एमिटी यूनिवर्सिटी में एमएलसी विजय बहादुर पाठक और आईपीएस त्रिवेणी सिंह ने इनफिनिटी 2022 का किया शुभारंभ
1 min readनोएडा, 3 नवम्बर।
छात्रों को निरंतर विकसित और परिवर्तीत हो रही तकनीक की जानकारी प्रदान करने के लिए एमिटी बिजनेस स्कूल द्वारा ‘‘परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी – भविष्य को बढ़ावा’’ विषय पर दो दिवसीय 5वें वार्षिक तकनीक सम्मेलन ‘‘इनफिनिटी 2022’’ का आयोजन किया गया। आज इस सम्मेलन का शुभारंभ उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य श्री विजय बहादुर पाठक, एसपी (साइबर क्राइम) प्रो त्रिवेणी सिंह (आईपीएस), पीडब्लूसी इंडिया के डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रोडक्ट के निदेशक श्री जयंत चंद्रा, राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और साइबर अपराध जांचकर्ता श्री अमित दूबे, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल द्वारा किया गया।
सम्मेलन का शुभारंभ उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य श्री विजय बहादुर पाठक ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारा देश एक विशाल डिजिटल परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। 5 जी लाचिंग और डिजिटल रूपये का प्रारंभ जैसे क्रांतिकारी पहल देश के डिजिटल परिवर्तन के साक्षी है। व्यापार के विकास में डिजिटल उपयोग विशेष भूमिका निभा रहा है इसलिए इस प्रकार के सम्मेलन छात्रों के लिए लाभप्रद होगे।
एसपी (साइबर क्राइम) प्रो त्रिवेणी सिंह (आईपीएस) ने छात्रो को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में साइबर अपराधों की संख्या बढ़ी है और काफी लोग इससे प्रभावित हुए है। आज प्रौद्योगिकी की प्रगति के कारण साइबर अपराधों के मामले को सुलझाना आसान हो गया है। कुछ मामलों में जहां अपराधी तकनीकी का उपयोग अपराधों को छिपाने के लिए भी कर रहे है जिससे वे पकड़े ना जा सके लेकिन उन्हे भी पकड़ लिया गया है। साइबर अपराधों से बचने के लिए दैनिक जीवन में तकनीकी का उपयोग बहुत ही सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए।
पीडब्लूसी इंडिया के डिजिटल ट्रांसफार्मेशन एंड प्रोडक्ट के निदेशक श्री जयंत चंद्रा ने कहा कि आज समाज में जीवनयापन के लिए हर व्यक्ति को तकनीकी की जानकारी होना चाहिए। सभी को बुनियादी अवधारणाओं को सीखना चाहिए भले ही तकनीकी पृष्ठभूमि से ना हो। उन्होनें कहा कि एक बेहतर कार्यबल और व्यवसायों के समग्र विकास के लिए प्रौद्योगिकी की बहुत आवश्यकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ और साइबर अपराध जांचकर्ता श्री अमित दूबे ने कहा कि डेटा विश्लेषण, क्वांटम कंप्यूटिंग, मेटावर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेस आने वाले कुछ वर्षो में गेमचेंजर होगें विशेषकर अपराध जांच के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगें। साइबर अपराध से निपटने के साथ यह उपकरण और तकनीकी साइबर विश्व की चुनौतियों का समाधान करने में अत्यधिक प्रभावी होगें।
एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी भविष्य है। महामारी के दौरान विश्व भर में व्यवसायों को बनाए रखने और विकसित करने लिए प्रौद्योगिकी सबसे शक्तिशाली प्रवर्तक बन गइ। आज सब कुछ डेटा संचालित है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेस, मशील लर्निंग, ऑगमेंटेंड रियालिटी नए तकनीकी है जो विश्व का संचालन करेगें। एमिटी द्वारा आयोजित यह सम्मेलन छात्रों को व्यवसायों पर तकनीक का प्रभाव और तकनीक के सुरक्षित उपयोग की जानकारी प्रदान करेगा।
एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी ने हमारे जीवन के हर पहलू को प्रभावित किया है। आज हर व्यक्ति दैनिक जीवन में प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है और हम पिछले दो वर्षो में अधिक तकनीक सक्षम बनें है। इस सम्मेलन का उददेश्य उभरती प्रौद्योगिकीयों का उनके व्यावसायिक प्रभावों पर चर्चा और विचार विमर्श करना है।
इस सम्मेलन के प्रथम दिन वित्तीय सेवा के लिए परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी, आपरेशन और सप्लाई चेन में परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी, ग्राहक सेवा और मानव संसाधन प्रबंधन में परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी पर परिचर्चा सत्र का आयोजन किया गया।
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