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यूपी: भारत रत्न एम विश्वेश्वरैया के जन्म दिन पर उठी आवाज,विद्युत निगमों का हो एकीकरण

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– प्रदेश हित में सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद की पुर्नस्थापना की जाये  -अभियन्ताओं की सुरक्षा के दृष्टिगत इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किये जाने की उठी मॉग 

लखनऊ, 15 सितंबर

प्रदेश के बिजली अभियन्ताओं ने केन्द्र एवं प्रदेश सरकार से मांग की है कि बिजली बोर्ड के विघटन/कम्पनीकरण, फ्रेंचाईजीकरण एवं निजीकरण के विफल प्रयोगों से सबक लेते हुए प्रदेश हित सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण करते हुए उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद की पुर्नस्थापना की जाये तथा निजी घरानों पर अतिनिर्भरता बन्द की जाये।

इससे प्रदेश सरकार के ‘‘24ग्7 पावर फॉर आल’’ योजना फलीभूत हो सकेगी और प्रदेश की जनता को निर्बाध सस्ती बिजली मिल सकेगी। साथ ही ऊर्जा निगमों के बढ़ते घाटे पर अंकुश लग सकेगा। अभियन्ताओं ने यह मांग आज ‘भारत रत्न’ सर एम0 विश्वेश्वरैया के 162वें जन्म दिवस पर उ0प्र0रा0 विद्युत परिषद अभियन्ता संघ द्वारा हाईडिल फील्ड हॉस्टल में बैठक के माध्यम से आयोजित ‘अभियन्ता दिवस समारोह’ में की गयी। अभियन्ताओं ने प्रदेश सरकार से हर वर्ष 15 सितम्बर को ‘अभियन्ता दिवस’ के अवसर पर ‘राजकीय समारोह’ के रूप में आयोजित करने की भी मांग की।

अभियन्ता दिवस समारोह में मुख्य वक्ता ऑल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने ‘भारत रत्न’ सर एम0 विश्वेश्वरैया एवं अन्य महान अभियन्ताओं के सराहनीय कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के लिए यह अत्यन्त कष्टकारी है कि रोज-रोज नये-नये प्रयोगों के कुप्रबन्धन के कारण 21वीं सदी में भी प्रदेश के जनता को गुणवत्तापूर्ण, निर्बाध एवं सस्ती बिजली नहीं मिल रही है।

उन्होंने बताया कि 1973 में उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद के अध्यक्ष पद पर बिजली अभियन्ता की तैनाती के साथ सचिव (ऊर्जा) के पद पर भी बिजली अभियन्ता तैनात किये गये। यह परम्परा 1981 तक जारी रही। महान अभियन्ता इं0 के0एल0 राव की ही देन है ग्रामीण विद्युतीकरण जिससे आज प्रत्येक गांव रोशन है। बाद में वह ऊर्जा मंत्री भी रहे। यह हर्ष का विषय है कि मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध डा0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम ऐसे एकमात्र इंजीनियर हैं जो देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं।

उ0प्र0रा0वि0प0 के अध्यक्ष व ऊर्जा सचिव रह चुके इं0 एल0बी0 तिवारी को 1974 में तकनीकी विभाग का सचिव तैनात कर यह संदेश दिया गया कि सरकार की सोच बदल रही है और तकनीकी कार्यों का दायित्व तकनीकी हाथों में ही दिया जायेगा।
विद्युत अभियन्ता संघ के महासचिव जितेन्द्र सिंह ने बताया कि देश में सबसे पहले 400के0वी0 पारेषण लाइन व उपकेन्द्र की परिकल्पना, निर्माण व संचालन का यशस्वी कार्य, 100 मेगावाट एवं 200 मेगावाट की तापीय इकाईयाँ डिजाइन करने व सफलतापूर्वक संचालित करने वाला अग्रणी उ0प्र0 बिजली बोर्ड ही है। आज कम लोग यह जानते हैं कि देश की महारत्न कम्पनी एन0टी0पी0सी0 के गठन व प्रारम्भिक वर्षों में संचालन का कार्य उ0प्र0रा0वि0प0 के अभियन्ताओं ने ही किया है।

छिबरों (अब उत्तराखण्ड) में देश के सबसे पहले भूगर्भ जल विद्युत गृह और पहाड़ पर जगह कम होने के कारण पहले टू टियर पारेषण उपकेन्द्र की स्थापना का कार्य इसी अवधि में उ0प्र0रा0वि0प0 ने किया। विगत दिनों 28000 मे0वा0 से अधिक बिजली का पारेषण किया गया है जो अब तक का एक  रिकॉर्ड है। प्रदेश की जनता को निर्बाध रूप में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में जुटे हुए अभियन्ताओं के साथ क्षेत्रो में लगातार हो रही घटनाओं के दृष्टिगत अभियन्ताओं की सुरक्षा हेतु प्रदेश सरकार से इंजीनियर्स प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किये जाने की अपील की।

विगत वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार के उपक्रम उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि0 (उ0प्र0रा0वि0उ0नि0लि0) द्वारा लगभग 39700 मिलियन यूनिट (मि0यू0) का सकल विद्युत उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया गया व प्रदेश की जनता को सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध कराते हुए 1140 करोड़ का रिकार्ड मुनाफा अर्जित किया गया। मा0 मुख्यमंत्री जी से अपील की कि प्रदेश की जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के संकल्प को पूरा करने के लिए अनपरा व ओबरा में प्रस्तावित 800-800 मेगा वाट की परियोजना को प्रदेश के ही उत्कृष्ट अभियन्ताओं द्वारा उ0प्र0 राज्य विद्युत उत्पादन निगम के पूर्ण स्वामित्व में स्थापित की जाये।
विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष इं0 राजीव सिंह ने सर विश्वेश्वरैया के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिजली अभियन्ताओं को उम्मीद है कि अभियंत्रण सेवाओं व अभियन्ताओं की दिशा व दशा सुधारने हेतु प्रदेश सरकार प्रदेश हित में ऐतिहासिक कदम अवश्य उठाते हुए उ0प्र0 राज्य विद्युत परिषद की पुनर्स्थापना करेगी।
लखनऊ में आयोजित समारोह में उपस्थित अभियन्ताओं में भारत रत्न सर एम0 विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्यतया इं0 शैलेन्द्र दुबे, इं0 राजीव सिंह, इं0 जितेन्द्र सिंह गुर्जर, देवकी नन्दन शांत, सुशील चन्द्र तिवारी, महेन्द्र राय, डी0के0 मिश्रा, सुहैल आबिद, पी0के0 दीक्षित, रीना त्रिपाठी, निशा सिंह, इं0 रणवीर सिंह, इं0 आलोक कुमार श्रीवास्तव, इं0 बृजेश सिंह, इं0 अजय द्विवेदी, इं0 अंकुर भारद्वाज, इं0 राहुल सिंह, इं0 सौरभ सिंह यादव, इं0 देवेन्द्र सिसोदिया, इं0 आर0के0 मिश्रा, इं0 संतोष यादव, इं0 रजत कुशवाहा, इं0 अमित पाण्डेय, इं0 सत्यप्रकाश, इं0 आशीष तिलारा, इं0 विवेक यादव, मो0 नाजिम सहित काफी संख्या में सदस्य उपस्थित रहे।

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