नोएडा में सम्पत्ति के रजिस्ट्रेशन होने पर म्युटेशन से पेनल्टी खत्म हो- कॉनरवा
1 min readनोएडा, 25 फरवरी।
कंफेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (कॉनरवा) ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी को पत्र लिखकर सम्पत्ति के हस्तांतरण व रजिस्ट्री के बाद म्युटेशन के लिए लगने वाले पेनल्टी अथवा अतिरिक्त चार्ज को समाप्त करने की मांग की है।
कॉनरवा के संयोजक पी एस जैन व नोएडा चैप्टर के अध्यक्ष ब्रिगेडियर अशोक हक ने सीईओ को लिखे पत्र में कहा है कि भू-खण्ड/भवन के हस्तान्त्रण के उपरान्त प्राधिकरण के स्टाफ के अनुसार नाम का हस्तान्त्रण जल विभाग में नाम हस्तान्त्रण के प्रार्थना पत्र देना व अन्य औपचारिकताओ को अतिरिक्त शुल्क के साथ पुरा करने को कहा जाता है। जो अनुचित है क्योकि जल विभाग भी प्राधिकरण के नियंत्रण में है। ऐसी परिस्थीति में स्वयमोटो टी0एम0 की कॉपी जल विभाग को भेज देनी चाहिए। जिससे भू-खण्ड/भवन स्वामी को अलग अलग दफतर के चक्कर न काटने पडे़। जिस प्रकार कोपी एकाउन्ट डिपार्टमेन्ट को जाती है उसही प्रकार जल विभाग को भी जानी चाहिए।
बिल्डर फ्लैटो या सोसाइटी की ट्राई पार्टी के द्वारा फ्लैट की रजिस्ट्री की जाती है जिसमें प्राधिकरण भी एक पक्षकार होता है। इस स्थिति में फ्लैट का मुटेशन कराये जाने एक औपचारिकता मात्र है तथा विलम्ब होने पर अर्थदण्ड लगाऐ जाना उचित नही है। जानकारी के अभाव में अनेक भू-खण्ड/भवन स्वामी इसे नही करवाते है ऐसी परिस्थिति में प्रतिदिन का अर्थदण्ड उचित नही है। यह एक टोकन के रूप में न्यून्तम लिया जाना चाहिए तथा लम्बे विल्म्ब पर एक अधिक्तम सीमा निर्धारित होनी चाहिए।
प्लाट या फ्लैट की बिक्री करने के बाद जब टी0एम0 के बिना रजिस्ट्री नही हो सकती तो उसमें मुटेशन कराये जाना एक औपचारिकता मात्र है। क्योकि मुटेशन भी विभाग की उस फाईल से किया जाता है। जिस से टी0एम0 किया जाता है।
उपरोक्त समस्त परिक्रिया केवल भू-खण्ड/भवन, फ्लैट स्वामी को अनावश्यक औपचारिकताऐ करने का क्या औचित्य है तथा भू-खण्ड/भवन को प्रत्येक विभाग जैसे जल विभाग, सम्पति विभाग, भवन/प्लाट में फीस के रूप में अलग अलग खर्च करना पड़ता है तथा स्टाफ पर भी अनावश्यक काम का बोझ बढ़ता है।
सरकार व प्राधिकरण की योजना है कि काम को जनता की सुविधा दी जाऐ तथा एकल सिस्टम के अनुसार काम को किया जाऐ तथा अनावश्यक औपचारिकताओ को खत्म कर सरलीकरण किया जाऐ।
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