आचार्य मनीष कौशिक ने कहा, जीवन मे कभी अभिमान ना करें वरना लक्ष्य से भटक जाएंगे
1 min readनोएडा, 3 अक्टूबर।
सेक्टर 27 आर डब्ल्यू ए द्वारा पितृपक्ष के पावन अवसर पर क्लब 27 में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्री वृंदावन धाम से पधारे भागवत भ्रमण श्री मनीष कौशिक जी महाराज ने बताया कि पितरों के निमित्य जो भी भागवत कथा सुनते हैं उनके पितृ कभी भी सपने में यमराज का मुख नहीं देख सकते।
गोविंद ने बाललीला में गौचरण लीला, माखन चोरी लीला, चीरहरण लीला आदि लीला के साथ गोवर्धन पूजा कराकर देवराज इंद्र का अभिमान तोड़ा।
जीव के जीवन में जब भी अभिमान आ जाता है तब वह अपने लक्ष्य से भटक जाता है। अभिमान से बचना है तो भगवान का नाम जप, कथा वार्ता श्रवण,भक्ति करके भगवान का शरणागत वात्सल्य बन जाता है।
इस अवसर पर सर्वश्री राजीव गर्ग, मदन लाल शर्मा,एस के वर्मा, राजीव जैन, सुशील शर्मा, एस सी गुप्ता, आलोक कुमार, जुगल किशोर गुप्ता, सरोज चौरसिया, सीमा सिंघल, सविता गर्ग,लता गोयल, मंजू गुप्ता,कुमकुम सिंघल,रूपंजली काफी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।
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