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-सरस मेले में पंजाब के भांगड़ा मथा गिद्दा ने दर्शकों का मन मोहा
-सरस मेले में हैंडीक्राफ्ट तथा हैंडलूम के उत्पादों की बढ़ी बिक्री
नोएडा, 28 फरवरी।

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित नोएडा हाट में चल रहे सरस आजीविका मेले में बुधवार को भी दीदियों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सरस मेले में बुधवार को 13वें दिन दीदियों के लिए ग्रामीण उत्पादों की बेहतर डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्रोलोजी की सचिव रितिका अग्रवाल ने सभी दीदियों का कुशल डिजाइनिंग एवं पैकेजिंग के गुर बताए। साथ ही बताया कि अपने उत्पादों की डिजाइनिंग और पैकेजिंग में कैसे आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आपके उत्पाद की पैकेजिंग ऐसी हो कि उसमें रखा गया सामान लंबे अर्से तक सुरक्षित रहे। उन्होंने यह भी कहा कि हर नई चीज अच्छी नहीं हो सकती इसलिए आप ऑर्गेनिक और सस्टेबल पर अधिक भरोसा रखें। आप सभी को आगे बढ़ाने की सोच को लेकर हमारे प्रधानमंत्री ने पूरी दुनिया को छोटा कर दिया है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) की दिल्ली शाखा प्रभारी डॉ रुचिरा भट्टाचार्य ने सभी दीदियों उनके कारोबार को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि अपने उत्पादों में बेहतरी लाएं और पैकेजिंग ऐसी हो कि आपका प्रोडक्ट कस्टमर खरीदकर ले जाए तो वह दूर लेकर जाने पर भी सुरक्षित रहे। वर्कशॉप में मुख्य रूप से एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर चिरंजीलाल कटारिया, सुधीर कुमार सिंह तथा सुरेश प्रसाद सहित उनकी टीम के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
सरस मेले के 13वें दिन बुधवार को लोगों ने यहां जमकर खरीदारी की। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट तथा हैंडलूम के उत्पादों की यहां महिलाओं ने खरीदारी की। नोएडा हाट में आयोजित सरस मेले में मौजूद 29 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रतिदिन आयोजन किया जा रहा है। सरस मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है।

मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद हैं। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग ले रहे हैं। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। सरस आजीविका मेले में इस बार महत्त्वपूर्ण इंडिया फूड कोर्ट में देश भर के 20 राज्यों की 80 (उद्धमी) गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं, जिसमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त हो रहा है। सरस आजीविका मेला 2024 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन हैं, जो हैंडलूम, साड़ी और ड्रेस मेटिरियल में विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं- टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, काथा की साड़ियांं, राजस्थानी प्रिंट, चंदेरी साड़ियां। हिमाचल उत्तराखंड के ऊनी उत्पाद व हैंडलूम के विभिन्न उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य सहित मेले में पूरे भारत की ग्रामीण संस्कृति के विविधता भरे उत्पाद उपलब्ध हैं। इसके साथ ही हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध हैं। साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे। साथ ही मेले में बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है।

सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं न केवल आजीविका के अवसर सृजन कर रही हैं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बेहतरीन उदाहरण देश के सामने पेश कर रही हैं। यह निश्चित रूप से आजीविका यात्रा में एक मील का पत्थर है। वहीं, मेले मै सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। सरस मेले में 13वें दिन बुधवार को पंजाब के प्रसिद्ध भांगड़ा तथा गिद्दा की शानदार प्रस्तुति से कलाकारों ने समां बांध दिया।

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