गौतमबुद्धनगर : सिंचाई विभाग के अफसर बोले, हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण अवैध, खुद हटा लें वरना ……
1 min readगौतम बुद्ध नगर 08 जून।
उत्तर प्रदेश सिंचाई निर्माण खण्ड गाजियाबाद के अधिशासी अभियंता ने जनता को आगाह करते हुए जानकारी दी है कि गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर जिले में हिंडन नदी के किनारे अवैध निर्माण ना करें। जो लोग निर्माण कर रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। इस दौरान बाढ़ से होने वाले किसी भी नुकसान की भरपाई सरकार नही करेगी।
उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में हिण्डन नदी के बायें किनारे पर निर्मित एवं इस खण्ड के नियंत्रणाधीन नन्दग्राम तटवर्ती बंध के निकट ग्राम घूकना, सिहानी, सद्दीकनगर, नूरनगर में तटबंध एवं नदी के मध्य की भूमि तथा मोरटी, करहैडा, मेवला अगरी, असालतपुर, अटौर, भनैडा, नगला फिरोजमोहनपुर एवं शमशेर एवं दायें किनारे पर निर्मित हिण्डन तटवर्ती बंध के निकट ग्राम-अर्थला एवं महीउद्दीनपुर कनावनी की भूमि हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि में आती है तथा
गौतमबुद्धनगर जिले की यह जमीन डूब क्षेत्र में
जनपद गौतमबुद्धगनर में इस खण्ड के नियंत्रणाधीन हिण्डन तटवर्ती एवं रिंग बंध के निकट हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र में ग्राम-छजारसी, चोटपुर, यूसूफपुर चकशाहबेरी, बहलोलपुर, गढीचौखंडी, हैबतपुर, परथला खंजरपुर, सौरखा जाहिदाबाद, ककराला, अलावर्दीपुर, जलपुरा, हल्दोनी, कुलेसरा एवं हिण्डन यमुना दोआब बंध के निकट ग्राम-इलाहावास, कुलेसरा, सुथियाना, शहदरा, लखनावली, बेगमपुर, मुबारकपुर, गुर्जरपुर, झटटा, बादौली बांगर, तुगलपुर, कोंडली बांगर, शफीपुर, चूहडपुर एवं मोमनाथल तक हिण्डन नदी के डूब क्षेत्र की परिधि के अन्तर्गत आते है एवं इसी बंध पर युमना नदी किनारे ग्राम-मोतीपुर, तिलवाडा, मोमनाथल, गढी समस्तीपुर, बादौली खादर, कोंडली खादर, कामबक्शपुर, दोस्तपुर मंगरौली, छपरौली एवं असदुल्लापुर (हरियाणा साईड) ओरंगाबाद, गुलावली, दलेलपुर, याकूतपुर की भूमि डूब क्षेत्र की परिधि में आती है।
उन्होंने बताया कि इस भूमि में निर्मित प्लांट, हार्ट मिक्स प्लांट, कंक्रीट, रेडी मिक्स प्लांट एवं बदरपुर सैन्ड की धुलाई की होदियां आदि अवैध निर्माण स्थित है। बाढ के समय इन अवैध निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने से भारी जन-धन की हानि हो सकती है। यह निर्माण/बस्ती अवैध होने के कारण बाढ के समय सिंचाई विभाग, जिला प्रशासन एवं शासन द्वारा सुरक्षा प्रदान किया जाना सम्भव नही हो सकेगा। शासनादेश, सं0-1417वी-सत्ताईस -सिं-2-181 / बाढ/09 सिं अनु.- 2, दिनांक 16.03.2010 एवं मा0 एन.जी. टी. नई दिल्ली में प्रस्तुत एप्लीकेशन सं0-89/2013 आकाश वशिष्ठ एवं अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य ने पारित आदेश दिनांक 20.05.2013 द्वारा ये निर्माण प्रतिबंधित कर रखे है तथा ये भी निर्देशित है कि इस प्रकार के अवैध निर्माण के कारण बाढ़ से होने वाली क्षति की कोई प्रतिपूर्ति शासन द्वारा नही की जायेगी तथा बाढ सुरक्षा कार्य नहीं कराये जायेंगे। साथ ही अवैध निर्माण से होने वाली क्षति की वसूली अवैध निर्माणकारियों से की जायेगी।
अतः सर्वसाधारण से अनुरोध है कि उपरोक्त तथ्यों से अवगत हो, उपरोक्तानुसार हो रहे अवैध निर्माणों को तत्काल हटा लें या तोड दे अन्य कोई नया निर्माण न करें अन्यथा इन अवैध निर्माणों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही के लिये एवं अप्रत्याशित जन-धन की हानि के लिये आप निर्माणकर्ता स्वयं उत्तरदायी होंगे। सिंचाई विभाग / प्रशासन उत्तरदायी नहीं होगा।
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