एमिटी विश्वविद्यालय में दसवां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आईसीआरटीओ 2022 शुरू
1 min readनोएडा, 13 अक्टूबर।
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रवृत्तियों की जानकारी प्रदान करने और शोधार्थियों, वैज्ञानिकों को अपनी बात रखने का मंच प्रदान करने के लिए एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी द्वारा ‘‘रिलायलबिलिटी इनफोकॉम टेक्नोलॉजीस एंड आप्टीमाजेशन पर आईईईई 10वें अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का हाईब्रिड मोड में शुभारंभ किया गया।
इस दो दिवसीय चलने वाले सम्मेलन का शुभारंभ डीआरडीओं के पूर्व महानिदेशक डा जी अथिथन बी डी नागचौधुरी, आईआईआईटी इलाहाबाद के प्रोफेसर और आईईईई यूपी सेक्शन चेयर प्रो एस के सिंह, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला द्वारा किया गया। इस अवसर पर मोरोक्को के यूनिवर्सिटी हसान टू के लैबोरेटरी ऑफ इर्न्फोमेशन प्रोसेसिंग के डा ब्राउमी सेड को प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी की निदेशक डा रेखा अग्रवाल भी उपस्थित थे।
डीआरडीओं के पूर्व महानिदेशक डा जी अथिथन बी डी नागचौधुरी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड साइबर सिक्योरिटी पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानव बु़िद्धमता का एक प्रतिरूप है जैसे मौसम, न्युक्लियर रिएक्शन, सेल डिविजन और मस्तिष्क फॉरमेशन जैसे जटिल शारिरीक तथ्य का प्रतिरूप है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के परिपेक्ष्य में मशीन लर्निंग और न्यूरल नेटवर्क शामिल है। उन्होनें सिंथेटिक एप्रेाच फॉर नैचुरल एलपी, नॉलेज रिप्रेजेटेशन सहित एडवांस इंडस्ट्रीयल ऑटोमेशन और वीडीयों विश्लेषण के आदि की जानकारी दी। उन्होनें साइबर सुरक्षा के तीन लक्ष्यो गोपनीयता, सच्चाई और उपलब्धता के बारे में बताते हुए कहा कि साइबर सुरक्षा के अर्थ विश्वास और नियंत्रण का जोड है। साइबर सुरक्षा के नियंत्रण के अंर्तगत कुछ उदाहरण समग्र प्रबंधन, साफ्टवेयर आवरण, नीति अनुपालन जांच है। डा अथिथन ने कहा कि वर्तमान समय में इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों के लाभप्रद साबित होगें।
आईआईआईटी इलाहाबाद के प्रोफेसर और आईईईई यूपी सेक्शन चेयर प्रो एस के सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन मेें सूचना प्रौद्योगिकी की नवीनतम प्रौद्योगिकीयो सें जुड़े बेहतरीन विशेषज्ञ अपनी प्रस्तुती देगें जो छात्रों का कैरियर निर्माण, शोध करने आदि क्षेत्रों में मार्गदर्शन करेगी। एमिटी ने शोध व नवाचार को प्रोत्साहित करने का बेहतरीन पर्यावरण तैयार किया है और एमिटी, आईईईई का सहयोगी है जिसने आईईईई यूपी सेक्शन को पूरे एशिया में टॉप पर ला दिया है।
एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से महत्वपूर्ण कोई विषय नही हो सकता जो विश्व के लगभग हर क्षेत्र चाहे कृषि हो या औषधी सभी में परिवर्तन ला रहा है। एमिटी सदैव छात्रों को शोध करने या अपना उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित करता है और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास कर रहा है। हम छात्रों को बेहतरीन बनाने के लिए वैश्विक अनावरण भी प्रदान करते है।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि पिछले 10 सालों से इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश विदेश से वैज्ञानिक और विशेषज्ञों को अपने विचारो ंको रखने का मंच प्रदान किया जाता है। भविष्य शोध व नवाचार पर आधारित है तकनीकी हर क्षेत्र का अभिन्न अंग है ऐसे में आप छात्रों की जिम्मेदारी बनती है कि समस्याओं के समाधान को खोजें। डा शुक्ला ने कहा कि इस सम्मेलन में प्राप्त ज्ञान का लाभ उठाये।
इस अंर्तराष्ट्रीय सम्मेलन में मोरोक्कों के यूनिवर्सिटी हसान टू के लैबोरेटरी ऑफ इर्न्फोमेशन प्रोसेसिंग के डा ब्राउमी सेड को एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसरशिप की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया और डा ब्राउमी सेड ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ इर्न्फोमेशन टेक्नोलॉजी की निदेशक डा रेखा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय सम्मेलन के लिए भारत और विदेशों के विद्वानों और शोधार्थियों कुल 755 शोध पत्र प्राप्त हुए जिनमेे से 255 प्रस्तुत किए जायेगें। विभिन्न 12 देशो जैसे ओमान, यूएई, यूएसए, चीन आदि से विशेषज्ञ अपने विचार प्रस्तुत करेगें।
इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के डा अभय बंसल, डा मनोज पंाडेय और डा सुनिल खत्री भी उपस्थित थे।
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