नोएडा खबर

खबर सच के साथ

नोएडा : एमिटी विश्वविद्यालय में अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठी “फ्लूट-2023” का शुभारंभ

1 min read

नोएडा, 21 जुलाई।

एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा डीआरडीओ के सहयोग से फ्लुइडस और थर्मल इंजीनियरिंग पर दो दिवसीय द्वितीय अंर्तराष्ट्रीय संगोष्ठी ‘‘फ्लूट 2023’’ का आयोजन आई टू ब्लाक सभागार, एमिटी परिसर में किया गया।

इस संगोष्ठी का शुभारंभ देहरादून के वीर माधव सिंह भंडारी उत्तराखंड टेक्नीकल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा ओंकार सिंह, डीआरडीओ के सेंटर फॉर पर्सनल टैलेंट मैनेजमेंट के निदेशक डा आलोक जैन, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर के मुरलीधर, एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला, एमिटी साइंस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती और एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न संस्थानों से अकादमिकों, विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने हिस्सा लिया है।

देहरादून के वीर माधव सिंह भंडारी उत्तराखंड टेक्नीकल विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा ओंकार सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी निर्माण या विकास में इंजीनियरिंग के सभी भागों जैसे सिविल, कंप्यूटर, मैकेनिकल आदि का सहयोग आवश्यक होता है। वर्तमान में भले ही कंप्यूटर साइंस और उसके सहायक क्षेत्रों की मांग व उपयोगिता बढ़ी है किंतु उससे इंजीनियरिंग के अन्य भागों जैसे मैकेनिकल का महत्व कभी भी कम नही होता। आज गौरवांवित करती संरचनाये और बन रही संरचना इस तत्थ को दर्शाती है।

डा सिंह ने कहा कि इस संगोष्ठी का विषय उर्जा है जिसे स्थायीत्व प्रदान करना जरूरी है। प्रकृति के संरक्षण ना करने का नतीजा जैसे बाढ़, बढ़ता तापमान ने बताया है कि हमें स्थायीत्व उर्जा पर ध्यान केन्द्रीत करने की आवश्यकता है। हम चाहे किसी भी आर्थिक या भौगौलिक पृष्ठभूमि के हो यह हम सभी के एक चुनौती है और स्थायी समधान प्राप्त करना है। नवीनकरणीय उर्जा जैसे सौर उर्जा और हवा हमें उर्जा के विकल्प के रूप में सहायता कर सकते है। उन्होनें छात्रो से कहा कि नई प्रणाली का निर्माण करें जो प्रकृति के मित्रवत हो।

डीआरडीओ के सेंटर फॉर पर्सनल टैलेंट मैनेजमेंट के निदेशक डा आलोक जैन ने कहा कि एमिटी द्वारा आयोजित इस संगोष्ठी का उपयोग करके हमें नई प्रणाली विकसित करनी होगी जो पर्यावरण के अनुकूल होगी। पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी से बदलाव आया है हांलाकि इस बदलाव के कारण पर्यावरण को नुकसान हुआ है और जीवार्श्म इंधन का उपयोग सहित औद्योगिकरण का पर्यावरण पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा हेतु स्थायी प्रणालियों और अनुकूल प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की आवश्यकता है।

एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने अतिथियों और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि युवा देश का भविष्य है और राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है इसलिए एमिटी सदैव छात्रों को नवीनतम जानकारी प्रदान करने के लिए इस प्रकार संगोष्ठी का आयोजन कर उन्हे विशेषज्ञों से मिलने का मौका प्रदान करता है। डा चौहान ने कहा कि जीवन में लक्ष्य निर्धारित करे और संगोष्ठी के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान और मार्गदर्शन उस लक्ष्य को हासिल करने में सहायक बनेगा।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर के मुरलीधर ने कहा कि उर्जा भंडारण और रूपांतरण के लिए मैटेरियल में वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति पर आधारित यह संगोष्ठी से बहुविषयक है जिसमें कई क्षेत्रों और विधाओं का सहयोग अपेक्षित होगा। कार्यक्रम आपको अपने विचारो ंको प्रकट करने और अन्य विशेषज्ञों के विचारों को जानने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त नये सहयोग की संभावनाओं पर विचार के साथ लागत प्रभावी तकनीक भी विकसित होगी।

एमिटी विश्वविद्यालय उत्तरप्रदेश की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने कहा कि कुशल स्वच्छ और नवीकरणीय उर्जा स्त्रोतों की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए अत्याधिक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और शिक्षाविद यहां एकत्र हुए है जो स्वच्छ प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण, कार्यात्मक सामग्रियों और निर्मित उपकरणो के इलेट्रोकेमिकल, भौतिक रसायन और संरचनात्मक गुणों की बेहतर बुनियादी समझ को बढ़ावा देगा।

एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डा मनोज पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा कि इस दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान आये कुल 300 शोध पत्रों में 100 शोध को प्रकाशन के लिए चुना गया। इस कार्यक्रम में एनआईटी, आईआईटी, डीआरडीओ और अन्य प्रसिद्ध अनुसंधान केंद्रीत संस्थानों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से अतिथि वक्ता अपने ज्ञान को साझा करेगें।

इस अवसर पर संगोष्ठी आधारित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया और दो दिवसीय संगोष्ठी का संचालन एमिटी स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख प्रो बसंत सिंह सिकरवार ने किया।

 4,221 total views,  4 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.