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एमिटी विश्वविद्यालय और रूस के एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय के बीच होगा अकादमिक सहयोग

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नोएडा, 11 जुलाई।

कई क्षेत्रों में अकादमिक सहयोग की सम्भावनाओ पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को रूस के विदेश मंत्रालय के विश्वविद्यालय – मास्को स्टेट इंस्टीटयूट ऑफ इंटनेशनल रिलेशन (एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय) के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय के छात्र विकास और अंर्तराष्ट्रीय संबंधों के वाइस रेक्टर डा स्टानिस्लाव सुरोवत्सेव के नेतृत्व में दौरा किया। इस प्रतिनिधिमंडल में भाषा एवं प्री यूनिवर्सिटी प्रशिक्षण के उप रेक्टर डॉ इगोर पुतिनत्सेव, अंर्तराष्ट्रीय सहयोग विभाग की प्रमुख सुश्री एकातेरिना सुवालोवा और भारत में रूस दूतावास की अटैचे श्री मिखाइल एंटसिफेरोव शामिल थे। इस प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला और एमिटी ग्रूप्‌ वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने किया। यात्रा का मुख्य उददेश्य अर्थशास्त्र, अंर्तराष्ट्रीय कानून और प्रबंधन और समाजिक विज्ञान आदि क्षेत्रों में अकादमिक सहयोग की संभवनाओ पर चर्चा करना था।

एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय के छात्र विकास और अंर्तराष्ट्रीय संबंधों के वाइस रेक्टर डा स्टानिस्लाव सुरोवत्सेव ने कहा कि एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय की स्थापना 1943 मे हुई थी और यह एक स्कूल से आज पूर्ण विकसित विश्वविद्यालय बन गया है जो एक सौ से अधिक डिग्री कार्यक्रम और अध्ययन के 17 क्षेत्रों की पेशकश करता है। हम विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से एमिटी के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है और आश्वस्त है कि यह दोनो संस्थानों के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद होगा। उन्होनें कहा कि एमजीआईएमओ विश्वविद्यालय में हिंदी और बंगाली भाषाए पढ़ाई जाती है जो लोगों के मध्य आपसी सहयोग को बढ़ावा देती है। स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम सहित कई अन्य संयुक्त प्रयास और पहल दोनोे विश्वविद्यालय के बीच संबंधो को मजबूत करने में मददगार सबित होगें।

एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि एमिटी देश व विदेश के संस्थानो से मजबूत रिश्ते स्थापित करने में विश्वास रखता है। हम छात्रों को स्टूडेंट एक्सचेंज, फैकल्टी एक्सचेंज, स्टडी अब्राड कार्यक्रम के माध्यम से बृहद वैश्विक अनावरण प्रदान करते है। छात्रों को नई वैश्विक तकनीकी सीख कर समाज की समस्याओं के निवारण हेतु प्रोत्साहित भी करते है। इस उच्च शिक्षण प्रतिनिधिमंडल के भ्रमण के अंर्तगत हम अर्थशास्त्र, विधि, राजनीति विज्ञान एंव भाषा आदि में अकादमिक सहयोग सहित संयुक्त कार्यक्रम, छात्रों का आवागमन, संयुक्त शोध, समर स्कूल कार्यक्रम में छात्रों की भागीदारी पर कार्य कर सकते है।

एमिटी ग्रूप्‌ वाइस चांसलर डा गुरिंदर सिंह ने एमिटी विश्वविद्यालय पर प्रस्तुती देते हुए कहा कि हमने हमेशा रूस को अपना बेहतरीन सहभागी समझा है और हम सदैव यह देखते है कि साथ मिलकर क्या किया जा सकता है। हम अपने छात्रों को आपके कैंपस में भेजने और आपके छात्रों को यहा आने का आमंत्रण दे सकते है जिसमें छात्र लघु और दीर्घकालिक पाठयक्रम कर सकते है। नई शिक्षा नीति के तहत हम डयूअल डिग्री के कार्यक्रम का संचालन कर सकते है। डा सहिं ने कहा कि हम छोटे छोट कदम बढ़ाते हुए सर्वप्रथम दो शिक्षको सहित 5 छात्रों को एक दूसरे के संस्थानो में भेज सकते है इसके अतिरिक्त ऑनलाइन भाषा के कार्यक्रम को प्रारंभ कर सकते है।

इस अवसर पर एमिटी विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के डीन डा संजीव बंसल, डीन (अकादमिक) डा संतोष श्रीराम सोनावने आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एमिटी विश्वविद्यालय की असिस्टेंट निदेशक (समन्वय) सुश्री रितु भटनागर द्वारा किया गया।

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