नोएडा: निर्माणाधीन भंगेल एलिवेटेड रोड़ पर निर्माण कंपनी को 75 प्रतिशत भुगतान किया, दिसम्बर 2024 तक की हुई डेडलाइन
1 min readभंगेल एलिवेटेड रोड बना बीरबल की खिचड़ी – नोवरा
75 प्रतिशत हुआ भुगतान , काम न जाने कब होगा पूरा – आरटीआई
नोएडा, 5 फरवरी
नोएडा में निर्माणाधीन भंगेल एलिवेटेड रोड पर निर्माण कार्य अभी अधर में है और प्राधिकरण के विभागों से मिली जानकारी के अनुसार इस एलिवेटेड रोड के निर्माण में 75% रकम का भुगतान किया जा चुका है जबकि एलिवेटेड रोड अब बीरबल की खिचड़ी नजर आने लगा है। प्राधिकरण ने दिसंबर 2024 तक इस एलिवेटेड रोड के बनने की जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई है याचिका के जवाब में दी है याचिका आरटीई एक्टिविस्ट रंजन तोमर ने दायर की थी।
रंजन तोमर का कहना है कि भंगेल एलिवेटेड रोड के काम की समयसीमा हर कुछ दिन में बढ़ा दी जाती है , पिछले कई वर्षों से निर्माणाधीन इस एलिवेटेड रोड की कीमत भी लगातार बढ़ती चली गई , और इसके निर्माण के कारण इसके रास्ते में आने वाले भंगेल ,सलारपुर और बरोला जैसी बड़ी ग्रामीण मार्केटों में करोड़ों का नुक्सान दुकान मालिकों एवं किरायेदारों को हो रहा है , जिसकी किसी अधिकारी या नेता को सुध नहीं है। नोवरा लगातार इस मुद्दे को उठाती रही है और हाल ही में एक आरटीआई के माध्यम से नोवरा अध्यक्ष श्री रंजन तोमर ने नॉएडा प्राधिकरण से यह जानकारी मांगी थी के अबतक निर्माण के कुल बजट का कितना पैसा नॉएडा प्राधिकरण निर्माण कंपनी को दे चुका है एवं अब इसके निर्माण की समय सीमा क्या है ?
इसके जवाब में नॉएडा प्राधिकरण कहता है की निर्माणाधीन भंगेल एलिवेटेड रोड कार्य के सापेक्ष लगभग 75 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है तथा वर्तमान में प्राप्त समयवृद्धि के अनुसार कार्य 31 /12 /2024 तक पूर्ण कराया जाना प्रस्तावित है। गौरतलब है की चींटी की चाल से चलने वाले एलिवेटेड रोड को पूरा करने की तिथि जो एक समय 2021 ( नॉएडा प्राधिकरण के अधिकारी द्वारा वार्तालाप के दौरान नोवरा को बताई गई ) , उसे फिर 2022 बढ़ाया गया , फिर 2023 दिसंबर और अब 2024 दिसंबर कर दिया गया है। यह नॉएडा प्राधिकरण की नाकामी को दर्शाता है। बीरबल की खिचड़ी वाली कहानी यहाँ पर पूर्णतयः लागू होती दिखती है।
करना होगा आंदोलन
संस्था का कहना है कि अगर काम में तेज़ी नहीं लायी गई तो ग्रामीणों को होते नुक्सान के चलते उन्हें नॉएडा प्राधिकरण के खिलाफ एक और आंदोलन करना पड़ेगा ,यह ग्रामीणों के साथ भेदभाव ही है कि उनको नुकसान और परेशानियों की सुध नॉएडा प्राधिकरण को है ही नहीं।
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