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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी रविन्द्र यादव के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक सम्पत्ति में दर्ज की एफआईआर, मंत्री नंदी ने किया निलंबित

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-विजलेंस की खुली जांच में निर्धारित आय से 158.61 प्रतिशत अधिक व्यय सिद्ध होने पर हुई कार्रवाई

-जसवन्त नगर इटावा में पत्नी और बेटे के नाम खरीदी थी 16 अचल सम्पत्ति

लखनऊ, 13 फरवरी।

आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने तत्कालीन विशेष कार्याधिकारी नोएडा विकास प्राधिकरण एवं वर्तमान में विशेष कार्याधिकारी नोएडा विकास प्राधिकरण रविंद्र सिंह यादव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच कर कार्रवाई के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए हैं। आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप विजिलेंस जांच में सिद्ध होने और निर्धारित आय से 158.61 प्रतिशत अधिक व्यय करने पर औद्योगिक विकास मंत्री नन्दी द्वारा यह कार्रवाई की गई।
मंत्री नन्दी ने बताया कि नोएडा विकास प्राधिकरण में विशेष कार्याधिकारी के पद पर तैनात रहे रविंद्र सिंह यादव पर आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। जिसके आधार पर विजिलेंस द्वारा आरोपों की खुली जांच की गई। जांच में विशेष कार्याधिकारी रविंद्र सिंह यादव के राजकीय सेवा में आने की तिथि 01.01.2005 से 31.12.2018 तक आय-व्यय का आंकलन किया गया। जिसमें पाया गया कि रविंद्र सिंह यादव को 01.01.2005 से 31.12.2018 तक 94,49,888.34 रूपये की वैध आई हुई। जिसके सापेक्ष ओएसडी रविंद्र सिंह यादव ने 2,44,38,547.34 रूपया व्यय किया, जो उनकी आय के सापेक्ष 1,49,88,959.20 यानी 158.61 प्रतिशत अधिक व्यय किया जाना पाया गया। जिसके सम्बंध में पूछे जाने पर रविंद्र सिंह यादव द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा सका।
मंत्री नन्दी ने कहा कि खुली जांच में प्राप्त किए गए अभिलेखीय एवं मौखिक साक्ष्य के आधार पर रविंद्र सिंह यादव द्वारा अपने सेवा काल में अचल सम्पत्ति एवं रायफल के क्रय विक्रय के सम्बंध में सूचना दिया जाना उनकी व्यक्तिगत पत्रावली में अंकित हैं, लेकिन उन्होंने पैतृक विभाग को इस सम्बंध में कोई सूचना नहीं दी। जबकि जांच में रविंद्र सिंह यादव की पत्नी सुमन यादव और पुत्र निखिल यादव के नाम पर जसवंत नगर इटावा में 16 अचल सम्पत्तियां खरीदे जाने की पुष्टि हुई। जिसकी जानकारी नोएडा विकास प्राधिकरण को सम्पत्ति खरीदे जाने के पूर्व या बाद में नहीं दी गई। जिस पर नोएडा सेवा नियमावली 1981 एवं उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियामवली 1956 के नियम 24(1) के अंतर्गत विभागीय कार्यवाही के लिए दोषी पाए जाने पर ओएसडी रविंद्र सिंह यादव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है। साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच और कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं।
औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने कहा कि औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं है। जो भी आम जनमानस को परेशान करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उद्यमियों, व्यापारियों व आम जनता का किसी भी तरह से शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि ओएसडी रविन्द्र सिंह यादव का विवादों से नाता रहा है। अपनी नियुक्ति के समय भी यह आरोप लगा था कि रविन्द्र सिंह यादव ने फर्जी कागजातों के आधार पर नोएडा प्राधिकरण में डेपुटेशन पर नियुक्ति पाई और यहीं मर्जर करा लिया। पहले भी ओएसडी रविन्द्र यादव के खिलाफ सीबीआई ने जांच की इजाजत मांगी थी लेकिन नोएडा प्रधिकरण के पूर्व सीईओ ने परमिशन नही दी थी।

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