मां के सम्मान में ऐसा कदम, देखती रह गई दुनिया
1 min readमां के सम्मान में
यह कोई सामान्य व्यक्ति की मां नही उस व्यक्तित्व की मां के अवसान का क्षण था, जब लोग टकटकी लगाकर उनकी अंतिम यात्रा के प्रसारण का इंतज़ार कर रहे थे,
सोचा था अंतिम दर्शन को लंबी लम्बी लाइन लगेंगी, देश भर के राजनेता आएंगे और कई दिनों तक संवेदना का सिलसिला चलेगा
यह देखा तो सोचकर आश्चर्य हुआ कि कोई व्यक्ति इतने ऊंचे पद पर रहते हुए ऐसी सादगी से अपनी मां को विदाई देगा
ना कोई गाड़ी ना ही शीशे का केबिन नजर आया।
मां की अर्थी को कंधा देते और अंतिम विदाई के समय भी नंगे पैर चलकर मां को अंतिम प्रणाम किया।
जब लोग उनके घर की तरफ जाने की योजना बना रहे थे तब तक वह अपनी मां को अंतिम यात्रा पर विदा कर राजधर्म निभाने चल दिये,
अपनी मां के उस उपदेश का पालन करने के लिए जिसमे मां ने उन्हें कर्म पथ पर चलते रहने की नसीहत दी थी।
विनोद शर्मा की कलम से
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