यमुना प्राधिकरण ने 8 साल में 16 मंजिल फ़्लैट्स बनाये, बिना लिफ्ट और कंप्लीशन के कर रहे रजिस्ट्री, डीडीए के पूर्व अफसर ने मुख्यमंत्री को भेजी चिट्ठी, कहा जांच कराओ
1 min read-यमुना प्राधिकरण ने 16 मंजिले फ्लैट बना दिए,
-लिफ्ट लगी नहीं, कार्य के पूरे हुए बिना रजिस्ट्री
-आवंटी हैरान, परेशान, कोई सुनवाई नही
विनोद शर्मा, ग्रेटर नोएडा।
गौतमबुद्ध नगर जिले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण में लाखों बिल्डर अपने फ्लैट पर कब्जा पाने के लिए तरस रहे हैं। उन्हें प्राधिकरण इस लिए कब्जा नहीं दे रहा है कि बिल्डर ने अभी फ्लैट तैयार नहीं किए हैं। इस कारण उनकी रजिस्ट्री भी नहीं हो रही हैं। इन सबके बीच यमुना प्राधिकरण के फ्लैट की ऐसी योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है जिसमें प्राधिकरण ने वर्ष 2013 की स्कीम के फ्लैट 8 साल बाद तैयार किए हैं और उन फ्लैटों की रजिस्ट्री कराई जा रही है। खास बात यह है कि इन फ्लैटों में लिफ्ट नहीं लगी हैं तब सवाल यह उठ रहा है कि बिना लिफ्ट के इन फ्लैट्स से जुड़े प्रोजेक्ट को कंप्लीशन सर्टिफिकेट कैसे प्राधिकरण ने दे दिया। क्या इन्हें तैयार करने वाली कंपनी ने कागजों में प्रोजेक्ट पूरा कर दे दिया और अधिकारियों ने बिना मौके पर परीक्षण किए फ्लैट्स की परियोजना को कंप्लीशन सर्टिफिकेट दे दिया।
डीडीए के पूर्व अधिकारी ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भेजी चिट्ठी
नोएडा सेक्टर 93 निवासी राकेश पति त्रिपाठी ने इस प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग को लेकर मुख्यमंंत्री योगी आदित्यनाथ व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिए जानकारी दी है कि यमुना प्राधिकरण ने सेक्टर 22 डी में वर्ष 2013 में फ्लैट की स्कीम लांच की थी। इस स्कीम में वन बीएचके के चार मंजिले 1818 फ्लैट और 2 बीएचके के 1248 फ्लैट बनाये जाने की योजना थी। योजना के अनुसार इनकी तब अनन्तिम लागत 16 लाख 16 हजार वन बीएचके और 27 लाख 63 हजार 2 बीएचके के लिए तय की गई थी। स्कीम के अनुसार 42 महीने के अंदर फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाना था। राकेश पति त्रिपाठी को फ्लैट नंबर 404 का आवंटन वर्ष 2013 में हो गया। उन्होंने बैंक से लोन लेकर फ्लैट की पूरी राशि जमा कर दी। आवंटन योजना के लिए आठ साल इंतजार करने के बाद 18 जून 2021 को यमुना प्राधिकरण ने चेक लिस्ट जारी करके कहा कि इस योजना के फ्लैट की लीज रजिस्टर्ड कराकर अगले छह माह में कब्जा प्राप्त कर लें। उन्होंने प्राधिकरण के नियमानुसार 30 दिसंबर 2021 में फ्लैट की रजिस्ट्री भी करा दी। जब वह फ्लैट देखने मौके पर गए तो पता चला कि 16 मंजिल के इन फ्लैट्स में लिफ्ट नहीं लगी है और इनका कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जारी नहीं हुआ है। राकेश पति त्रिपाठी ने सवाल किया है कि इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री बिल्डिंग बायलाज का उल्लंघन करके की जा रही है। यहीं नहीं यहां फायर फाइटिंग की भी एनओसी नहीं ली गई है। प्राधिकरण ने बिना कब्जे के सवा लाख रूपये आरडब्ल्यूए के नाम से भी मेंटिनेंस के नाम से जमा कराया है जो कि नियमानुसार गलत है।
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में राकेश पति त्रिपाठी ने कहा कि प्राधिकऱण ने वहां पर अभी तक सडक, पार्क, बाउंड्रीवाल व स्कूल आदि की मूलभूत सुविधाएं तक नहीं दी हैं। उनकी पीडा यह है कि वे रिटायर्ड अधिकारी हैं बैंक से लोन लेकर फ्लैट खरीदा है। पेंशन का बड़ा हिस्सा लोन की किश्त देने में चुका रहा हैं। फ्लैट का कब्जा ना मिलने के कारण किराए के मकान में रह रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि जब तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिल जाता तब तक यमुना प्राधिकरण में उनकी तरफ से जमा रकम का ब्याज दिलाया जाए और इस बात की जांच कराई जाए कि बिना लिफ्ट व कंप्लीशन के लीज रजिस्टर्ड कराई गई। खास बात यह है कि राकेश पति त्रिपाठी डीडीए में 39 साल कार्य कर रिटायर हुए और उसके बाद प्रधानमंत्री उदय योजना में सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं। राकेश त्रिपाठी जैसे सैंकडों आवंटी इस प्रोजेक्ट में लिफ्ट को लेकर आए दिन सोशल मीडिया पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते रहते हैं।
(लेखक विनोद शर्मा, नवभारत टाइम्स के विशेष संवाददाता रह चुके हैं। अब नोएडा खबर के लि)
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ग्रेटर नोएडा में बहुमंज़िला इमारतों में बिना लिफ़्ट लगाये क्म्पलीशन सर्टिफिकेट जारी कर देना कैसे सम्भव हुआ ? रजिस्ट्री कराने के बाद भी मकान का क़ब्ज़ा नहीं मिलने पर श्री राकेश पति त्रिपाठी की परेशानी को समझते हुए सम्बंधित अधिकारी के ऊपर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है और यथाशीघ्र लिफ़्ट लगवा कर क़ब्ज़ा दिया जाना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।