भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनी-गोपाल अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, बीजेपी
1 min readनई दिल्ली, 14 जून।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बन गया है। भारतीय सकल घरेलू उत्पाद 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की ओर तीव्र गति से बढ़ रहा है। मोदी जी के नेतृत्व में न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर कर रही है, बल्कि यह लगातार दो वर्षों से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और आने वाले वर्ष में भी ऐसा ही रहने की उम्मीद है।
गोपाल अग्रवाल ने नई दिल्ली स्थित बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस दौरान मुद्रास्फीति – दोहरे अंक से 5% से कम पर आ गया और खुदरा मुद्रास्फीति 4.25% पर एवं खाद्य मुद्रास्फीति मात्र 2.91% पर है। उन्होंने बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद NSSO के अनुसार भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 7.2% है और Q4 सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.1% YOY है, जो औद्योगिक विकास दर्शाता है।
बीजेपी प्रवक्ता के अनुसार आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार औसत शुद्ध जीएसटी दर में 11.6% की कमी के बावजूद अप्रैल महीने में जीएसटी संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा ।कॉरपोरेट टैक्स में कमी और व्यक्तिगत कर में अधिक छूट के बावजूद वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह – 16.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के अनुपात में 17.63% अधिक है।यह तब है जब कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की गई और व्यक्तिगत करों में अधिक छूट देने का फैसला लिया गया।
गोपाल अग्रवाल ने आर्थिक आंकड़े जारी करते हुए बताया कि खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई): विनिर्माण क्षेत्र – 57.2
सर्विस सेक्टर- 62वें स्थान पर, जो 13 साल बाद सबसे ज्यादा रहा। दोनों एक्सपेंशनरी मोड में हैं।आईआईपी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 4.2, विनिर्माण क्षेत्र में बढ़ोतरी दर्शाता है.इस दौरान देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च बढ़कर – जीडीपी का 3.3% हो गया है।
उन्होंने उपलब्ध आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि ये मजबूत अर्थव्यवस्था की ओर इशारा करते हैं। वर्ष 21-22 में एफडीआई 84.8 बिलियन अमेरिकी डालर रहा है। 2022-23 में निर्यात 770 बिलियन अमेरिकी डालर को पार कर गया है। 115 यूनिकॉर्न के साथ तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप इकोसिस्टम भारत में है। हाईएस्ट डिजिटल भुगतान : 15,468 लाख करोड़ रुपये मूल्य का डिजिटल लेनदेन हुआ है। फिनटेक अपनाने में भारत की पहली रैंक है। यह गौरव करने वाली बात है कि भारत दुनिया का दूसरा शीर्ष मोबाइल निर्माता है
गोपाल अग्रवाल ने कहा कि अनुमान लगाया गया था कि कि जीडीपी विकास दर आगे जाकर नीचे आएगी, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है और इसमें काफी गति है।
उन्होंने अर्थव्यवस्था पर झूठे आंकड़े प्रस्तुत करने वाले और कयामत की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्री और कुछ राजनेताओं पर हमला करते हुए कहा कि उनके पूर्वानुमान लगातार गलत साबित हो रहे हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार 2014 में सत्ता में आने के वक्त हमारी अर्थव्यवस्था ट्विन बैलेंस शीट की समस्या का सामना कर रही थी, बैंक बेहद कमजोर थे और कॉर्पोरेट क्षेत्र अत्यधिक कर्जदार था और कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं था। मोदी सरकार की कई पहलों के कारण, अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई है और बैंकिंग क्षेत्र मजबूत हुआ है। बैंकिंग क्षेत्र में सुधार – एनपीए समाधान, आईबीसी, पूंजी निवेश इसके प्रमुख स्तंभ हैं। मोदी सरकार नेतृत्व और दूर दृष्टिकोण से सक्षम मैक्रोइकॉनॉमिक प्रबंधन पर आज मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर और राजकोषीय समेकन सुचारू और अनुमानित पथ पर है।
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने दावा किया कि सफल आर्थिक प्रबंधन का प्रमाण यह है कि भारत आर्थिक मोर्चे पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है जबकि हमारे पड़ोसी देश जैसे श्रीलंका फेल हो गया, बांग्लादेश आईएमएफ से मदद मांग रहा है और पाकिस्तान बर्बादी के कगार पर है। सरकार वित्तीय संस्थानों विशेषकर आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ टीम भावना से काम कर रही है। किसी संस्था की स्वतंत्रता की परीक्षा सरकार के साथ विरोधात्मक संबंध नहीं है बल्कि एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करना है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई और अन्य मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदमों और राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज-आत्मनिर्भर भारत पैकेज जैसे दूरगामी परिणाम वाले क़दमों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कोविड के बाद उबरने और मुद्रास्फीति, मंदी और राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करने में मदद की है।
उपलब्धियों की चरचा करते हुए गोपाल अग्रवाल ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में आर्थिक और नीतिगत सुधारों के कारण, जैसे – जीएसटी, ई मूल्यांकन, डीबीटी, वित्तीय समावेशन, आईबीसी, पीएलआई, फिनटेक, यूपीआई, डिजिटल इंडिया, ऑडिट ट्रेल की महत्वपूर्ण नीतियां सामने आई हैं। भविष्य निर्माण को लेकर बजट में- एआई, अक्षय ऊर्जा, ब्लॉक चेन, ग्रीन हाइड्रोजन, कनेक्टिविटी, सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था (कला, संस्कृति, संगीत, नृत्य, भोजन, त्योहार, वास्तुकला, पर्यटन) इत्यादि को ध्यान में रखकर बजटीय प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी की प्रमुख उपलब्धि कोविड महामारी का प्रबंधन और उसके बाद आर्थिक सुधार पैकेज रही है। महामारी ने प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच वैश्विक व्यवधान पैदा किया है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका अभूतपूर्व मुद्रास्फीति का सामना कर रहा है, जो पिछले 40 वर्षों के इतिहास में नहीं देखी गई। यूरोप में एक के बाद एक देश मंदी की चपेट में हैं. चाहे वह इंग्लैंड, जर्मनी, फ्रांस आदि हों और यहां तक कि चीन भी कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन से मिले सदमे से बाहर नहीं आ पाया है। जबकि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जो सबसे अधिक एफडीआई आकर्षित कर रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता के अनुसार अमेरिका और यूरोप में एक के बाद एक बैंक विफल हो रहे हैं और दिवालियेपन की ओर बढ़ रहे हैं। वहां केंद्रीय बैंकों के पास स्थिति से निपटने के लिए कोई रोड मैप नहीं है। उनके पास संकट की निगरानी के लिए संस्थागत क्षमता की कमी है। जबकि हमारी सरकार और केंद्रीय संस्थाओं ने महामारी की समस्या को बेहतरीन तरीके से निपटाया है। दूरदर्शी दृष्टिकोण और सरकार के ठोस प्रयासों और संकटों से निपटने के लिए संस्थागत प्रयासों के कारण, सभी तीन प्रमुख मैक्रो-इकोनॉमिक पैरामीटर जैसे मुद्रास्फीति, मंदी और राजकोषीय घाटा भारत में नियंत्रण में हैं।
मॉर्गन स्टैनले की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में भारत में आर्थिक विकास, सरकार की सही नीतियों के कारण और तेजी से बढ़ेगा। गूगल E-कोनोमी रिपोर्ट भी इंटरनेट इकॉनमी को देश की जीडीपी में 12-13% का योगदान करने का लक्ष्य दर्शाती है। जिसके लिए आधार, UPI, डीजी लॉकर, ONDC, यूनिफार्म हेल्थ इंटरफ़ेस, इंडिया स्टेक, NPCI, रुपे कार्ड, ये सभी देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत में वैश्विक आर्थिक गतिविधियों की रुचि इसलिए बढ़ रही है कि आने वाले दशकों में भारत आर्थिक गतिविधि का प्रमुख केंद्र होगा। भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा। यह सब इसलिए होगा क्योंकि हमारे पास श्री नरेंद्र मोदी जी के रूप में एक दृढ़ और दूरदर्शी नेतृत्व है।
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