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स्पेशल स्टोरी- 9 अक्टूबर को गुजरात का मोढेरा बनेगा देश का पहला सोलर पावर्ड विलेज, पीएम मोदी करेंगे घोषणा

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-प्रतिष्ठित मोढेरा गांव में 1,300+ ग्रामीण घरों में सोलर रूफटॉप स्थापित; बिजली बिलों में 60-100% की हो रही है बचत

– विश्व प्रसिद्ध मोढेरा सूर्य मंदिर में सौर ऊर्जा से संचालित 3-डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो और हेरिटेज लाइटिंग का भी होगा उद्घाटन

-सौर ऊर्जा से संचालित ईवी चार्जिंग और पार्किंग इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाओं से लैस मोढेरा मंदिर क्षेत्र, इको-टूरिज्म का एक सुंदर उदाहरण

गांधीनगर, 07 अक्टूबर।

सूर्य मंदिर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध गुजरात का मोढेरा अब देश का पहला 24×7 सौर ऊर्जा से संचालित गाँव बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आगामी गुजरात के दौरे पर 9 अक्टूबर के दिन मोढेरा को चौबीसों घंटे BESS सौर ऊर्जा संचालित गांव घोषित करेंगे।

मोढेरा के इस सौर ऊर्जा परियोजना के बारे में बात करते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, मुझे खुशी है कि गुजरात ने एक बार फिर से स्वच्छ व हरित ऊर्जा पैदा करने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 2030 तक अक्षय ऊर्जा के माध्यम से भारत की 50% ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

कैसी रही मोढेरा के सौर ऊर्जा परियोजना की अब तक की यात्रा

भारत सरकार और गुजरात सरकार ने मेहसाणा के सुजानपुरा में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के साथ एकीकृत सौर ऊर्जा परियोजना जो कि सूर्य मंदिर से मात्र 6 किमी. की दूरी पर स्थित है, के माध्यम से मोढेरा को 24×7 सौर ऊर्जा आधारित बिजली प्रदान करने के लिए ‘सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन’ पहल की शुरुआत की। उल्लेखनीय है कि गुजरात सरकार ने इस परियोजना के विकास के लिए 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है।
इस परियोजना के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार के द्वारा दो चरणों में 50:50 के आधार पर संयुक्त रूप से ₹80.66 करोड़ खर्च किए गए हैं, यानी फेज़-I में 69 करोड़ और फेज़- II में ₹11.66 करोड़।

सौर ऊर्जा से बिजली की सुविधा प्राप्त करने वाले मोढेरा के सभी 1300 घरों में से प्रत्येक घर में एक किलोवॉट की क्षमता वाले सोलर रूफटॉप सिस्टम को स्थापित किया गया है। इन सौर पैनलों के माध्यम से दिन के समय बिजली की आपूर्ति की जाती है और शाम को BESS यानी बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स के जरिए घरों में बिजली की आपूर्ति होती है।

क्यों है यह परियोजना बहुत ही खास

• इस परियोजना के माध्यम से मोढेरा शुद्ध अक्षय ऊर्जा उत्पादक बनने वाला भारत का पहला गांव बन गया है।
• यह पहला ऐसा आधुनिक गांव है जिसमें सौर आधारित अल्ट्रा-मॉडर्न इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध है।
• भारत का पहला ग्रिड कनेक्टेड MWh स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित किया गया है
• यहाँ के स्थानीय लोग आवासीय बिजली बिलों में 60% से 100% की बचत कर रहे हैं।

सोलराइज़ेशन ऑफ़ सन टेम्पल

विश्व प्रसिद्ध मोढ़ेरा सूर्य मंदिर में सौर ऊर्जा से संचालित 3-डी प्रोजेक्शन पर्यटकों को मोढेरा के समृद्ध इतिहास की जानकारी देगा। यह 3-डी प्रोजेक्शन हर शाम 7:00 से 7:30 बजे तक संचालित किया जाएगा। इसके अलावा, मंदिर के सौंदर्यीकरण के रूप में इसके परिसर में सौर ऊर्जा द्वारा संचालित हेरिटेज लाइटिंग भी लगाई गई हैं। दर्शक रोज़ाना शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक इस आकर्षक लाइटिंग का आनंद ले सकते हैं।

आवासीय बिजली बिल हुआ ज़ीरो

मोढेरा गाँव की सरपंच जतनबेन डी. ठाकोर बताती हैं कि

केन्द्र-राज्य की इस परियोजना से हम ग्रामीण जन बहुत ही ख़ुश हैं। पहले हमारे यहाँ बिजली बिल लगभग 1 हजार रुपए के आसपास आता था लेकिन अब यह लगभग शून्य हो गया है। सभी लोगों के घरों की छतों पर बिना किसी ख़र्च के सोलर पैनल लगाए गए हैं। यहाँ तक कि इन सोलर पैनल्स से जब कभी हमारी आवश्यकता से अधिक ऊर्जा की बचत होती है तो सरकार हमें इसके लिए अतिरिक्त पैसे भी देती है।

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