

विनोद शर्मानोएडा, (नोएडा खबर डॉट कॉम)
सैक्टर-94, महामाया फ्लाईओवर के ठीक पास, 18.27 एकड़ में फैले उस जंगल में कदम रखते ही लगा जैसे सचमुच अफ्रीका के सवाना में पहुँच गए हों। दूरी पर एक 20 फुट ऊँचा जिराफ़ सिर ऊँचा किए खड़ा है, उसकी गर्दन पर पुराने सरियों की चमक अभी भी सूरज में चमक रही है। पास ही शेर की दहाड़ गूँजती है – वो आवाज़ असली नहीं, लेकिन इतनी सटीक कि रोंगटे खड़े हो जाएँ। ये कोई साधारण पार्क नहीं, ये दुनिया का सबसे बड़ा ‘वेस्ट टू वंडर’ थीम पार्क है – नाम है नेचर ट्रेल ऑफ़ आर्टिफिशियल जू।
इस अनोखे कृत्रिम चिड़ियाघर का उद्घाटन सोमवार एक दिसम्बर को नोएडा के विधायक पंकज सिंह और गौतमबुद्धनगर के सांसद प्रतिनिधि संजय बाली ने संयुक्त रूप से किया। मंच पर मौजूद रहे नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम., विशेष कार्याधिकारी (एमपी) महेन्द्र प्रसाद, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वन्दना त्रिपाठी, महाप्रबन्धक (उद्यान/सिविल) ए.के. अरोड़ा, महाप्रबन्धक (सिविल) विजय रावल, निदेशक (उद्यान) आनन्द मोहन सिंह और प्राधिकरण के तमाम वरिष्ठ अधिकारी।
लोकेश एम. ने बताया, “यह पार्क सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, पर्यावरण संदेश भी है। हमने नोएडा की विभिन्न साइटों पर पड़े 400 टन कबाड़ – पुराने सरिये, लोहे के एंगल, बेकार तार, बिजली के पोल – को नया जीवन दिया है।” पूरा प्रोजेक्ट COM (कंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस) आधार पर मेसर्स ज़-टेक (इंडिया) लिमिटेड ने तैयार किया है।
पार्क को छह महाद्वीपों के थीम में बाँटा गया है:
- ऑस्ट्रेलिया जोन – कंगारू, कोआला और प्लैटिपस
- एशिया जोन – बाघ, हाथी, एक सींग वाला गैंडा
- यूरोप जोन – भालू, हिरण और उल्लू
- अफ्रीका जोन – शेर, जिराफ़, ज़ेबरा, चीता
- नॉर्थ एंड साउथ अमेरिका जोन – ग्रिज़ली बियर, जगुआर, कोंडोर
- एक्वा जोन – व्हेल, शार्क, ऑक्टोपस और मगरमच्छ
हर जोन में जानवरों की विशालकाय मूर्तियाँ हैं, जो सिर्फ़ दिखती ही नहीं, आवाज़ भी करती हैं। सेंसर के ज़रिए जैसे ही आप पास जाते हैं, शेर दहाड़ता है, हाथी चिंगाड़ता है, तोते चहचहाते हैं – पूरा जंगल जिंदा हो उठता है।सबसे ख़ूबसूरत है हरियाली।
मियावाकी तकनीक से 3.50 लाख से ज़्यादा देशी पौधे लगाए गए हैं। दो-तीन साल में यहाँ घना जंगल तैयार हो जाएगा। पार्क में बच्चों के लिए प्ले एरिया, एम्फीथिएटर, फ़ूड कोर्ट, गोल्फ कार्ट, टॉयलेट और भरपूर पार्किंग की सुविधा है।
बोटैनिक गार्डन ऑफ़ इंडियन रिपब्लिक (बगिअर) और ओखला बर्ड सेंचुरी से सटा होने की वजह से यह जल्दी ही दिल्ली-एनसीआर के टूरिस्टों का नया पसंदीदा डेस्टिनेशन बनने वाला है।पंकज सिंह ने उद्घाटन के बाद कहा, “ये पार्क साबित करता है कि कबाड़ भी कला बन सकता है और पर्यावरण भी बच सकता है। नोएडा ने दुनिया को एक नया मॉडल दिया है।”तो इस वीकेंड अगर आप कुछ अलग देखना चाहते हैं, तो सैक्टर-94 पहुँचिए। यहाँ कबाड़ नहीं, एक तिलिस्मी जंगल आपका इंतज़ार कर रहा है – जहाँ हर कदम पर दहाड़ें गूँजती हैं और लोहे के जानवर ज़िंदा हो उठते हैं।
नेचर ट्रेल ऑफ़ आर्टिफिशियल जू – सचमुच वंडर है!
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