एमिटी यूनिवर्सिटी ने जेएनयू में प्रशिक्षण कार्यक्रम किया आयोजित
1 min readनोएडा, 16 नवम्बर।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश का परियोजना प्रबंधन इकाई के रूप में एसटीयूटीआई प्रोग्राम द्वारा जो कि अत्याधुनिक उपकरणों पर 7 दिनों का प्रयोजित आवासीय व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सम्मानित किया गया है। इसी प्रतिष्ठित कार्यक्रम के तत्वाधान में एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली 10 से 16 नंवबर 2022 तकं ‘‘उन्नत सामग्री विशेषता और स्पेक्ट्रोस्कोपी की तकनीक’’ पर 13वां प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की शोध और विकास संरचना की प्रमुख और वैज्ञानिक डा प्रतिष्ठा पांडे, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा, जेएनयू के रेक्टर डा सतीश चंद्रा गरकोटी, जेएनयू के द स्कूल ऑफ फिजिकल सांइसेस की डीन प्रो केदार सिंह, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने प्रतिभागीयों को संबोधित किया। विदित हो कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ डीआरडीओ के निदेशक (ईआर और आईपीआर) डॉ शिव कुमार ने करते हुए प्रतिभागियों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया। राष्ट्र निर्माण और विकास में डीएसटी के एसटीयूटीआई प्रोग्राम के योगदान का उल्लेख किया।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की शोध और विकास संरचना की प्रमुख और वैज्ञानिक डा प्रतिष्ठा पांडेय ने संबोधित करते हुए कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शोध एंव विकास, संस्थानों और व्यक्तिगत क्षमता और कमजोर क्षेत्र की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जाता है। एसटीयूटीआई प्रोग्राम के अंर्तगत लगभग 85 प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है जिससे 4000 से अधिक शोधार्थी लाभाविंत हो चुके है। डा पांडेय ने कहा कि कार्यक्रम में विविधता के अंर्तगत दूरस्थ क्षेत्र के प्रतिभागियों सहित पुरूष और महिला दोनों की समान भागीदारी रखी गई है। प्रतिभागियों द्वारा साझा की गई प्रतिक्रिया के अनुसार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनके लिए काफी लाभदायक रहा और डीएसटी द्वारा भविष्य में भी इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा।
एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट के सीईओ डा नितिन बत्रा ने कहा कि डा प्रतिष्ठा पांडेय सभी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के पीछे मार्गदर्शक शक्ति रही है जिन्होनें प्रशिक्षण कार्यक्रम की संकल्पना निर्धारित की है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर के 10 राज्यों से प्रतिनिधित्व करने वाले पुरूष और महिलाओं ने भाग लिया है। उन्होनें प्रतिभागियों से भविष्य में भी किसी भी समर्थन और मार्गदर्शन के लिए एमिटी तक आने का आह्वान किया।
जेएनयू के रेक्टर डा सतीश चंद्रा गरकोटी ने कहा कि आपने पिछले सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्व संपन्न किया है और ज्ञान प्राप्त किया है। इस ज्ञान का उपयोग शोध व नवाचार में क्षमता बढ़ाने और समस्याओं के निवारण हेतु करे। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर समस्या आधारित शोध करे और सदैव सीखते रहे।
जेएनयू के द स्कूल ऑफ फिजिकल सांइसेस की डीन प्रो केदार सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्राप्त जानकारी और अनुभवों को अपने सहयोगीयों के साथ साझा करें जिन्हे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आने का मौका नही मिला। उन्होनें प्रशिक्षण कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने के लिए डीएसटी और एमिटी को धन्यवाद दिया।
एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती ने कहा कि एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान का मिशन भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाना और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 25 वां स्थान हासिल करना है जो वर्तमान मे 40वें स्थान पर है। देश का विकास आप जैसे वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं पर निर्भर करता है जो इस प्रशिक्षण कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त ज्ञान का उपयोग अपने शोध कार्य में करके राष्ट्र निर्माण में योगदान देगें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए कुल 579 वैज्ञानिकों और अनुसंधान विशेषज्ञों के आवेदनों में देश के 10 से अधिक प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईएससी बैंगलुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, एम्स, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों, एनआईटी पटना, और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू और हिमाचल के केद्रीय विश्वविद्यालयों से 30 वैज्ञानिकों और शोधार्थियों का चयन किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाउडर एक्स रे डिफ्रेक्टोमीटर, हाई रेजोल्शुन ट्रांसमिशन इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोप, स्क्रैनिंग इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोप, यूीव विज स्पेक्ट्रोमीटर, डीएसजी, टीजीए और एटॉमिक फोर्स माइक्रोस्कोप आदि का व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उददेश्य डीएसटी द्वारा वित्त पोषित और देश में विभिन्न आरएंडडी संस्थानो या विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित अत्याधुनिक अवसंरचना और सुविधाओं की जानकारी प्रदान करना है और विभिन्न प्रयोगों के लिए उपयुक्त या वैकल्पिक उपकरण का चयन करके विकास में शामिल अनुसंधान एंव विकास संगठनों, विश्वविद्यालयों निजी क्षेत्र की सुविधाओं, स्टार्टअप और एमएसएमई से जुड़ना है।
इस अवसर पर एमिटी फांउडेशन फॉर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन एलांयस के महानिदेशक प्रो ए चक्रबोर्ती, एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी के निदेशक डा ओ पी सिन्हा उपस्थित थे।
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