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नोएडा : गल्फ देशों में नौकरी के नाम पर 2 हजार लोगों से ठगी, 80 पासपोर्ट बरामद, दो मास्टर माइंड गिरफ्तार,

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नोएडा, 13 अक्टूबर।

थाना सेक्टर 20 पुलिस ने भोले-भाले मध्यम वर्गीय लोगों को गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखा धडी कर फर्जी पासपोर्ट, टिकिट, वीजा आदि कागजात तैयार कर अपने खातों में रूपया लेने वाला अंर्तराज्जीय गैंग का किया भान्डा फोड, गैंग के 02 मास्टर माइन्ड अपराधी गिरफ्तार, कब्जे से 80 अदद पासपोर्ट, 22 अदद फर्जी आधार कार्ड, 01 अदद प्रिंटर, 03 अदद मोबाइल फोन, 01 डेस्कटप, 01 सीपीयू, 01 लैपटॉप, 01 की-बोर्ड व 04 लाख 24 हजार रू0 बरामद किये गए हैं। लगभग 2 हजार लोगों से 2 करोड़ की ठगी की गई है।

एडीसीपी नोएडा आशुतोष द्विवेदी ने पत्रकारों को बताया कि दिनांक 13.10.2022 को थाना सेक्टर 20 पुलिस ने भोले-भाले मध्यम वर्गीय लोगों को गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम पर फर्जी पासपोर्ट, वीजा, एयर टिकट बनाकर धोखाधडी कर रूपये हडपने वाले अन्तराज्जीय गैंग का भान्डा फोड करते हुए मास्टर माइन्ड अपराधी (1) सुधीर सिंह पुत्र रामजी सिंह निवासी ग्राम देवरिया थाना महाराजगंज जिला सिवान बिहार हाल पता ग्राम गढी चौखन्डी थाना फेस- 03 नोएडा गौतमबुद्धनगर उम्र 46 वर्ष, (2) हमीद पुत्र करीम निवासी ग्राम धरमोली थाना स्याम दवरूवा जिला महाराजगंज उत्तर प्रदेश हाल पता खोडा कालोनी जिला गाजियाबाद को सेक्टर 27 स्थित श्रीजी पैलेस के प्रथम तल पर संचालित अनाधिकृत कार्यालय से समय 10.55 बजे गिरफ्तार किया गया है । इनके कब्जे से 80 अदद पासपोर्ट, 22 अदद फर्जी आधार कार्ड, 01 अदद प्रिंटर, 03 अदद मोबाइल फोन, 01 डेस्कटप, 01 सीपीयू, 01 लैपटॉप, 01 की-बोर्ड व 04 लाख 24 हजार रू0 बरामद किया है । उल्लेखनीय है कि दिनांक 09.10.2022 को आवेदक श्री अंकुर कुमार सिंह पुत्र अशोक सिंह निवासी ग्राम व पोस्ट बटलही रूद्रपुर देवरिया उत्तर प्रदेश सहित कुल 15 व्यक्तियों द्वारा स्वंय के साथ इराक में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधडी करके फर्जी वीजा व एयर लाइन्स टिकट तैयार कर 65 हजार से 1 लाख रूपये तक प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से हडप लेने के सम्बन्ध में दी गई तहरीर के आधार पर थाना सेक्टर 20, नोएडा पर मु0अ0सं0 433/2022 धारा 420/467/468/471/120-बी भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया था ।

अपराध करने का तरीका
अभियुक्तगण द्वारा अपनी पहचान छिपा कर एक कार्यालय किराए पर लिया जाता है, तथा अम्बा इन्टरप्राइजेस नाम से फर्जी कम्पनी तैयार की गई तथा GULF COURSE नाम से फेस-बुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर गल्फ देशों में जिनमें मुख्यः इराक, दुबई, बहरीन आदि, नौकरी लगवाने का विज्ञापन प्रसारित किया जाता था । इस विज्ञापन को देखकर मध्यम वर्गीय गरीब परिवार के लोग नौकरी लेने के लिए विज्ञापन में अंकित मो0 नम्बरों से उक्त गैंग द्वारा स्थापित किए गए अस्थाई कार्यालय में गैंग के सदस्यों से संपर्क करते है । इसके बाद गैंग द्वारा लोगों को कार्यालय बुलाकर गल्फ देशों में नौकरी लगवाने के नाम की फर्जी प्रक्रिया समझायी जाती थी । इस प्रक्रिया के तहत यह अपराधीगण आवेदनकर्ताओं से उनका पासपोर्ट ले लिया जाता है तथा फर्जी वीजा एवं एयर लाइन्स के फर्जी टिकट तैयार किये जाते हैं । इसी दौरान पूर्व से निर्धारित योजना के मुताबिक आवेदनकर्ताओं का फर्जी चिकित्सीय परीक्षण भी कराया जाता है । इसी प्रक्रिया के दौरान यह अपराधी आवेदनकर्ताओं से करीब 65 हजार से एक लाख रूपये की धनराशि प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से अकाउंट में ट्रांन्सफर एवं नगद रूप में वसूल करली जाती है । जब आवेदनकर्ताओं की संख्या अत्यधिक हो जाती है तो यह सभी अपराधीगण अपना कार्यालय एवं मोबाइल फोन बन्द करके फरार हो जाते हैं तथा फिर अपना कार्यालय किसी अन्य जनपद एवं किसी राज्य में खोल कर पुनः धोखाधडी का कार्य प्रारंभ कर देते है । यहाँ उल्लेखनीय है कि यह ऐसे आवेदनकर्ताओं के साथ धोखाधडी करते है जो पूर्वी उत्तर प्रदेश या अन्य राज्य जैसे आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र आदि के रहने वाले है तथा बार-बार अपने रूपयों की मांग हेतु इनके कार्यालय में नहीं पहुंच पाते है ।

अपराध के महत्वपूर्ण बिन्दु
1. अभियुक्त सुधीर ग्रेजुएट एवं हमीद इण्टर पास है । अभियुक्त सुधीर पूर्व मे दुबई में पल्मबर की नौकरी के लिए गया था लेकिन कोविड-19 के लॉक डाउन की वजह से इसके बाद इसने कुछ समय हल्दीराम कम्पनी में नौकरी की इसके बाद यह इस धोखाधडी के कार्य में संलिप्त हो गया। अभियुक्त सुधीर व हमीद द्वारा गैंग के साथ यह धोखाधडी का कार्य पीछले करीब 03 वर्ष से किया जा रहा है। सेक्टर 27 में इनके द्वारा करीब 04 माह से एवं इससे पूर्व दिल्ली व गाजियाबद क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से कार्याल खोलकर धोखाधडी का कार्य कर रहे थे । अभी तक पूछताछ में लगभग 600-700 व्यक्तियों के साथ धोखाधडी करना प्रकाश में आया है।
2. अभियुक्त सुधीर व हमीद द्वारा पूर्व में भारत सरकार की रजिस्टर्ड कमपनी आर0के0 इन्टरनेशनल एवं डायनामिक में नौकरी लगवाने के लिए आवेदनकर्ताओं को लेकर जाते थे। जहां ये आवेदनकर्ताओं से कमीशन प्राप्त करते थे। इसी अनुभव को इन अपराधियों द्वारा आवेदनकर्ताओं के साथ धोखाधडी में परिवर्तित कर दिया गया।
3. उपरोक्त गैंग के अपराधियों द्वारा 04 माह पूर्व सेक्टर 27 में खोले गए ऑफिस में अब तक करीब 75-80 व्यक्तियो के साथ विदेश में नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधडी कर रूपये हडप लिए गए।
4. इन अपराधियों द्वारा अपनी फर्जी कम्पनी का नाम अम्बा इन्टरप्राजेज रखा क्योंकि महाराष्ट्र में अम्बे इन्टरप्राइजेज नाम की उत्कृष्ट ख्याती की रजिस्टर्ड कम्पनी है। रजिस्टर्ड कम्पनी के मिलते जुलते नाम से आवेदनकर्ता भ्रमित होकर धोखाधडी के जाल में आसानी से फंस जाएगें। इन अपराधियों द्वारा अपनी फर्जी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन नम्बर भी महाराष्ट्र वाली कम्पनी का ही अंकित किया है।
5. अभियुक्तों द्वारा फर्जी आधार कार्ड आवेदनकर्ताओं को दिखाकर यकीन दिलाते थे कि इतने लोगों को हम नौकरी पर भेज चुके हैं। यह फर्जी आधार कार्ड अपने कार्यालय में तैयार करते थे।
6. धोखाधडी के उक्त गैंग द्वारा आवेदन कर्ताओं से रूपया ट्रान्सफर कराने के लिए 12 बैंक अकाउंट का प्रयोग किया जा रहा था। पूछताछ से यह भी प्रकाश में आया है कि इन अपराधियों ने महेन्द्र मुखिया के नाम का बैंक अकाउंटस को धोखाधडी की धनराशी लेने में प्रयोग किया है। जबकी महेन्द्र मुखिया की मृत्यु हो चुकी है।
7. उक्त अपराधियों द्वारा धोखाधडी कर बैंक अकाउंटस में जमा कराए गए रूपयों में से 05 माह में 03 अकाउटंस से करीब 60 लाख रूपयों का डेबिट किया जा चुका है।
8. उक्त गैंग के द्वारा धोखाधडी के लिए खोले जाने वाले कार्यालय के भवन स्वामी द्वारा भी इनका पुलिस वैरिफिकेशन नहीं कराया जाता था। इसमें भवन स्वामी की भूमिका की जाँच की जायेगी।
किस अभियुक्त द्वारा क्या कार्य किया जाता था –
9. अभियुक्त हमीद उर्फ करीम गैंग का मास्टर माइन्ड है यह ऑफिस में मेन चेयर पर बैठकर पुरे ऑफिस का कार्य देखता था। ऑफिस में जो कोई व्यक्ति आता था उससे बात चीत कर अपने जाल में फसा लेता था।
10. अभियुक्त सुधीर के द्वारा ही ऑफिस खोलने के लिए रेंट एग्रीमन्ट तैयार किया जाता है तथा ऑफिस में मौजूद रहकर आने वाले आवेदन कर्ताओं से बातचीत कर उन्हे जाल में फसाने का कार्य किया जाता था।
11. अभियुक्त वैजनाथ यादव द्वारा आवेदन कर्ताओं की मोबाइल कॉल को रिसीव कर उनसे फर्जी बाते कर-कर धोखाधडी के जाल में फसा कर कार्यालय में बुलाने का कार्य किया जाता था।
12. अभियुक्त मुस्तकीम उर्फ समीर आवेदन कर्ताओं के फर्जी विजा एवं एयर लाइन्स टिकेट तैयार किये जाते थे।
13. अभियुक्त फिरोज द्वारा आवेदन कर्ताओं से नगद व अकाउंटस में ट्रान्सफर होने वाले रूपयों का प्रबंधन किया जाता था।
14. अभियुक्त डा0 दानिश द्वारा गैंग की योजना के अनुसार आवेदनकर्ताओं के फर्जी चिकित्सीय परीक्षण तैयार किए जाते थे। फर्जी चिकित्सीय प्रमाण-पत्र का प्रत्येक आवेदनकर्ता से 5000/-रू0 वसूले जाते थे ।
15. अभियुक्त कुलदीप द्वारा कार्यालय प्रबंधन के साथ-साथ धोखाधडी के उपरान्त कार्यालय बन्द कर नई जगह कार्यालय खोलने का कार्य किया जाता था।

अभियुक्तों का विवरण

1. सुधीर सिंह पुत्र रामजी सिंह निवासी ग्राम देवरिया थाना महारजगंज जिला सिवान बिहार हाल पता ग्राम गढी चौखन्डी थाना फेस- 03 नोएडा गौतमबुद्धनगर ,

2.हमीद पुत्र करीम निवासी ग्राम धरमोली थाना स्याम दवरूवा जिला महाराजगंज उत्तर प्रदेश हाल पता खोडा कालोनी जिला गाजियाबाद

फरार अभियुक्तों का विवरण
(1) मो0 फिरोज निवासी न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली
(2) वैद्यनाथ यादव पुत्र लालधर यादव नि0 ग्राम मदनपुर खादर दिल्ली
(3) मुस्तकीम उर्फ समीर नि0 संगम विहार दिल्ली
(4) डा0 दानिश नि0 न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली
(5) कुलदीप नि0 न्यू फ्रैडस कालोनी दिल्ली

पंजीकृत अभियोग का विवरण

मु0अ0सं0 433/2022 धारा 420/467/468/471/120-बी भादवि थाना सेक्टर 20, नोएडा

बरामदगी का विवरण

1- 80 पासपोर्ट
2- 22 फर्जी आधार कार्ड
3. 01 प्रिंटर
4. 03 मोबाइल फोन
5. 01 डेस्कटप, 01 सीपीयू
6. 01 लैपटॉप
7. 01 की-बोर्ड
8. 04 लाख 24 हजार रूपये
9. धोखाधडी कर आवेदनकर्ताओं से बैंक अकाउंटस में जमा कराए गए रूपयों में से करीब 5 लाख रूपये फ्रीज कराए गए है ।

 

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