवैध रूप से भूखंड, फ्लैट, विला, फॉर्म आदि की बिक्री किए जाने के संबंध में विभिन्न माध्यमों जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समाचार पत्रों में विज्ञापन इंटरनेट बुकिंग आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार कर धोखाधड़ी से विज्ञापन प्रकाशित किये जा रहे हैं। इस प्रकार प्राधिकरण से बिना भूमि आवंटित कराए भूखंड फ्लैट विला फार्म हाउस आदि का खरीदना और बेचना पूरी तरीके से अवैध व नियम विरुद्ध है। यह कार्य जन सामान्य के साथ धोखाधड़ी एवं कपट पूर्ण व्यवहार व दंडनीय अपराध है।
विशेष कार्य अधिकारी के मुताबिक यह चेतावनी गौतम बुद्ध नगर जिले के 131, जिला बुलंदशहर के 40, जिला अलीगढ़ के 105 ,जिला हाथरस के 421,जिला मथुरा के 431 और जिला आगरा के 60 अधिसूचित गांवों के लिए जारी की गई है इन गांव में बड़ी संख्या में कॉलोनाइजरों ने धारा 143 की आड़ में विज्ञापन जारी किए हैं और लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। प्राधिकरण का कहना है की जिस धारा 80 का इस्तेमाल किया गया है उसका उद्देश्य भूमि पर कृषि ना होने के कारण केवल भू राजस्व समाप्त करना है ना कि उपयोग परिवर्तन करना। धारा 80 के अंतर्गत गैर कृषि प्रयोग हेतु प्रयुक्त भूमि की घोषणा के बाद भी बिना प्राधिकरण से आवंटन प्राप्त किये एवं नक्शा पास कराए बिना भूखंडों का आवंटन करना नियम विरुद्ध है।
प्राधिकरण के विशेष कार्य अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 में दिए गए प्रावधानों एवं सुसंगत व्यवस्थाओं की अधीन केवल प्राधिकरण व शासन को अधिसूचित क्षेत्र के अंतर्गत भूमि के चिह्नीकरण, आवंटन, नियोजन व विकास करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है। अधिसूचित क्षेत्र में प्राधिकरण के अतिरिक्त किसी भी अन्य व्यक्ति संस्था फॉर्म को प्राधिकरण से आवंटन प्राप्त किए बिना भुवांडो को आवंटित करने चिन्हित करने विकसित कर स्कीम योजना द्वारा प्लॉट फ्लैट विला फार्म सोशल माध्यम से विक्रय करने का अधिकार प्राप्त नहीं है तथा उनके द्वारा जो भी कार्य किया जा रहा है वह अवैध है प्राधिकरण की सार्वजनिक सूचना के बाद कॉलोनाइजरों में हड़कंप मच गया है अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में चुनाव के इस माहौल में इस सार्वजनिक सूचना का क्या असर होता है ?
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