नोएडा खबर

खबर सच के साथ

-प्रो रामदरश मिश्र ने उनके कृतित्व की भूरि – भूरि सराहना की।

नई दिल्ली, 11 सितंबर।
हिंदी की सुपरिचित कवयित्री कथाकार आलोचक डा अमिता दुबे को सर्वभाषा ट्रस्ट की ओर से सर्वभाषा साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया । यह सम्मान ट्रस्ट की ओर से प्रोफेसर रामदरश मिश्र ने अपने आवास पर आयोजित एक सादे समारोह में प्रदान किया। डा अमिता दुबे को उन्होंने शॉल से विभूषित कर सम्मान प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया।

इस अवसर पर हिंदी के समालोचक कवि डा ओम निश्चल, सुपरिचित लेखिका एवं दिल्ली विश्वविद्यालय, खालसा कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो स्मिता मिश्र, सर्वभाषा ट्रस्ट के संयोजक केशव मोहन पांडेय और कई लेखक एवं संस्कृतिकर्मी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में राम दरश मिश्र ने अमिता दुबे को अत्यंत संवेदनशील कवयित्री और कथाकार बताया तथा कहा कि वे उनकी रचनाएं पढ़ते रहे हैं और बहुत कम समय में उन्होंने कथा उपन्यास कविता समालोचना और बाल साहित्य में सराहनीय लेखन किया तथा एक उल्लेखनीय स्थान अर्जित किया है। डा ओम निश्चल ने उनके लेखन में मानवीय मूल्यों और सतत रचनाशीलता के लिए उनके संकल्प और प्रतिश्रुति की सराहना की।

हिंदी साहित्य में गत साढ़े तीन दशकों से रचना रत डॉक्टर अमिता दुबे ने साहित्य की विविध विधाओं में सृजन किया है। मूलत कवयित्री अमिता दुबे ने उत्तरोत्तर कहानी, उपन्यास और बाल साहित्य में अपनी पैठ स्थापित की तथा साथ-साथ आलोचना समीक्षा के क्षेत्र में नए-नए मानक गढ़ती रही हैं। मुक्तिबोध के काव्य, आलोचना और कथा संसार पर शोध के लिए पहचानी जाने वाली अनीता दुबे ने साहित्य के अनेक प्रतिष्ठित एवं भूले बिसरे सृजनकर्मियों पर लेखनी चलाकर उन्हें जो पहचान दी है वह उनकी प्रतिश्रुति और संकल्प से भरे लेखक की सूझबूझ का परिणाम है। इस तरह उन्होंने ऐसे रचनाकारों को भी चिन्हित और विवेचित किया है जो साहित्यतेतिहास की मुख्य धारा से छिटके हुए रहे हैं। कविता की गहन संवेदना को प्रमाणित करने के लिए उनकी कई काव्य कृतियां हैं, तो आलोचना विधा में भी दशाधिक कृतियां प्रकाशित और चर्चित हो चुकी हैं। उन्होंने साहित्य के वरेण्य हस्ताक्षरों निराला, महादेवी, हरिऔध, मुक्तिबोध, रामविलास शर्मा, नागर और अमरकांत इत्यादि पर अपने विवेचन से यह सिद्ध किया है कि साहित्य के समग्र परिदृश्य पर उनकी व्यापक दृष्टि रही है ।

डॉ अमिता दुबे के रचना संसार पर विभिन्न विश्वविद्यालय में अनेक शोध कार्य संपन्न हो चुके हैं तथा उनकी कहानियां और कविताओं का उड़िया, बांग्ला, गुजराती, मराठी एवं पंजाबी आदि भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

वे डॉ सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कथा कीर्ति सम्मान राष्ट्र धर्म गुरु सम्मान गजानन माधव मुक्तिबोध सम्मान नीरज सम्मान पृथ्वी नाथ भान साहित्य सम्मान इत्यादि कई सम्मानों और पुरस्कारों से विभूषित हो चुकी हैं।

 26,976 total views,  2 views today

More Stories

Leave a Reply

Your email address will not be published.

साहित्य-संस्कृति

चर्चित खबरें

You may have missed

Copyright © Noidakhabar.com | All Rights Reserved. | Design by Brain Code Infotech.